scriptअस्सी वर्षों में पहली बार बलदेवराम पशु मेले का आयोजन नहीं | Baldevaram cattle fair not held for the first time in eighty years | Patrika News

अस्सी वर्षों में पहली बार बलदेवराम पशु मेले का आयोजन नहीं

locationनागौरPublished: Apr 03, 2020 11:03:08 pm

Submitted by:

Ravindra Mishra

मेड़ता सिटी।अस्सी वर्षों से लगातार आयोजित होने वाला नागौरी नस्ल का राज्य स्तरीय विख्यात बलदेवराम पशु मेला इस वर्ष कोरोना वायरस को लेकर के नहीं भरा गया। जिसके चलते इस वर्ष चैत्र नवरात्रा में मेला मैदान खाली पड़ा है।

gravel mafia did not leave Mallinath cattle fair site

gravel mafia did not leave Mallinath cattle fair site

राधेश्याम शर्मा

मेड़ता सिटी। अस्सी वर्षों से लगातार आयोजित होने वाला नागौरी नस्ल का राज्य स्तरीय विख्यात बलदेवराम पशु मेला इस वर्ष कोरोना वायरस को लेकर के नहीं भरा गया। जिसके चलते इस वर्ष चैत्र नवरात्रा में मेला मैदान खाली पड़ा है।
साठ के दशक से शुरू हुए जिले के तीसरे सबसे बड़े राज्य स्तरीय बलदेव पशु मेले का पहली बार इस वर्ष आयोजन नहीं हुआ है। कोरोना वायरस को लेकर के राज्य सरकार के आदेशों के बाद पशुपालन विभाग ने इस मेले के आयोजन को निरस्त करने के आदेश दिए थे। 25 मार्च से 8 अप्रेल तक चलने वाले मेले की स्थानीय स्तर पर प्रथम बैठक भी आयोजित हुई। तैयारियों को लेकर 18 व 19 मार्च को होने वाली दुकानों की निलामी में भी की जानी थी। इस दौरान विभाग ने मेले के आयोजन को निरस्त करने के आदेश दिए। मेला प्रभारी हरिराम कड़वासरा ने मेला आयोजन नहीं होने को लेकर प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों से आने वाले व्यापारी व पशुपालकों तक स्थानीय कलक्टर के माध्यम से सूचना भिजवाई। कोरोना के कारण पहली बार पशु मेले का आयोजन नहीं होने से पशुपालकों व व्यापारियों में भी निराशा देखने को मिली।
वर्ष 1985 में आयोजित हुए बलदेव पशु मेले में सर्वाधिक 2 लाख पशु बिक्री के लिए पहुंचे। उपेक्षा के चलते मेले में आज पशुधन की संख्या घट कर हजारों में पहुंच गई है।
प्रदेश के बाहर बिक्री की नहीं हटी रोक

नागौरी नस्ल के बच्छड़े एवं मेलों का अस्तित्व बचाए रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा तीन वर्ष की कम आयु वाले बच्छड़ों की प्रदेश से बाहर बिक्री पर लगाई रोक हटाना जरुरी हैं। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा गठित की गई कमेटी के निर्णय का पशुपालक एवं व्यापारियों को अब भी इंतजार हैं।
सरकारी कार्यालयों को जमीन आवंटन से सिमट गया मेला मैदान
दूदासागर के पास 870 बीघा करीब जमीन पर पशु मेले का आयोजन शुरु हुआ। जो विगत दशकों से लगातार हो रहे आवंटन के चलते घटकर सिमटता जा रहा हैं। घटते-घटते वर्तमान में पशुपालन विभाग के पास मात्र 118 बीघा के करीब जमीन ही बच पायी है। मेला मैदान की जमीन में से अब्दुल रहमान प्रकरण के चलते 7 वर्षो पूर्व 400 बीघा करीब जमीन दूदासागर तालाब ओरण के लिहाज से सरोवर समिति के सुपुर्द हुई। वहीं मेला मैदान की जमीन पर रोडवेज बस स्टेण्ड, फल सब्जी मण्डी, आईटीआई, आरटीडीसी, सामुदायिक चिकित्सालय, पुलिस थाना, 400 केवी विद्युत ग्रीड स्टेशन तथा राजस्थान केनाल के लिए जमीन आंविटत होने से मेला मैदान वर्तमान में खसरा नंबर 1199 पर सिमट कर अब मात्र 118 बीघा रह गया हैं।
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