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नागौर

धोखा मिलने पर सगा बनने से इनकार,घर ले जाने को परिजन की मान-मनुहार

घर वापसी के बाद भी कई फिर घर छोड़ भागी

नागौरMay 16, 2024 / 09:31 pm

Sandeep Pandey

बदलते माहौल में अब परिजन भी हुए सख्त

घर से भागने पर बेटी को आसानी से नहीं दे रहे घर वापसी

केस-1

बालिका प्रेमी के साथ भाग गई, दूसरे दिन दस्तयाब हुई तो परिजनों ने साथ ले जाने से मना कर दिया। वो बालिका से युवक के खिलाफ बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज कराने की कह रहे थे।
केस-2

विवाहिता पति-बच्चों को छोड़ प्रेमी के साथ निकल गई। कुछ दिन बाद प्रेमी ने उसे छोड़ दिया तो वो घर लौट आई। पति के साथ ससुराल वालों ने घर में रखने से पहले प्रेमी के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराने को कहा।
केस-3

शादी के कुछ दिन बाद ही युवती की ससुराल में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। विवाद बढ़ा तो पीहर आ गई। इसके बाद दहेज प्रताडऩा के साथ देवर-ननदोई के खिलाफ बलात्कार के प्रयास का मामला दर्ज करा दिया।
नागौर. प्रेम के झांसे में घर से निकलने वाली युवती हो या बालिका, दस्तयाबी के बाद इनके परिजन घर नहीं ले जा रहे। कई बार प्रेमी के भरोसे घर नहीं जाने वाली युवती नारी निकतेन तो नाबालिग को बालिका गृह भेजा जा रहा है। बदलते दौर में अब गलतियों के लिए जिम्मेदारों को उनके परिजन तक आसानी से माफ नहीं कर रहे। माता-पिता हों या फिर पति अथवा ससुराल वाले, शर्त मानने पर ही परिजन साथ दे रहे हैं।सूत्रों के अनुसार हाल ही में एक नाबालिग प्रेमी के साथ चली गई। उसके परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई, अगले दिन प्रेमी के साथ रामदेवरा के पास मिली। पुलिस उसे दस्तयाब कर थाने ले आई और परिजनों को ले जाने को कहा पर मामला उलटा पड़ गया। घर वालों ने उसे साथ ले जाने से मना कर दिया, कहा कि युवक के साथ गई, अब बलात्कार का मामला दर्ज करा तभी साथ ले जाएंगे।
उधर भगा ले जाने वाला युवक भी उसे संभालने नहीं पहुंचा। अब पुलिस के समक्ष मुश्किल खड़ी हो गई, नाबालिग को बालिका गृह भेजने की। असल में यही नहीं अब परिजन भी बेटी हो या फिर बहू/पत्नी, उनकी गलतियों पर तीखे तेवर दिखा रहे हैं। कुछ समय पहले तक दस्तयाबी के बाद अधिकांश महिला/युवती हो या नाबालिग अधिकांश अपने परिजनों के साथ जाना पसंद करती थीं। परिजन भी उन्हें सहर्ष स्वीकार करते थे, लेकिन अब माहौल बदल रहा है।
सूत्र बताते हैं कि महिला थाने में दर्ज ऐसे कई मामलों में परिजनों की हठ देखी जा रही है। घर छोडऩे वाली युवती/महिला हो या नाबालिग, परिजन उनकी घर वापसी को तैयार नहीं हो रहे। कुछ समय पहले दस्तयाबी के बाद नाबालिग तक परिजनों के साथ जाने से मना कर देती थीं, अब परिजन इससे इनकार करने लगे हैं। घर आने के बाद भाग जाना या फिर परिजनों के कहे अनुसार शादी नहीं करना, इसकी मूल वजह सामने आई है। एक युवती को परिजन दस्तयाबी के बाद घर ले आए तो सातवें दिन वो फिर भाग छूटी, ऐसा ही एक नाबालिग के मामले में हुआ, दो महीने बाद बालिग होते ही भागी और प्रेम विवाह कर लिया। यही नहीं परिजन से सुरक्षा के लिए वो एसपी के समक्ष पेश हुई।
परिजन इसलिए हो रहे हैं सख्त

ऐसे ही एक परिजन ने बताया कि निर्णय सही होने पर कोई मना नहीं करता पर दु:ख होता है जब इतने साल पाल-पोसकर बड़ा करने के बाद बेटी अचानक परिजनों को छोड़ दे। उनके खिलाफ होकर किसी के साथ भाग जाए और जान को खतरा भी अपने मां-बाप से बताए। समाज में छवि धूमिल कर देती हैं, मां-बाप के सपनों को तोड़ती हैं, ऐसे में उसे कैसे अपनाएं। इन्होंने अपनी बेटी को साथ ले जाने से मना कर दिया। इस बाबत एक अन्य महिला का कहना था कि मना करने के बाद भी बेटी शादी के झांसे में युवक के साथ चली गई, बाद में युवक ने इससे इनकार कर दिया। अब उससे कह रहे हैं कि युवक के खिलाफ रिपोर्ट लिखवा दे, साथ ले चलते हैं पर वो रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करा रही।
73 के खिलाफ बलात्कार की रिपोर्ट

सूत्र बताते हैं कि जिनके साथ भागीं, बाद में उनके खिलाफ ही पोक्सो/बलात्कार का मामला दर्ज कराया गया। पिछले तीन साल में ही अकेले नागौर के महिला थाने में ऐसे 73 जनों के खिलाफ बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज हुई जो पीडि़ता के हमदर्द रहे। इनमें केवल भगा ले जाने वाला नहीं, प्रेम संबंध में विवाद/बात बढऩे या फिर ससुराल में ही बात बिगडऩे पर बलात्कार के आरोपी बने। इनमें अधिकांश मामलों में दबाव बनाकर यह मामले दर्ज कराए गए। इनमें से कुछ तो प्रारंभिक जांच में ही झूठे पाए गए।

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