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Nagaur patrika news. एक ऐसा शहर जहां रात में रहता है इनका राज…..श-श-श…!

locationनागौरPublished: Nov 20, 2020 09:27:03 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur patrika news. जिले में रात्रि में ऑटो वाहन चालकों का राज रहता है। रात्रि में मुश्किलों में फंसे यात्रियों की जुबानी उनकी पीड़ा झलकी

A city where they live at night, their rule… .. Sh-Sh-Sh…!

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नागौर. जिले में रात्रि में ऑटो वाहन चालकों का राज रहता है। रात्रि में मुश्किलों में फंसे यात्रियों की जुबानी उनकी पीड़ा झलकी। विडंबनापूर्ण स्थिति यह रहती है कि जिले मकराना, लाडनू, कुचामन, डीडवाना, डेगाना, रियाबड़ी आदि क्षेत्रों में रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड से अपने गंतव्यों तक जाने वाले यात्री रात्रि में ऑटो चालकों की मनमर्जी का शिकार बन चुके हैं। इनका कहना है कि भाईसाब यह जिला अब जंगल बन गया है, जहां पर जो ताकतवर है उनका ही राज चलता है। रात में कोई गलती से सफर न करें, वना यह ऑटो चालक अपनी हस्ती उसे दिखा देते हैं।
मकराना के भीवाराम, कुचामन के शंकरराम, रामनिवास, नागौर दयालू, शिवराज, डीडवाना के हनुमानाराम, रामसुमेर, मेड़ता के सीताराम आदि से ऑटो वाहनों की मनमर्जी का शिकार बन चुके हैं। कुचामन के रामनिवास ने बताया कि रेलवे स्टेशन से आपको अगर दिन में बस स्टैंड तक जाना है तो महज 100 रुपए में ही चले जाएंगे, लेकिन शाम को सूर्याास्त के बाद यही ऑटो वाहन संचालकों का किरया तीन से चार गुना बढ़ जाता है। महज 12 किलोमीटर की दूरी के लिए आपको पांच सौ से छह सौ रुपए तक देने पड़ते हैं। शंकरराम ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ कुछ दिनों पहले ही कुचामन रेलवे स्टेशन से बस स्टैंड तक आया, और उसे साढ़े पांच सौ रुपए ऑटो वाहन के चालक को देने पड़े। दिक्कत यह भी रहती है कि रात्रि में न तो कोई वहां पर सुरक्षाकर्मी रहता है, और न ही इनकी मनमर्जी की रोकथाम करने वाला कोई जिम्मेदार। ऐसे में परिवार सहित यदि आपके साथ छोटे बच्चे हों तो फिर इनकी बात माननी ही पड़ती है। डीडवाना के हनुमानाराम ने कहा कि चाहे बस स्टैंड हो या फिर रेलवे स्टेशन, दोनों में से किसी भी जगह आप रात में फंस गए तो किराया इनकी मनमर्जी का देना ही पड़ता है। मेड़ता के सीताराम ने बताया कि वह तो सबक ले चुके हैं कि परिवार के साथ रेलवे स्टेशन पर रह जाएंगे, लेकिन इन ऑटो वाहन चालकों ेके साथ नहीं जाएंगे। कारण पूछने पर बताते हैं कि रात्रि में इनका ही राज चलता है। शिकायत सुनने वाला कोई जिम्मेदार ही नहीं रहता है। अब इनकी शिकायत करें भी तो कहां करे। इन ऑटो वाहन चालकों में एकता इतनी ज्यादा रहती है कि एक ने मना कर दिया तो फिर दूसरा भी आपको नहीं ले जाएगा।

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