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Update news : पुलिस कस्टडी में मां निर्मल कंवर के अंतिम संस्कार में शामिल होगा रूपेन्द्रपाल

locationनागौरPublished: Jul 17, 2019 08:39:02 pm

Submitted by:

shyam choudhary

Anandpal’s mother passes away गैंगस्टर आनंदपालसिंह के भाई रूपेन्द्रपालसिंह व मंजीतसिंह की पैरोल के लिए मंजीत की पत्नी आशा कंवर ने जिला कलक्टर के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश कर मांगी पैरोल

Nirmal Kanwar

Anandpal Singh’s mother Nirmal Kanwar passes away

नागौर/लाडनूं. आनंदपालसिंह की मां निर्मल कंवर का 16 जुलाई को निधन होने के बाद अंतिम संस्कार के लिए जेलों में बंद उसके पुत्रों मंजीतसिंह व रूपेन्द्रपालसिंह की पैरोल के लिए नागौर जिला कलक्टर के समक्ष लगाई गई अर्जी स्वीकृत नहीं हो पाई है, लेकिन अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश भादरा जिला हनुमानगढ़ ने भादरा उपकारागृह के प्रभारी अधिकारी को परिजनों की अर्जी पर पर्याप्त पुलिस सुरक्षा के साथ मां निर्मल कंवर के अंतिम संस्कार में रूपेन्द्रपालसिंह उर्फ विक्की पुत्र हुक्मसिंह को शामिल करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय के आदेशानुसार रूपेन्द्रपाल को अंतिम संस्कार के तुरंत बाद जेल भेजा जाएगा।
इधर, पुलिस प्रशासन ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए व्रज वाहन व स्पेशल टास्क फोर्स की टुकड़ी लाडनूं थाने बुलवा ली। जानकारी के अनुसार निर्मल कंवर का शव लाडनूं स्थित उसके निवास पर डी-फ्रीज में रखा हुआ है। गौरतलब है कि गैंगस्टर आनंदपालसिंह की करीब दो साल पहले पुलिस एनकाउण्टर में मौत हो चुकी है।
आशा कंवर ने पेश किया प्रार्थना पत्र
जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि मंजीतसिंह की पत्नी आशा कंवर ने बुधवार को प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन किया कि निर्मल कंवर के शव का हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करने के लिए अजमेर कारागृह में बंद उनके बेटे मंजीतसिंह व उदयपुर कारागृह में बंद रूपेन्द्रपालसिंह को पैरोल पर छोड़ा जाए। जिला कलक्टर ने आशा कंवर के प्रार्थना पत्र की प्रति जिला पुलिस अधीक्षक नागौर, केन्द्रीय कारागृह अजमेर व उदयपुर को भेजकर टिप्पणी व रिपोर्ट मंगवाई।
विचाराधीन बंदी को नहीं दे सकते पैरोल
आपराधिक रिकॉर्ड मिलने के बाद जिला कलक्टर की अध्यक्षता वाली समिति ने यह पाया कि रूपेन्द्र उर्फ विक्की एवं मंजीतसिंह विभिन्न न्यायालयों के विचाराधीन प्रकरणों में न्यायिक अभिरक्षा में है। दंडित बंदियों को राजस्थान कारागार नियम 1958 के नियम 10ए के अंतर्गत विचाराधीन बंदी को आपात पैरोल देने का प्रावधान नहीं है। जिला कलक्टर ने बताया कि विचाराधीन बंदियों को पैरोल स्वीकृत करना उनके क्षेत्राधिकार में नहीं है, इसलिए प्रार्थिया को सक्षम न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा है। जिस पर परिजनों ने भादरा न्यायालय में अर्जी पेश की, जहां से रूपेन्द्रपाल को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार में शामिल करने तथा अंतिम संस्कार के बाद वापस जेल में दाखिल करने के आदेश जारी किए।
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