हलक तर करने को कोसों सफर
नागौरPublished: May 18, 2018 12:34:02 pm
न पंचायतों को पता न विभाग को जानकारी, गांवों में जेजेवाई के नलकूप खोटे
A journey that needs to be overcome
खींवसर. गर्मी का मौसम पूरी तरह से आया भई नहीं और गांवों में जल संकट बना हुआ है। नलकूप खराब है तो कहीं पानी रसातल चला गया है। इससे ग्रामीणों को हलक तर करने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। स्कूलों में भरी दोपहरी में बच्चों को दूर-दूर से पानी ढोना पड़ रहा है। अभी से यही हालात है तो जून महीने में स्थिति क्या होगी इसका अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है। गांवों में लोगों की प्यास बुझाने के लिए संचालित जनता जल योजना के नलकूपों का कोई धणी-धोरी नहीं है। नलकूपों की क्या स्थिति है, इसकी जानकारी न तो ग्राम पंचायतों को है न ही विभाग को। इस कारण ग्रामीणों को सरकारी नलकूपों का लाभ नहीं मिल रहा है। अनेक गांवों में जीएलआर क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी का रिसाव होता है। नलकूप बन्द होने से जीएलआर सूख जाते है। अधिकांश नलकूपों के नल नहीं होने के कारण पानी भरने में दिक्कत होती है। एक भी नलकूप पर बिजलीघर के लिए कमरा नहीं है। कहीं स्टैंड बना हुआ है, तो वह जमीन पर गिर गया है। इससे हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। ग्रामीण नलकूपों की टूटी पाइप से पानी भरते समय भीग जाते हैं। बैरावास ग्राम पंचायत के अधिकांश जीएलआर की छत टूटी पड़ी है और ग्रामीण गंदा एवं दुर्गन्ध युक्त पानी पीने को मजबूर है। भाकरोद के अनेक गली मोहल्लो में कई दिन से पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है। गांव का मुख्य पेयजल स्त्रोत देवीसागर का पानी सूख गया है तो दूसरी ओर जल सप्लाई नहीं होने से ग्रामीणों को मुंह मांगें दामों पर पानी के टैंकर डलवाने पड़ रहे हैं। ऐसे में गरीबों की हालत अत्यंत खराब है। ग्रामीण अनिल, रमेश, मींरा देवी, पप्पु मिर्धा, जोरा देवी, प्रदीप ईनाणियां ने बताया कि पिछले 10 दिनों से पीने के पानी की सप्लाई बंद है।