नागौर

178 नहीं जिले में कोरोना से 550 रोगियों की हुई मौत

नागौर. कोरोना संक्रमण से मृत महिला के पति को भी मुआवजा मिलने लगा है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से पूरे जिले में मृतक की संया 178 हो पर करीब साढ़े पांच सौ मृतकों के परिवार को एक-एक लाख का मुआवजा और पेंशन चालू हो चुकी है। यानी मेडिकल विभाग की ओर से जारी मृतकों की संया से करीब तीन गुना अधिक लोग कोरोना की भेंट चढ़े हैं।सूत्रों के अनुसार जिलेभर में अप्रेल 2020 से लेकर अब तक कोरोना संक्रमण से मरे लोगों की संया 178 है।

नागौरJan 14, 2022 / 10:54 pm

Sandeep Pandey

कोरोना संक्रमित महिला के पति को अब पचास हजार की अनुग्रह राशि-सौ पर एक नहीं तीन के औसत से हुई कोरोना संक्रमितों की मौत

ये आंड़ा वही है जिन्होंने अस्पताल में दम तोड़ा। इसके अलावा 372 और लोगों ने कोरोना की चपेट में आकर दम तोड़ा है। हालांकि कोरोना से मरने वालों की संया नागौर जिले में शुरू से ही विवादों में रही। असल में अस्पताल में हुई कोरोना संक्रमित की मौत को ही इन्होंने अपने खाते में जोड़ा। इस आधिकारिक आंकड़े को ही लोगों ने माना। सरकारी बैठकों से लेकर चल रहे सभी दस्तावेजों में मृतकों की संया वही चलती रही जो मेडिकल विभाग की ओर से जारी हुई। इसके हिसाब से नागौर ब्लॉक में 64, मेड़ता में 18, मकराना 15, कुचामन 7, डेगाना 9, परबतसर 4, डीडवाना 7, लाडनूं 17, जायल 18, मूण्डवा 13 व रियांबड़ी ब्लॉक में 6 यानी कुल 178 कोरोना रोगियों की मौत हुई है। जिले के अधिकांश लोग भी इसी आंकड़े को अब भी सच मान रहे हैं। इधर इसके विपरीत देखें तो साढ़े पांच सौ लोगों की कोरोना से मौत इसी जिले में मानी भी गईं और मुआवजा भी दिया गया। जिादार इस पर अपना-अपना तर्क भले ही रखें, लेकिन यह तो सच है कि कोरोना से मरने वालों की कुल संया साढ़े पांच सौ तो आधिकारिक है। इनकी मृत्यु कोरोना से ही हुई, इसकी पुष्टि ब्लॉक स्तर पर गठित कमेटी की अनुशंसा के बाद जिला कलक्टर ने इसकी हरी झण्डी दी। इसके अलावा उनकी संया तो अभी पता ही नहीं जो मरे तो कोरोना संक्रमण से पर न तो मुआवजा के लिए उनकी अर्जी आई न ही उनके परिजन अथवा समिति की ओर से उनको कोरोना संक्रमित घोषित करने की कोई पहल हुई। महिला की मौत पर अब पति को सहयोग राशिसूत्रों का कहना है कि कोरोना से मृत महिलाओं के पति को अब तक कोई मुआवजा नहीं मिला था। अब सरकार पचास-पचास हजार की अनुग्रह राशि देने के लिए ऑनलाइन फार्म भरवा रही है। अब तक कोरोना संक्रमण में मरे पुरुषों की पत्नी को एक-एक लाख रुपएऔर पंद्रह सौ महीने की पेंशन दी जा रही थी। बताया जाता है कि कोरोना संक्रमण से मरी महिलाओं के पति/परिवार को कुछ नहीं मिला। इस पर अलग-अलग तरीके से मांग उठी। अब सरकार वो परिजन जो इससे वंचित रहे थे, उनसे आवेदन ले रही है। यहां सहयोग राशि पचास हजार है पर किसी तरह की पेंशन नहीं दी जाएगी। कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों को ढाई-ढाई हजार बतौर पेंशन, एक-एक लाख का मुआवजा दिया जा रहा है। इन बच्चों की उम्र 18 साल होने पर इन्हें पांच-पांच लाख की राशि और मिलेगी। ऐसे तो सौ पर तीन की मौतसूत्रों की मानें तो नागौर जिले में करीब अठारह हजार कोरोना पॉजिटिव अब तक पाए गए। मेडिकल विााग के आंकड़ों के हिसाब से हुई 178 मौतों का आकलन करें तो सौ में से एक, हजार पर दस कोरोना रोगियों की मौत का औसत निकलता है। इधर, सरकारी तौर पर स्वीकृत साढ़े पांच सौ का एवरेज निकालेंगे तो सौ में से तीन कोरोना रोगियों की मौत हुई है। मतलब साफ है कि जिले में कोरोनो पॉजिटिव की मृत्यु दर सौ पर तीन की रही। यह अलग बात है कि उनकी मौत अस्पताल में नहीं हुई पर मरे तो कोरोना से ही। इनका कहना अनुग्रह राशि के लिए ऑनलाइन आवेदन एक जनवरी से लिए जा रहे हैं। इनमें मृतक महिला के पति को भी पचास-पचास हजार का मुआवजा दिया जाएगा हालांकि इसमें पेंशन अथवा अन्य कोई लाभ नहीं मिलेगा। जिले में कोरोना से मरने वालों की संया 550 है,
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ब्लॉक स्तर पर गठित समिति की जांच के बाद भेजे प्रकरण को कलक्टर से हरी झण्डी दी, हमारे विभाग ने उनको मिलने वाली सहायता मुहैया कराई। रामदयाल मांजू, सहायक निदेशक, सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग नागौर

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