आगार के मुख्य प्रबंधक ने बताया कि बांद्रा ट्रेन से आए 660 प्रवासी श्रमिकों को घर तक पहुंचाया गया। इसके लिए रेलवे स्टेशन पर 19 बसें लगाई गई। मंगलवार संचालित हुई इन बसों को जिले के विभिन्न गांवों तक भेजा गया। रोडवेज बस सेवा से श्रमिकों को काफी राहत मिली। इन दिनों रेलवे स्टेशन तक लाने-ले जाने में रोडवेज बसें महती भूमिका निभा रही हैं।
अब घर आ रहे प्रवासी
व्यवसाय और नौकरी के सिलसिले में जिले के कई लोग अन्य राज्यों में प्रवासरत हैं। लॉक डाउन के दौरान उनका कारोबार बंद है। बिना काम-काज कई दिनों से वहीं अटके लोग अब छूट मिलने से घर आ रहे हैं।
व्यवसाय और नौकरी के सिलसिले में जिले के कई लोग अन्य राज्यों में प्रवासरत हैं। लॉक डाउन के दौरान उनका कारोबार बंद है। बिना काम-काज कई दिनों से वहीं अटके लोग अब छूट मिलने से घर आ रहे हैं।
रेल से बिहार गए श्रमिक
नागौर जिले के विभिन्न उपखंड क्षेत्रों से बुधवार को श्रमिक बिहार के लिए रवाना हुए। इनको राजस्थान रोडवेज की कुल 30 बसों से नागौर रेलवे स्टेशन लाया गया, जहां से ट्रेन में रवाना हुए। इसमें नागौर व डीडवाना आगार की पंद्रह-पंद्रह बसें शामिल रही। बसों के जरिए कुल 853 श्रमिकों को नागौर स्टेशन पहुंचाया गया।
नागौर जिले के विभिन्न उपखंड क्षेत्रों से बुधवार को श्रमिक बिहार के लिए रवाना हुए। इनको राजस्थान रोडवेज की कुल 30 बसों से नागौर रेलवे स्टेशन लाया गया, जहां से ट्रेन में रवाना हुए। इसमें नागौर व डीडवाना आगार की पंद्रह-पंद्रह बसें शामिल रही। बसों के जरिए कुल 853 श्रमिकों को नागौर स्टेशन पहुंचाया गया।