उपखंड अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि गोचर में हुए कच्चे-पक्के निर्माण हटाकर लगभग 100 बीघा भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया। गौरतलब है कि यह कार्रवाई राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के गोचर भूमि से संबंधित एक जनहित याचिका के निस्तारण के तहत की गई। कार्रवाई के दौरान उपखंड अधिकारी अनिल कुमार, डीडवाना वृत्ताधिकारी गोमाराम, तहसीलदार कुलदीप भाटी, थानाधिकारी मुकुट बिहारी मीणा, नायब तहसीलदार उमाराम सहित पुलिस जाप्ता मौजूद रहा।
सात हजार बीघा का है पूरा मामला
जनहित याचिका जसवन्तगढ के स्थानीय निवासी विजेन्द्र किशोर नागर व अन्य बनाम राजस्थान सरकार व अन्य ने राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर की गई। याचिकाकर्ता की पैरवी अधिवक्ता राजेन्द्र सोनी व रूपचन्द सैन ने की। अधिवक्ता ने बताया कि गांव जसवन्तगढ़ तहसील लाडनू के पास लगभग 7 हजार बीघा गोचर भूमि थी। जिस पर लोगों ने कब्जा कर लिया। शेष बची भूमि सरकार ने ताल छापर के हिरण अभयारण्य को स्थानान्तरित करने के लिए आवंटित की जा रही है एवं कुछ लोगों ने भूमि पर कच्चे पक्के निर्माण कर लिए हैं। जिस पर न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व रामेश्चर व्यास ने आदेश दिया था कि भूमि से समस्त अतिक्रमण हटाया जाए।
जनहित याचिका जसवन्तगढ के स्थानीय निवासी विजेन्द्र किशोर नागर व अन्य बनाम राजस्थान सरकार व अन्य ने राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर की गई। याचिकाकर्ता की पैरवी अधिवक्ता राजेन्द्र सोनी व रूपचन्द सैन ने की। अधिवक्ता ने बताया कि गांव जसवन्तगढ़ तहसील लाडनू के पास लगभग 7 हजार बीघा गोचर भूमि थी। जिस पर लोगों ने कब्जा कर लिया। शेष बची भूमि सरकार ने ताल छापर के हिरण अभयारण्य को स्थानान्तरित करने के लिए आवंटित की जा रही है एवं कुछ लोगों ने भूमि पर कच्चे पक्के निर्माण कर लिए हैं। जिस पर न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व रामेश्चर व्यास ने आदेश दिया था कि भूमि से समस्त अतिक्रमण हटाया जाए।
गुलाब कोठारी बनाम सरकार वाद का हवाला
न्यायालय ने अपने निर्णय में लिखा कि गुलाब कोठारी बनाम राजस्थान व अन्य में प्रतिपादित सिद्धान्तों के अनुसार गैर मुमकिन नाडी मगरा, अंगोर, औरान व गोचर भूमि पर अतिक्रमण नहीं किया जा सकता। अतिक्रमण होता है तो सरकार तुरन्त प्रभाव से हटाने के लिए जिम्मेदार है।
न्यायालय ने अपने निर्णय में लिखा कि गुलाब कोठारी बनाम राजस्थान व अन्य में प्रतिपादित सिद्धान्तों के अनुसार गैर मुमकिन नाडी मगरा, अंगोर, औरान व गोचर भूमि पर अतिक्रमण नहीं किया जा सकता। अतिक्रमण होता है तो सरकार तुरन्त प्रभाव से हटाने के लिए जिम्मेदार है।
अवमानना पर कलक्टर व डीएफओ को मिला नोटिस
प्रशासन की ओर से अतिक्रमण न हटाने एवं गोचर भूमि पर तालछापर के हिरणों के अभयारण बनाने के लिए चिन्हित कर आवंटन की क्रिया चालू रखी गई। इस पर उच्च न्यायालय के आदेश व निर्देश की पालना नहीं करने पर याचिका कर्ताओं ने अवमानना याचिका प्रस्तुत की। इस पर 29 जून को जिला कलक्टर नागौर, एसडीओ लाडनूं, तहसीलदार लाडनूं , डीएफओ नागौर व सरपंच गांव जसवंतगढ़ को नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।