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फिर पकड़ा गया बायो डीजल, दो गिरफ्तार

locationनागौरPublished: Oct 19, 2021 10:13:46 pm

Submitted by:

Sandeep Pandey

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
नागौर. अवैध रूप से बायो डीजल का काला कारोबार बढ़ता जा रहा है। पिछले करीब डेढ़ महीने में ही एक दर्जन से अधिक मामले पकड़े गए हैं। मंगलवार को नागौर में कोतवाली और श्री बालाजी थाना इलाके में हुई कार्रवाई में करीब सात सौ लीटर बायोडीजल बरामद कर दो जनों को गिरफ्तार किया गया है।

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.कोतवाली थाने में कार्रवाई करते प्रवर्तन निरीक्षक रामलाल व अन्य।

– -श्रीबालाजी थाना और कोतवाली में एफआईआर

रसद विभाग के कार्यवाहक डीएसओ कंवराराम ने बताया कि मंगलवार को मुखबिर से सूचना मिली थी कि नागौर के रीको एरिया से एक पिकअप में बायो डीजल नोखा ले जाया जा रहा है। इस पर श्रीबालाजी थाना पुलिस को सूचित किया। नाकाबंदी में पिकअप पलटी खा गई और उसमें सवार दोनों फरार हो गए। पिकअप में चार ड्रम थे, जिसमें एक खाली था जबकि तीनों में 580 लीटर बायोडीजल था। पुलिस ने इस मामले में फरार रामप्रताप और ईश्वर चंद्र को गिरफ्तार किया। प्रवर्तन अधिकारी रामजीवन बेनीवाल और निरीक्षक रामवतार पूनिया ने मौका-मुआयना कर वहां सेम्पल लिए और रिपोर्ट दर्ज कराई।
इसी तरह एक दूसरा मामला कोतवाली थाने का है। यहां सूचना मिली थी कि रिंग रोड अठियासन के पास हाइवे पर बायो डीजल बेचा जा रहा है। इस पर प्रवर्तन निरीक्षक रामलाल जाट, शिवराम और दिव्या विश्नोई ने वहां दबिश दी। यहां मनीष होटल के पास एक पिकअप और ट्रेक्टर टैंकर खड़ा था। इस टैंकर में 117 लीटर बायोडीजल था। पिकअप में हजार लीटर की प्लास्टिक की टंकी बना रखी है। बायो डीजल ट्रेक्टर टैंकर में लाकर फिर उसे पिकअप की इस टंकी में डाला जाता था। यहां उसमें नोजल लगा है, उसके जरिए बायो डीजल निकालकर बेचते थे। यहां मामला मनीष के खिलाफ दर्ज किया गया है।सब जानते हैं कि खींवसर, कुचेरा शहर, मूण्डवा, नागौर समेत अन्य जगह पर बायो डीजल कई बार पकड़ा गया है। हजारों लीटर बायो डीजल पकड़े जाने के बाद भी यह धंधा जोरों पर है। कुचेरा में पिछले दिनों एक गोदाम से 29 हजार लीटर बायो डीजल जब्त हुआ था। इसके आरोपी भी अब तक नहीं पकड़े गए हैं। बायो डीजल के नाम पर प्रदेश में बढ़ रहे बेस ऑयल के अवैध कारोबार ने डीजल की बिक्री के समीकरण गड़बड़ा गए हंै। बायो डीजल का प्रदेश में बिलकुल भी उत्पादन नहीं हो रहा है। इसके बावजूद बड़ी मात्रा में बायो डीजल के नाम पर बेस ऑयल बेचा जा रहा है। पंप संचालक घटती बिक्री से परेशान हैं तो ट्रक मालिक घटिया डीजल के कारण जल्दी खराब हो रहे इंजन को लेकर हतप्रभ है।
प्रदेश में पांच लोगों के पास रतनजोत के बीज से बायो डीजल बनाने का लाइसेंस है, लेकिन इनमें से एक भी आदमी बायो डीजल का उत्पादन नहीं कर रहा है। जीएसटी विभाग ने भी जानकारी दी है कि बायो डीजल के नाम पर जीएसटी की एक भी एंट्री नहीं है। बायो डीजल बेचने से पहले उसे मापने के लिए आवश्यक उपकरणों का कैलिबर भी किसी ने नहीं कराया। इससे जाहिर है कि बायो डीजल का उत्पादन ही नहीं हो रहा है। ऐसे में नागौर जिले में यह गड़बड़ी का खेल किसके इशारे पर चल रहा है।
दाम में जमीन-आसमान का अंतर

बायो डीजल के नाम पर बेस ऑयल अथवा मिलावटी डीजल बेचा जा रहा है। बेस ऑयल डीजल की अपेक्षा 30 से 35 रुपए प्रति लीटर सस्ता पड़ता है। जबकि रतनजोत के बीज से तैयार बायो डीजल चार से पांच रुपए प्रति लीटर तक सस्ता पड़ता है। इस अवैध कारोबार के लगों ने नए-नए तरीके विकसित कर लिए है। बड़ा टैंकर एक स्थान पर खड़ा कर छोटे पोर्टेबल टैंकर के माध्यम से हाई-वे पर ट्रकों के पास जाकर भी इसे बेचा जा रहा है।अधिकांश ट्रकों पर उनके मालिक साथ नहीं चलते। ड्राइवर ही इनका संचालन करता है। बीच राह में सस्ते के चक्कर में ड्राइवर गड़बड़ बायो डीजल भरवा कर अपनी जेब गरम कर रहा है। साथ ही बेस ऑयल के कारण ट्रकों के इंजन बहुत जल्दी खराब हो रहे हैं।
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