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Nagaur patrika news. बिना ड्रेस कोड के सडक़ों पर दौड़ रहे ऑटो वाहन चालक

locationनागौरPublished: Nov 23, 2020 08:59:08 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur patrika news. सभी मुख्य मार्गों से प्रति घंटे निकलते हैं करीब डेढ़ सौ से ज्यादा ऑटो वाहन, जांच एक की भी नहीं, एक साल में एक भी वाहन पर ड्रेस कोड के तहत नहीं की कार्रवाई

Auto drivers running on roads without dress code

Nagaur. Auto drivers running on roads without dress code

नागौर. बिना डे्रस कोड ऑटो वाहन या कोई भी कामर्शियल वाहन का चालन नहीं किया जा सकता है, लेकिन फिर यह भी यह ऑटो वाहन चालक बिना ड्रेस कोड के जिले की सडक़ों को रौंदने में लगे हुए हैं। इसके साथ ही इनकी न तो गति नियंत्रित है, और न ही किसी प्रावधान की परवाह है। प्रावधानों के तहत चालन के दौरान ड्रेस कोड में इनका रहना जरूरी है, लेकिन यह बिना ड्रेस कोड के ही चालन करते हुए कभी भी देखा जा सकता है। इसका फायदा यह होता है कि कभी भी हादसा होने की स्थिति में यह चालक आम लोगों की भीड़ में खुद ही तमाशबीन बनकर खड़े हो जाते है, लोगों को इसका पता भी नहीं चल पाता है।हालांकि एमवीए एक्ट के तहत कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन यह जिम्मेदारों की सुस्ती का फायदा उठाकर बिना ड्रेस कोड ही लंबे समय से चालन कर रहे हैं। जबकि पूर्व में यूनियन अध्यक्ष की ओर से भी कहा गया था कि सभी चालकों को ड्रेस कोड में लाया जाएगा, लेकिन ऐसा हुुआ नहीं।
जिले के नागौर, मकराना, कुचामन, परबतसर, डीडवाना, खींवसर, जायल, डेगाना, मौलासर एवं नावां क्षेत्र में एक साल के दौरान परिवहन विभाग की ओर से वाहनों में चालकों के ड्रेस कोड में होने की जांच के नाम केवल खानापूर्ति ही हुई। जांच नहीं होने के कारण ड्रेस कोड के कॉलम में विभाग के खुद के आंकड़ों में कार्रवाई की स्थिति औसत भी नहीं है। शहर के हालात यह हैं कि केन्द्रीय बस स्टैंड के पास विजय बल्लभ चौराहा, निजी बस स्टैंड के निकट दिल्ली दरवाजा, बीकानेर-नागौर, बीकानेर-जोधपुर रोड पर प्रति घंटे करीब सौ से ज्यादा ऑटो वाहनों का आवागमन होता रहता है। प्रत्येक रूटवार आंकड़ों के हिसाब से एक घंटे में लगभग दो सौ से ज्यादा वाहन गुजर जाते हैं, लेकिन इनमें से किसी में भी चालक ड्रेस कोड में नजर नही आता है। इस दौरान किसी भी जगहों पर तो परिवहन विभाग के निरीक्षक नजर आते हैं, और न ही अन्य कोई जिम्मेदार…!
बिना ड्रेस कोड के यह मिल जाता है फायदा
ऑटो वाहन चालक से कभी कोई हादसा होने की स्थिति में चालक बिना ड्रेस कोड होने के चलते भीड़ का हिस्सा बनकर खड़े हो जाते हैं। इस दौरान ड्रेस कोड नहीं होने से ऑटो वाहन चालक एवं भीड़ में खड़े व्यक्तियों में कोई अंतर नहीं कर पाता है। पूर्व में अजमेर, पाली, जयपुर सरीखे जिलों में इस तरह की घटनाओं में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
ड्रेस कोड के बिना नहीं चला सकते वाहन
परिवहन विभाग के अनुसार वाहनों चालकों का ड्रेस कोड में होना जरूरी रहता है। इसके बिना यह ऑटो वाहन का चालन नहीं कर सकते हैं। विभागीय प्रावधान के तहत बिना ड्रेस कोड के वाहन चालन नहीं किया जा सकता है। ऐसे वाहन चालकों के पाए जाने पर परिवहन चालन अधिनियम के तहत कार्रवाई का प्रावधान है।
इनका कहना है…
बिना ड्रेस कोड ऑटो वाहन या किसी भी कामर्शियल वाहन का चालन नहीं किया जा सकता है। चुनाव के बाद किराया एवं ड्रेस कोड को लेकर ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ विभाग की ओर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
ओमप्रकाश चौधरी, डीटओ नागौर
प्रावधानों के तहत ऑटो वाहन का चालन नहीं पाए जाने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी हैं। इस संबंध में जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
शिवदेवराम, ट्रेफिक इंचार्ज नागौर
यूनियन की ओर से सभी ऑटो वाहन चालकों को ड्रेस कोड में किए जाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। इस संबंध में जल्द ही सभी वाहन चालकों को ड्रेस कोड में लाए जाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
रूपसिंह पंवार, अध्यक्ष, ऑटोरिक्शा यूनियन नागौर

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