scriptआखिरकार चार साल बाद सुधारी गलती…! | After four years, a correction mistake ... | Patrika News

आखिरकार चार साल बाद सुधारी गलती…!

locationनागौरPublished: Aug 09, 2018 11:16:20 am

Submitted by:

Sharad Shukla

अस्पताल के बाहर बने दो हौदों से होगी जलापूर्ति, हॉस्पिटल निर्माण के दौरान बरती गई लापरवाही के चलते नहीं लग पाई थी यह यूनिट

Nagaur patrika

After four years, a correction mistake …

नागौर. जिले का राजकीय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय अब सुरक्षित हो जाएगा। पहले यहां किसी भी वार्ड में आग लगने की स्थिति में बचाव के कोई विशेष इंतजाम नहीं थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। निर्माण के दौरान बरती इस खामी को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने दुरुस्त कर लिया है। यहां पर सेन्ट्रल फायर यूनिट सिस्टम लगाए जाने का काम तेज कर दिया गया है। दो बड़े हौद का निर्माण होने के बाद अब प्रत्येक वार्ड क्षेत्र में पानी की आपूर्ति करने वाले पाइप लाइन का जाल बिछाया जा रहा है। लंबे समय के बाद जागे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के राजकीय चिकित्सालय में अब सेन्ट्रल फायर यूनिट सिस्टम को स्थापित किए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। विभाग के निदेशालय की ओर से जयपुर से उच्च स्तर पर हुए अनुबंध के तहत निजी एजेंसी ने यहां पर यूनिट की स्थापना का काम चालू कर दिया है। इसमें हॉस्पिटल के पास ही पानी की दो बड़ी टंकियों के निर्माण करने के साथ ही अब अस्पताल के प्रत्येक वार्ड तक लाइनों का जाल बिछाया जा रहा है। इसके लिए मुख्य अस्पताल परिसर के अंदर तीन चौथाई हिस्से में इस लाइन बिछाई जा चुकी है। पूरी तरह से लाइन बिछने का कार्य होने के बाद इसकी तकनीकी तौर पर टेस्टिंग की जाएगी। इसके बाद इसे पूरी तरह से संचालित किया जा सकेगा।
ऐसे काम करेगा सेन्ट्रल फायर यूनिट सिस्टम
हॉस्पिटल के किसी भी वार्ड या गैलरी क्षेत्र में अप्रिय स्थिति होने पर केवल बटन दबाने पर ही वहां लगे पाइप से पानी आग पर गिरने लगेगा। इसके लिए प्रत्येक वार्ड के पास पाइपों के सेंटर के पास सब-बटन लगाए गए हैं। मसलन फीमेल वार्ड में अप्रिय स्थिति हुई तो वहां पर वार्ड के पास ही लगे बटन को संबंधित कर्मी के पुश कर देने के बाद यहां तक आए पाइप में पानी की आपूर्ति हौद से शुरू हो जाएगी। इसके बाद संबंधित कर्मी आग बुझाने का कार्य सहजता से कर सकेगा। अब ऐसे हालात में पूर्व की तरह दमकल कर्मियों को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जबकि पहले ऐसी स्थिति होने पर दमकल कर्मियों को अपनी गाड़ी से जुड़े पाइप को अस्पताल के अंदर तक पहुंचाना पड़ता।
पहले भगवान भरोसे थी सुरक्षा व्यवस्था
विभागीय जानकारों के अनुसार मदर चाइल्ड विंग के निर्माण के दौरान इस तरह की यूनिट पहले ही स्थापित की जा चुकी है, लेकिन मुख्य अस्पताल के निर्माण के दौरान इस यूनिट को स्थापित नहीं किया गया। इसकी वजह से हॉस्पिटल में ऐसा हादसा होने की स्थिति में पूरी व्यवस्था भगवान भरोसे रहती थी। इसके लिए करीब छह माह पूर्व विभाग की ओर से इस पूरे भवन की भौतिक स्थिति का मूल्यांकन किए जाने पर यह अत्याधिक असुरक्षित पाई गई। इस पर निदेशालय स्तर पर चर्चा हुई थी, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस दौरान हॉस्पिटल के पीएमओ डॉ. वी. के. खत्री बने तो उनकी ओर से इस संबंध में निदेशालय स्तर पर किए गए पत्राचार में यहां पर सेन्ट्रल फायर यूनिट सिस्टम लगाए जाने की आवश्यकता जताई गई। इसमें पीएमओ डॉ. खत्री की ओर से इस यूनिट को जल्द ही अस्पताल में लगाए जाने की आवश्यकता जताई गई। इसके बाद निदेशालय के अधिकारियों ने मौजूदा स्थिति का आकलन करने के बाद यहां पर भी यूनिट लगाए जाने के लिए संबंधित एजेंसी को काम शुरू करने के निर्देश जारी कर
दिए थे।
इनका कहना है…
&जेएलएन में सेन्ट्रल फायर यूनिट सिस्टम को स्थापित किए जाने का काम अनुबंधित एजेंसी की ओर से शुरू कर दिया गया है। हॉस्पिटल के वार्डों तक लाइनों का पूरा जाल बिछेगा। आपातकाल में एक बटन दबाने पर ही जलापूर्ति होने लगेगी। इसके लगने के बाद हॉस्पिटल बेहतर सुविधाओं से सज्जित हो जाएगा।
डॉ. वी. के. खत्री, पीएमओ, जेएलएन नागौर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो