scriptVideo : जांच का दायरा बढ़ा तो मिलावटखोरों ने भी बढ़ा लिया कुनबा | Adulteration in food, messing with public health | Patrika News

Video : जांच का दायरा बढ़ा तो मिलावटखोरों ने भी बढ़ा लिया कुनबा

locationनागौरPublished: Oct 28, 2020 12:02:50 pm

Submitted by:

shyam choudhary

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान – आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के हौसले बुलंद, मामूली जुर्माना लगने से नहीं रहा कार्रवाई का डर – त्योहारी सीजन में ही होती है नमूने लेने की कार्रवाई तेज

Adulteration in food, messing with public health

Adulteration in food, messing with public health

नागौर. जिले में आमजन व उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिले, इसके लिए अधिकारियों ने फूड सेफ्टी और स्टैण्डर्ड एक्ट 2006 के अंतर्गत की जाने वाली कार्रवाई का दायरा बढ़ाया तो मिलावटखोरों की भी संख्या साल-दर-साल बढ़ी है। चिकित्सा विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा जिले में पिछले चार साल में की गई कार्रवाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है, लेकिन दूसरी तरफ मिलावटखोरों का कुनबा भी बढ़ रहा है, यही वजह है कि टीम द्वारा लिए जाने वाले नमूने जांच में 35 से 40 प्रतिशत फेल हो रहे हैं।
सरकार का मानना है कि त्योहारों का समय आने पर खाद्य पदार्थों में मिलावट होने की संभावना अधिक रहती है, इसलिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इसमें और अधिक सतर्कता बरतने व खाद्य पदार्थों में मिलावट पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिले में ऐसे खाद्य पदार्थ उत्पादक, बड़े थोक विक्रेता और खुदरा विक्रेताओं के चिह्नीकरण का कार्य करने के भी निर्देश दिए हैं, जहां मिलावट की संभावना हो। लेकिन मिलावटखोर सीजन या समय देखकर मिलावट नहीं करते, बल्कि उनका काम अनवरत जारी रहता है। उल्टा कार्रवाई के समय वे ज्यादा सतर्क हो जाते हैं, इसलिए पकड़ में कम आते हैं।
चार साल की कार्रवाई पर एक नजर
वर्ष – कुल नमूने – फेल – कोर्ट में पेश – विशेष विवरण
2017 – 86 – 34 – 34
2018 – 131 – 44 – 44 – 20 प्रकरणों में कोर्ट ने 3 लाख 31 हजार का जुर्माना लगाया।
2019 – 159 – 56 – 56 – 11 प्रकरणों में कोर्ट ने 2 लाख 40 हजार जुर्माना लगाया।
2020 – 131 – 30 – 15 – 15 अनुसंधान में है तथा 25 की रिपोर्ट आनी है।
मुख्य रूप से इनकी होती है जांच
अभियान में मुख्य रूप से दूध, मावा, पनीर एवं अन्य दुग्ध उत्पादों, आटा, बेसन, खाद्य तेल व घी, सूखे मेवे तथा मसालों की जांच की जाती है।
विशेष : सूचना देने वाले को मिलेगा 51 हजार का इनाम
इस बार खाद्य सामग्री में निर्माता द्वारा स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित और जीवन को संकट में डालने वाला मिलावटी पदार्थ डाले जाने की सूचना देने वालों को सूचना सही पाए जाने पर 51 हजार रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी। इस राशि का वितरण जिला कलक्टर द्वारा फूड टेस्टिंग लैब की जांच के उपरान्त निष्कर्ष प्रमाणित करते हुए सूचना देने वाले की पहचान को गोपनीय रखते हुए किया जाएगा।
जुर्माना लगाने की प्रक्रिया काफी धीमी
जांच में निम्न गुणवत्ता व असुरक्षित पाए जाने वाले नमूनों के मामले न्यायालय में पेश किए जाते हैं, जहां विक्रेताओं पर जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन यह प्रक्रिया इतनी धीमी गति से होती है कि जांच रिपोर्ट आते-आते मिठाई या खाद्य पदार्थों का उपयोग हो चुका होता है। इसके बाद यदि जांच रिपोर्ट में निम्न गुणवता या मिस ब्रांड भी साबित हो जाए तो केवल जुर्माने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं होती। गौरतलब है कि जुर्माना राशि 35 हजार रुपए है। कुल मिलाकर आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा खतरे में है।
कार्रवाई में आएगी तेजी
खाद्य पदार्थों की जांच की कार्रवाई वर्ष भर जारी रहती है। इस बार सराकर ने अन्य विभागों के अधिकारियों को भी टीम में शामिल किया है, जिससे कार्रवाई में तेजी आएगी।
– राजेश जांगीड़, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, नागौर
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