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इस शहर में आरओबी के बाद अब अमृत योजना काम भी बंद

locationनागौरPublished: Jun 18, 2019 12:12:31 pm

Submitted by:

Dharmendra gaur

7 करोड़ रूपए अटके तो नागौर में पाइप नहीं बिछा रही फर्म , जनप्रतिनिधियों ने आज तक नहीं उठाई आवाज

After ROB Now Amrut Work disturbed in nagaur city

इस शहर में आरओबी के बाद अब अमृत योजना काम भी बंद

पत्रिका एक्सक्लुसिव
नागौर. रोम जल रहा था तब नीरो बांसुरी बजा रहा था..वाली कहावत नागौर के साथ सटीक बैठती है। कभी सीवरेज तो पेयजल लाइन के नाम पर शहर को खोदकर रख दिया लेकिन जनप्रतिनिधि जनता की आवाज नहीं बने। आरओबी का काम रूकने से परेशान शहरवासियों को के लिए अब एक और बुरी खबर है। शहर में अमृत योजना के अंतर्गत पेयजलापूर्ति लाइनें डालने वाले फर्म ने भुगतान नहीं मिलने पर काम बंद कर दिया है। मैसर्स लाहोटी बिल्डकॉन के प्रतिनिधि राधाकृष्ण ने बताया कि 9 जुलाई 2018 से अब तक 7 करोड़ का काम कर दिया है, लेकिन सरकार ने एक रुपए का भुगतान नहीं किया है। भुगतान के अभाव में काम करना संभव नहीं है। अभी केवल पाइप लाइन को जोडऩे जैसे छोटे-मोटे काम ही किए जा रहे हैं।

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छह माह हो सकती है देरी
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने 30 जून 2017 को जयपुर की फर्म मैसर्स लाहोटी बिल्डकॉन लिमिटेड को पेयजल आपूर्ति के लिए 240 किलोमीटर पाइपलाइनें बिछाने व अन्य कार्य का 46.43 करोड़ का कार्यादेश दिया था। इसमें सात वर्ष तक रख-रखाव व मरम्मत का कार्य शामिल है। फर्म को यह कार्य दो वर्ष में यानी 9 जुलाई 2019 तक पूरा करना है, लेकिन ठेकेदार ने अब तक करीब 152 किमी पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा किया है। हालांकि जलदाय विभाग फर्म द्वारा धीमी गति से कार्य करने पर 1.47 लाख की शास्ति लगा चुका है। काम बंद किए जाने की स्थिति में इस काम को पूरा करने में छह माह तक का विलंब हो सकता है।

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अभी तक नहीं जुुड़ी नई लाइनें
जिला मुख्यालय पर अमृत योजना के तहत शहर के भीतरी व बाहरी क्षेत्रों में पाइप लाइन को जोडऩे का काम किया जा रहा है। जिसमें 28 किमी डीआई व करीब 211 किमी एचडीपीई लाइन बिछाई जानी है जिसमें से 12 किमी डीआई व करीब 140 किलोमीटर एचडीपीई लाइन डाल दी गई है। कई जगह पुरानी लाइनों से जुुड़ी सप्लाई को नई लाइन से जोड़ दिया लेकिन इन लाइनों से पानी नहीं दिए जाने से जल संकट की स्थिति बनी हुई है। गौरतलब है कि अमृत योजना का काम भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ था और दिसम्बर में सरकार बदल गई। सूत्रों के अनुसार पूरे प्रदेश में करीब 2 दर्ज नगरीय निकायों में चल रहा काम भुगतान नहीं मिलने की वजह से प्रभावित हो रहा है।

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