नगर परिषद के वार्ड 42 से मंगलवार को तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन वापस ले लिए, यहां कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारा है, ऐसे में अब भाजपा उम्मीदवार ओमप्रकाश व एक निर्दलीय के बीच सीधा मुकाबला होगा। इसी प्रकार वार्ड 46 में कांग्रेस उम्मीदवार सहित कुल छह प्रत्याशियों में से चार निर्दलीयों ने मंगलवार को नामांकन वापस ले लिए, अब यहां कांग्रेस के जावेद खां व निर्दलीय के बीच सीधा मुकाबला है। वार्ड 58 में किसी पार्टी ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे, इसके बावजूद यहां पांच निर्दलीय उम्मीदवारों ने आवेदन भरे थे, लेकिन मंगलवार को तीन जनों ने नामांकन उठा लिए, अब यहां दो निर्दलीयों के बीच सीधा मुकाबला है।
नागौर नगर परिषद के चुनाव में दमदार 40 उम्मीदवार उतारने का दावा करने वाली भाजपा के दो उम्मीदवार नामांकन वापस लेकर जहां भाजपा को नुकसान पहुंचा चुके हैं, वहीं टिकट वितरण को लेकर विरोध झेल चुकी कांग्रेस को अपने ही लोग बागी बनकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं वार्ड 11 में कांग्रेस के ही लोग कांग्रेस प्रत्याशी को हराने में जुटे हुए हैं। दरअसल, कांग्रेस के एक प्रत्याशी ने कुछ ऐसा किया हैै जिससे यह नजर आ रहा है कि नागौर में कांग्रेस ही कांग्रेस को काटती नजर आ रही है। भाजपा से कांग्रेस में आए पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष मनोहर सिंह राठौड़ को कांग्रेस ने इस बार दो टिकटें दी हैं, वार्ड एक में मनोहर सिंह खुद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि वार्ड 13 में मनोहर सिंह की बेटी मनीषा राठौड़ कांग्रेस से चुनावी मैदान में हैं। यहां तक तो ठीक है लेकिन पूर्व पालिकाध्यक्ष राठौड़ की दूसरी बेटी स्वरुप को वार्ड 11 से निर्दलीय प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि यहां से कांग्रेस प्रत्याशी पायल गहलोत चुनाव लड़ रही है। भाजपा को बैठे बिठाए कांग्रेेस के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा मिल रहा है।
सीएम के रिश्तेदार की पुत्रवधु है पायल
नागौर नगर परिषद चुनाव में राजनीति किस कदर चल रही है इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निकट रिश्तेदार जेठमल गहलोत की पुत्रवधु पायल गहलोत के सामने पूर्व पालिकाध्यक्ष राठौड़ ने अपनी बेटी स्वरुप को निर्दलीय चुनाव में उतारा है। ऐसे में अब शहर में यह चर्चा होने लगी है कि नागौर की राजनीति किस मोड़ पर है और सभापति के चुनाव में और भी दांवपेंच सामने आ सकते हैं।
हां, यह सही है कि कांग्रेस के टिकट से खुद व अपनी बेटी को चुनाव लड़ाने वाले मनोहरसिंह ने वार्ड 11 से कांग्रेस प्रत्याशी के सामने ही अपनी एक बेटी को निर्दलीय प्रत्याशी बना दिया। इसको लेकर मैंने व चुनाव प्रभारी ने उन्हें काफी समझाया, लेकिन वे नहीं माने। अब हम तो किसी को समझा ही सकते हैं, कोई नहीं माने तो और तो क्या कर सकते हैं।
– हबीबुर्रहमान अशरफी लाम्बा, पूर्व मंत्री व विधायक