scriptA large part of seven years of life was spent to honor the martyred so | जिंदगी के सात साल का बड़ा हिस्सा शहीद बेटे को सम्मान दिलाने के लिए बीता, मनाही पर टूट गया मोहनराम | Patrika News

जिंदगी के सात साल का बड़ा हिस्सा शहीद बेटे को सम्मान दिलाने के लिए बीता, मनाही पर टूट गया मोहनराम

locationनागौरPublished: Oct 12, 2023 08:53:56 pm

Submitted by:

Sandeep Pandey


कलक्ट्रेट/एसपी दफ्तर में गाहे-बगाहे देता है पत्र, दिला दो बेटे को राष्ट्रपति पुलिस पदक, केन्द्र सरकार ने कर दी मनाही फिर भी कह रहा है कि संघर्ष नहीं छोडृंगा, जब फैज मोहम्मद को मिला तो खुमाराम को क्यों नहीं

खुमाराम की शहादत
बेटे कांस्टेबल खुमाराम की शहादत पर बड़ा गुमान था, पिता मोहनराम को। इन सात साल में एसपी भी बदले और कलक्टर भी पर नहीं बदला तो मोहनराम। गुढ़ा भगवान दास से करीब 35 किलोमीटर की दूरी है नागौर मुख्यालय में बने जिला कलक्ट्रेट और एसपी कार्यालय की। पिछले सात साल से कमोबेश यहीं बीता है उसकी जिंदगी का बड़ा हिस्सा।
नागौर. बेटे कांस्टेबल खुमाराम की शहादत पर बड़ा गुमान था, पिता मोहनराम को। इन सात साल में एसपी भी बदले और कलक्टर भी पर नहीं बदला तो मोहनराम। गुढ़ा भगवान दास से करीब 35 किलोमीटर की दूरी है नागौर मुख्यालय में बने जिला कलक्ट्रेट और एसपी कार्यालय की। पिछले सात साल से कमोबेश यहीं बीता है उसकी जिंदगी का बड़ा हिस्सा।
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