इस बार आयोजनकर्ता थे योग्यशाला संस्थान के संयोजक और एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी। मेड़ता के आदर्श नवोदय विद्यालय परिसर में रविवार को आयोजित सर्वधर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन के दौरान 48 हिंदू और 3 मुस्लिम समाज के जोड़े जीवनसाथी बने।
समाज में अपनी शान-शौकत दिखाने और धूमधाम से विवाह करने की सोच के कारण लोग एक ही शादी में लाखों रुपए खर्च करते हैं। लेकिन जब सामूहिक विवाह सम्मेलन में कई शादियां लाखों रुपए के खर्च में हो जाए तो फिजुलखर्ची को रोकने के साथ लोगों में जागरूकता का संदेश भी जाता है। मेड़ता में सबसे पहले सर्वधर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन 2019 में शाह एकता समिति के तत्वावधान में हुआ था। उस समय 86 जोड़ों की शादी हुई थी। अब 1008 जोड़ों का निशुल्क विवाह करवाने का संकल्प लेने वाले एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी की छोटी बहन आकांक्षा के विवाह अवसर पर आदर्श नवोदय शिक्षण संस्थान परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंच पर एक साथ हिंदू व मुस्लिम दोनों समुदायों के धर्मगुरु मौजूद रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वेबेक्स के जरिए ऑनलाइन इस आयोजन से जुड़े। उन्होंने कहा कि अभिषेक और एनएसयूआई ने जो बीड़ा उठाया है वह काबिले तारीक है। ऐसे ऊजार्वान कार्य देखकर मुझे मेरा बचपन याद आता है, क्योंकि मैं भी जब एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष था तब वहीं से राजनीति के साथ सामाजिक सरोकार शुरू किए थे। राजनीति के साथ सामाजिक सरोकार के कार्य भी होने चाहिए, जो हम बखूबी निभा रहे हैं।
धर्मगुरुओं ने नवजोड़ों को दिया आशीर्वाद
इस दौरान रामस्नेही संप्रदाय रेण पीठ के आचार्य सज्जनराम महाराज, शहर काजी मोहम्मद अकरम उस्मानी, पौह धाम आश्रम के महंत रामनिवास दास महाराज सहित कई धर्मगुरुओं ने अपने विचार रखे और परिणय सूत्र में बंधने जा रहे 51 जोड़ों को आशीर्वाद दिया। इस दौरान प्रधान संदीप चौधरी, गांधी दर्शन के जिला संयोजक जगदीशनारायण शर्मा, पूर्व विधायक रामचंद्र जारोड़ा, पुखराज कमेडिय़ा, मांगूराम रिणवा सहित अतिथियों ने भी विचार व्यक्त किए। उपखंड अधिकारी शैतानसिंह राजपुरोहित, तहसीलदार भागीरथ चौधरी, विकास अधिकारी डॉ. मूलाराम जांगू ने कोविड प्रोटोकॉल की पालना को लेकर मॉनिटरिंग की।
22 जोड़े ऐसे जिन्होंने माता-पिता को खोया, अब सम्मेलन में हुई शादी, सभी को मिले उपहार सर्वधर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन के दौरान 51 में से 22 जोड़े ऐसे थे, जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया। इनमें भी अधिकांश अनुसूचित जाति के वर-वधू थे। विवाह संपन्न होने के बाद सभी जोड़ों को उपहार स्वरूप पलंग, सिलाई मशीन, पंखा दिए गए। साथ ही भामाशाहों ने भी कन्याओं के लिए ढाई लाख रुपए कन्यादान दिया। सम्मेलन में एक तुलसी-शालिगराम विवाह भी हुआ। इस दौरान मीरा महिला मंडल अध्यक्ष उमा शर्मा रजत, केसर देवी स्कूल की निदेशक उषा चौधरी, एडवोकेट महिपाल लटियाल, सुखदेव ज्याणी, एनएसयूआई शहर अध्यक्ष अनिल सारस्वत, सीताराम लामरोड, घनश्याम सेवदा, सुशील जाजड़ा, बाबूलाल कमेडिय़ा सहित विवाह समिति से जुड़े सदस्य मौजूद रहे।