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सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में जाने से कर रहे परहेज, फैला सकते हैं कोरोना का संक्रमण

locationनागौरPublished: Apr 01, 2020 10:08:25 pm

Submitted by:

shyam choudhary

Avoiding going to government quarantine center, can spread corona infection, जिला प्रशासन ने गांव-कस्बों के विद्यालयों में बनाए हैं क्वारंटाइन सेंटर, बाहरी जिलों व राज्यों से आए लोगों को अलग रखने के लिए की व्यवस्था, पर नहीं मान रहे लोग

spread corona infection

Avoiding going to government quarantine center

नागौर. कोरोना वायरस के संक्रमण को नागौर जिले में फैलने से रोकने तथा जिले के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने प्रत्येक गांव व कस्बे के विद्यालयों में क्वारंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि वहां बाहरी जिलेां व राज्यों से आने वाले लोगों को 14 दिन तक रखा जा सके। हालांकि जिला कलक्टर यादव के निर्देश पर अधिनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों ने जिले के लगभर सभी गांव-कस्बों में क्वारंटाइन सेंटर बना दिए, लेकिन खास बात यह है कि बाहर से आने वाले लोग यहां रहने में गुरेज कर रहे हैं। कहीं-कहीं तो कर्मचारियों को पुलिस का भी सहारा लेना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि तीन दिन पहले भारत सरकार ने स्पष्ट आदेश जारी कर दिए कि लॉकडाउन की सख्ती से पालना कराई जाए तथा कोई भी व्यक्ति अपनी जगह नहीं छोड़ें, चाहे वह कहीं भी हो। साथ ही स्थानीय प्रशासन एवं राज्य सरकारों को निर्देशित किया कि वे प्रवासी लोगों के रहने के साथ खाने-पीने की व्यवस्था करें। इसके तहत जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने जिले की सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है, लेकिन कुछ लोग पैदल या मोटरसाइकिलों से अंदर प्रवेश कर गए और चुपचाप गांवों आकर रहने लगे। इसकी जानकारी मिलने पर सम्बन्धित बीट कांस्टेबल व राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रहने के लिए कहा, लेकिन अधिकतर इसके लिए राजी नहीं हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सोमवार को मूण्डवा पंचायत समिति के कड़लू व ग्वालू ग्राम पंचायत में सामने आया, जहां चार-पांच युवा तो सेंटर में रहने चले गए, जबकि करीब एक दर्जन से अधिक इसके लिए तैयार नहीं हुए। जिस पर चिकित्सा विभाग व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा समझाइश के साथ चेतावनी भी दी।
ग्रामीण हो रहे आशंकित
कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैल जाए, इसको लेकर ग्रामीण पूरी एहतियात बरत रहे हैं। लेकिन बाहर से आए व्यक्ति भी गांव में खुले घूम रहे हैं, जिससे ग्रामीण आशंकित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कहीं छोटी सी गलती भारी नहीं पड़ जाए, इसके लिए प्रशासन को सख्ती दिखानी होगी।
एक जगह रखने का यह है फायदा
हालांकि 29 मार्च से पूर्व तक विदेश सहित बाहरी राज्यों व जिलों से आए लोगों को जांच के बाद होम आइसोलेशन में रखा जा रहा था और चिकित्सा विभाग व शिक्षकों द्वारा उनकी मॉनिटरिंग की जा रही थी। लेकिन जैसे-जैसे संख्या बढऩे लगी, चिकित्सा विभाग के सीमित स्टाफ के लिए मॉनिटरिंग करना भारी पडऩे लगा। ऐसे में सभी लोगों की जांच एवं मॉनिटरिंग एक साथ हो जाए, इसके लिए विद्यालयों में क्वारंटाइन सेंटर बनाकर उनमें रखने का निर्णय लेना पड़ा।
एक जगह रहने में सभी का फायदा
बाहर से आए लोगों को 14 दिन अलग रखने के लिए ही विद्यालयों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, ताकि उनकी समय-समय पर जांच व मॉनिटरिंग हो सके। इसमें सम्बन्धित व्यक्ति के साथ उसके परिवार व ग्रामीणों का भी फायदा है।
– डॉ. राजेश बुगासरा, बीसीएमओ, मूण्डवा
लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ बर्दास्त नहीं
हमारे जिले के लिए राहत की खबर यह है कि यहां अब तक कोई भी कोरोना का पॉजीटिव नहीं आया है। हम चाहते हैं कि जिला आगे भी सुरक्षित रहे, इसके लिए हमने गांव-कस्बों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं, जहां बाहरी राज्यों व जिलों से आए लोगों को रखा जाना है। हालांकि कुछ लोग इसकी अवहेलना कर रहे हैं, जिनके खिलाफ सख्ती बरती जा रही है। कुछ लोगों को हमने पकडकऱ हमारे क्वारंटाइन सेंटर में भी रखा है। एक-दो के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज करवाए हैं। जिले में पहले से रह रहे सुरक्षित लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ बर्दास्त नहीं करेंगे।
– दिनेश कुमार यादव, जिला कलक्टर, नागौर
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