नागौर

अतिक्रमण हटाने के दौरान क्रेन चालक पर हमला, अस्पताल में मौत, हंगामा

नागौर के जेएलएन अस्पताल में उपचार के दौरान क्रेन चालक की मौत के बाद परिजनों ने हाईवे रोका

नागौरAug 25, 2019 / 01:25 pm

Rudresh Sharma

अवैध निर्माणों पर चला नगरपालिका का हथौड़ा

नागौर. बंजारो की ढाणियों में अतिक्रमण हटाने के दौरान पर्याप्त पुलिस व प्रशासन के जाब्ते के बावजूद एक क्रेन चालक फारूख पर अतिक्रमियों ने हमला कर दिया। हमले में गंभीर घायल फारूख ने उपचार के दौरान दम तौड़ दिया। मौत के बावजूद पुलिस व प्रशासन के अधिकारी शव को जोधपुर भेजने लगे, जिससे परिजनों ने रोष जताते हुए शव मोर्चरी में रखवाया तथा अस्पताल के सामने से निकल रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 89 पर जाम लगा दिया। पुलिस अधीक्षक डाॅ विकास पाठक सहित अन्य अधिकारियों ने समझाइश का प्रयास किया, लेकिन परिजनों का कहना था कि सैकड़ों पुलिसकर्मी मौके पर तैनात होने के बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई।
 

कई दिनों से चल रही थी तैयारी

शहर के निकटवर्ती ताऊसर ग्राम पंचायत की 6-7 बीघा चारागाह भूमि पर बसे बंजारा, घुमन्तु पिछड़ी जाति के लोगों के मकान सहित अन्य अतिक्रमण हटाने की तैैयारी कई दिनों से चल रही थी. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने से पूर्व शनिवार को जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव, एसपी डॉ. विकास पाठक सहित पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी पुलिस जाब्ते के साथ बंजारों की ढाणियों में पहुंचे तथा अपने आप अतिक्रमण हटाने के लिए कहा।
कलक्टर यादव ने बंजारा समाज के लोगों से कहा कि हम चाहते हैं कि आपको कम से कम नुकसान हो, इसलिए रविवार सुबह तक खुद ही अपना सामान खाली कर लो और जितना सामान बचा सकते हो, बचा लो। कलक्टर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश हैं, जिनकी पालना हर हाल में की जाएगी। अधिकारियों की समझाइश के बाद समाज के बुजुर्ग लोगों ने इस बात पर सहमति दे दी तथा खुद ही अतिक्रमण हटाने की बात कही। कलक्टर ने कहा कि रविवार सुबह तक अतिक्रमण हटाने में हम आपकी मदद करेंगे, लेकिन सुबह कार्रवाई शुरू होगी, जिसमें कच्चे-पक्के अतिक्रमण ध्वस्त किए जाएंगे।

पांच ब्लॉक में है अतिक्रमण
कलक्टर यादव ने बताया कि चारागाह भूमि पर किया गया अतिक्रमण अलग-अलग पांच स्थानों पर है, जिसे प्रशासन ने ए, बी, सी, डी एवं ई ब्लॉक में विभाजित किया है। गत १९ व २० अगस्त को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने चारागाह भूमि के बदले खातेदारी की जमीन सरेंडर करने तथा एक स्थान पर बसने की शर्त रखी थी। कलक्टर ने पत्रिका को बताया कि अब तक किसी ने खातेदारी की जमीन सरेंडर करने को लेकर लिखित में नहीं दिया है। रविवार को सबसे पहले ई ब्लॉक में अतिक्रमण तोड़े जाएंगे, इसके बाद डी व सी में कार्रवाई होगी। तब तक यदि अतिक्रमियों की ओर से स्टाम्प पर लिखित में चारागाह भूमि के बदले खातेदारी जमीन सरेंडर करने की सहमति दी जाएगी तो ए व बी ब्लॉक को छोड़ा जाएगा, अन्यथा उनमें भी अतिक्रमण ध्वस्त किए जाएंगे। कलक्टर ने कहा कि २९ अगस्त को इस मामले में हाईकोर्ट में फिर सुनवाई है, इसलिए कार्रवाई करना आवश्यक है। सी, डी व ई ब्लॉक में हर हालत में अतिक्रमण हटाने हैं।
 

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