सूत्र बताते हैं कि पंचायत समिति से प्रस्ताव की फाइल आती है, उस पर सीईओ मार्किंग कर संबंधित शाखा को भेजते हैं। इसके बाद संबंधित एईएन से होकर यह एक्सईएन तक पहुंचती है। एक्सईएन यह फाइल परियोजना अधिकारी (लेखा) से सीईओ के पास पहुंचती है। सीईओ जिला कलक्टर को देता है। यानी फाइल अपने मुकाम तक इस तरह पहुंचती है। घूसकाण्ड उजागर होने के बाद सुरेश कुमार और वीरेंद्र सांगवा न्यायिक अभिरक्षा में हैं तो पूनाराम फरार । एफआईआर में इन तीनों के अलावा एक्सईएन रमजान और परियोजना अधिकार (लेखा) रामनिवास कापड़ी का नाम दर्ज किया गया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की पाली टीम ने डिप्टी महिपाल चौधरी की अगुवाई में गत 23 मार्च को नागौर में कार्यवाही हुई थी। रमजान अभी एपीओ हैं। किशोर एवं सम्प्रेषण गृह का निरीक्षण
नागौर. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार वर्मा ने राजकीय किशोर एवं सम्प्रेषण गृह का दौरा कर वहां पर विधि से संघर्षरत किशोरों को उनके अधिकारों से अवगत कराया। साथ ही उपलब्ध नि:शुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी प्रदान की। उनको दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता जांच कर विस्तृत जानकारी ली । किशोर गृह में आवासित शिशुओं के बारे में भी आया से रिपोर्ट ली गई। तत्पश्चात् सचिव वर्मा द्वारा ग्रीनवेल चिल्ड्रन सोसायटी की ओर से संचालित आश्रय गृह चोखो घर का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बच्चों से संवाद कायम कर बच्चों को दृढ़ निश्चय कर लक्ष्य निर्धारित करते हुए पढाई करने के लिए प्रेरित किया तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही बच्चों के मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। इसके बाद पवन कुमार वर्मा ने जेएलएन अस्पताल में संचालित सखी वन स्टॉप सेन्टर का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
व्याख्याता भर्ती में राजस्थानी का एक भी पद नही होना दुर्भाग्यपूर्ण नागौर,राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से स्कूल व्याख्याता सीधी भर्ती परीक्षा के लिए जारी विज्ञप्ति में मातृभाषा राजस्थानी के पद शामिल नहीं होने से राजस्थानी भाषा प्रेमी और विद्यार्थी निराश हैं।
राजस्थानी मोट्यार परिषद के प्रदेश महामंत्री प्रहलाद सिंह झोरड़ा ने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने माध्यमिक शिक्षा विभाग में रिक्त व्याख्याता पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी हुई है। जिसमें हिन्दी, उर्दू, पंजाबी सहित विभिन्न विषयों के रिक्त पदों पर आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, लेकिन राजस्थानी साहित्य विषय के लिए इसमें कोई उल्लेख नही होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में राजस्थानी साहित्य विषय के करीब 50 से अधिक पद रिक्त है फिर भी विज्ञप्ति में शामिल नहीं होने से तैयारी कर रहे हजारों छात्र छात्राओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। झोरड़ा ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से राजस्थानी विषय के पद शामिल करने की मांग करते हुए आन्दोलन की चेतावनी दी है।