कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैल जाए, इसको लेकर ग्रामीण पूरी एहतियात बरत रहे हैं। लेकिन बाहर से आए व्यक्ति भी गांव में खुले घूम रहे हैं, जिससे ग्रामीण आशंकित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कहीं छोटी सी गलती भारी नहीं पड़ जाए, इसके लिए प्रशासन को सख्ती दिखानी होगी।
हालांकि 29 मार्च से पूर्व तक विदेश सहित बाहरी राज्यों व जिलों से आए लोगों को जांच के बाद होम आइसोलेशन में रखा जा रहा था और चिकित्सा विभाग व शिक्षकों द्वारा उनकी मॉनिटरिंग की जा रही थी। लेकिन जैसे-जैसे संख्या बढऩे लगी, चिकित्सा विभाग के सीमित स्टाफ के लिए मॉनिटरिंग करना भारी पडऩे लगा। ऐसे में सभी लोगों की जांच एवं मॉनिटरिंग एक साथ हो जाए, इसके लिए विद्यालयों में क्वारंटाइन सेंटर बनाकर उनमें रखने का निर्णय लेना पड़ा।
बाहर से आए लोगों को 14 दिन अलग रखने के लिए ही विद्यालयों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, ताकि उनकी समय-समय पर जांच व मॉनिटरिंग हो सके। इसमें सम्बन्धित व्यक्ति के साथ उसके परिवार व ग्रामीणों का भी फायदा है।
– डॉ. राजेश बुगासरा, बीसीएमओ, मूण्डवा
हमारे जिले के लिए राहत की खबर यह है कि यहां अब तक कोई भी कोरोना का पॉजीटिव नहीं आया है। हम चाहते हैं कि जिला आगे भी सुरक्षित रहे, इसके लिए हमने गांव-कस्बों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं, जहां बाहरी राज्यों व जिलों से आए लोगों को रखा जाना है। हालांकि कुछ लोग इसकी अवहेलना कर रहे हैं, जिनके खिलाफ सख्ती बरती जा रही है। कुछ लोगों को हमने पकडकऱ हमारे क्वारंटाइन सेंटर में भी रखा है। एक-दो के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज करवाए हैं। जिले में पहले से रह रहे सुरक्षित लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ बर्दास्त नहीं करेंगे।
– दिनेश कुमार यादव, जिला कलक्टर, नागौर