ऐसे बढ़ा मतदान का प्रतिशत
सुबह मतदान की गति धीमी रही खींवसर विधानसभा क्षेत्र के 266 बूथों पर सुबह 9 बजे तक 8.26 प्रतिशत, 11 बजे तक 25.4 प्रतिशत, दोपहर एक बजे 37.97 प्रतिशत, तीन बजे तक 49.95 प्रतिशत, शाम पांच बजे तक 60.36 प्रतिशत तथा शाम 6 बजे तक 62.49 प्रतिशत मतदाता लोकतंत्र के महापर्व के यज्ञ में आहुति देने पहुंचे।
सुबह मतदान की गति धीमी रही खींवसर विधानसभा क्षेत्र के 266 बूथों पर सुबह 9 बजे तक 8.26 प्रतिशत, 11 बजे तक 25.4 प्रतिशत, दोपहर एक बजे 37.97 प्रतिशत, तीन बजे तक 49.95 प्रतिशत, शाम पांच बजे तक 60.36 प्रतिशत तथा शाम 6 बजे तक 62.49 प्रतिशत मतदाता लोकतंत्र के महापर्व के यज्ञ में आहुति देने पहुंचे।
अधिकारियों ने रखी नजर
अजमेर रेंज के पुलिस आईजी संजीव नार्जरी, जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. विकास पाठक, उपखण्ड अधिकारी एवं रिटनिंग अधिकारी डॉ. इन्द्रजीत यादव एवं तहसीलदार रामस्वरूप जौहर दिनभर मतदान की स्थिति का जायजा लेते रहे।
अजमेर रेंज के पुलिस आईजी संजीव नार्जरी, जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. विकास पाठक, उपखण्ड अधिकारी एवं रिटनिंग अधिकारी डॉ. इन्द्रजीत यादव एवं तहसीलदार रामस्वरूप जौहर दिनभर मतदान की स्थिति का जायजा लेते रहे।
एक घंटा देरी से मिला मतदान अपडेट
आम तौर पर लोकसभा व विधानसभा चुनाव में पोलिंग पार्टी की ओर से कंट्रोल रूम को एसएमएस से मतदान प्रतिशत की जानकारी दी जाती है, जिससे मतदान की ताजा स्थिति का तत्काल पता लग जाता है, लेकिन इस बार उप चुनाव में एसएमएस आधारित सेवा नहीं होने से मतदान दलों से मैनुअल सूचना लेनी पड़ी। इसके चलते अलग-अलग समय के मतदान प्रतिशत का बुलेटिन तैयार करने में एक घंटा विलंब हुआ।
आम तौर पर लोकसभा व विधानसभा चुनाव में पोलिंग पार्टी की ओर से कंट्रोल रूम को एसएमएस से मतदान प्रतिशत की जानकारी दी जाती है, जिससे मतदान की ताजा स्थिति का तत्काल पता लग जाता है, लेकिन इस बार उप चुनाव में एसएमएस आधारित सेवा नहीं होने से मतदान दलों से मैनुअल सूचना लेनी पड़ी। इसके चलते अलग-अलग समय के मतदान प्रतिशत का बुलेटिन तैयार करने में एक घंटा विलंब हुआ।
कंट्रोल रूम से लाइव जुड़े मतदान केन्द्र
मतदान केन्द्रों पर फर्जी मतदान व किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई थी। साथ ही मतदाता की पहचान के लिए एक व्यक्ति की अलग से ड्यूटी लगाई गई। मतदान केन्द्रों पर चल रही मतदान प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए वेब टेलीकास्टिंग की व्यवस्था की गई। इससे पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में स्थित कंट्रोल रूम में बैठे कार्मिक सीधे लाइव देख रहे थे तथा किसी व्यक्ति के बार-बार मतदान केन्द्र पर आने या अन्य गड़बड़ी को देखकर कार्रवाई के लिए आगे सूचना भेज सके।
मतदान केन्द्रों पर फर्जी मतदान व किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई थी। साथ ही मतदाता की पहचान के लिए एक व्यक्ति की अलग से ड्यूटी लगाई गई। मतदान केन्द्रों पर चल रही मतदान प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए वेब टेलीकास्टिंग की व्यवस्था की गई। इससे पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में स्थित कंट्रोल रूम में बैठे कार्मिक सीधे लाइव देख रहे थे तथा किसी व्यक्ति के बार-बार मतदान केन्द्र पर आने या अन्य गड़बड़ी को देखकर कार्रवाई के लिए आगे सूचना भेज सके।