उधर, जब महिला द्वारा एसपी कार्यालय में परिवाद देने की सूचना मिली तो आरोपी युवक वहां पहुंचा तथा खुद के पेट पर चाकू से वार कर हंगामा किया। इस पर कोतवाली पुलिस ने पहले उसे जेएलएन अस्पताल पहुंचाकर उपचार करवाया तथा बाद में शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के अनुसार आरोपी युवक ने कुछ दिन पूर्व महिला की गुमशुदगी भी दर्ज करवाई थी।
पोक्सो के आरोपी को भेद देता था कांस्टेबल, पुलिस के आने से पहले ही हो जाता था फरार
नागौर. पोक्सो के आरोपी को पुलिस की गतिविधियों से अवगत कराने के आरोप में मेड़ता रोड थाने के कॉन्स्टेबल सहीराम चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। उसका मुख्यालय नागौर पुलिस लाइन रहेगा। नागौर एसपी राममूर्ति जोशी ने इसके आदेश जारी किए। इस मामले में आरोपी के पिता अमराराम को जो मेड़ता सिटी में कॉन्स्टेबल थे, दो अप्रेल को निलंबित किया जा चुका है। अमराराम ने पोक्सो आरोपी राजेन्द्र की तलाश में घर पहुंची पुलिस को लेकर गाली गलोच की थी। इस पर उसे निलंबित किया गया था। इस भेदिए के चलते ही राजेन्द्र और पुलिस के बीच आंख मिचौली का खेल चल रहा था।
वाट्सएप कॉल कर दे रहा था सूचना
एस पी राममूर्ति जोशी ने बताया कि पुलिस आरोपी शिक्षक राजेन्द्र विश्नोई की तलाश कर रही थी। जहां भी पुलिस उसको पकड़ने पहुंचती, राजेन्द्र भाग जाता। इस पर पुलिस को थाने में ही किसी के उसे सूचना देने का शक हुआ। जांच पड़तांल में सामने आया कि मेड़ता रोड थाने का कांस्टेबल सहीराम चौधरी वाट्सअप कॉल/मैसेज के जरिए राजेन्द्र को सूचना देकर आगाह कर देता। ऐसे में पुलिस के पहुंचने से पहले ही वो छू मंतर हो जाता। पुलिसकर्मी होकर एक अपराधी/आरोपी को सूचना देना/उसको सहयोग करना भी अपराध की श्रेणी में आता है। सहीराम के खिलाफ जांच भी बैठाई गई है। इसके पिछले रेकोर्ड को भी खंगाला जाएगा। गौरतलब है कि सरकारी स्कूल में व्याख्याता राजेन्द्र विश्नोई पर एक छात्रा ने दोस्ती करने का झांसा देकर उस पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। शिक्षा विभाग ने राजेंद्र को पहले ही निलंबित कर दिया।
एस पी राममूर्ति जोशी ने बताया कि पुलिस आरोपी शिक्षक राजेन्द्र विश्नोई की तलाश कर रही थी। जहां भी पुलिस उसको पकड़ने पहुंचती, राजेन्द्र भाग जाता। इस पर पुलिस को थाने में ही किसी के उसे सूचना देने का शक हुआ। जांच पड़तांल में सामने आया कि मेड़ता रोड थाने का कांस्टेबल सहीराम चौधरी वाट्सअप कॉल/मैसेज के जरिए राजेन्द्र को सूचना देकर आगाह कर देता। ऐसे में पुलिस के पहुंचने से पहले ही वो छू मंतर हो जाता। पुलिसकर्मी होकर एक अपराधी/आरोपी को सूचना देना/उसको सहयोग करना भी अपराध की श्रेणी में आता है। सहीराम के खिलाफ जांच भी बैठाई गई है। इसके पिछले रेकोर्ड को भी खंगाला जाएगा। गौरतलब है कि सरकारी स्कूल में व्याख्याता राजेन्द्र विश्नोई पर एक छात्रा ने दोस्ती करने का झांसा देकर उस पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। शिक्षा विभाग ने राजेंद्र को पहले ही निलंबित कर दिया।