जैन संत का 57 वां जन्मदिन तप एवं त्याग के साथ मनाया
जैन संत डॉ.पदमचंद्र महाराज का जन्मदिन, देशभर में सामूहिक रूप से किया एकासन तप

नागौर. जयगच्छाधिपति आचार्य पाश्र्वचंद्र महाराज के अंतेवासी जयगच्छीय जैन संत एसएस जैन समणी मार्ग के प्रारंभकर्ता डॉ.पदमचंद्र महाराज का 57 वां जन्मदिन सोमवार को तप एवं त्याग के साथ मनाया गया। जप-जाप एवं दान-पुण्य के कार्य किए गए। अखिल भारतीय श्वेेतांबर स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में देशभर में एक साथ एकासन तप किए गए। श्रावक-श्राविकाओं ने एकासन तपस्या की। तपस्वियों में ड्रा से लक्की विजेता चुना गया, जिसमें उषा सिंघवी सोजत सिटी प्रथम, शिल्पा बाघमार इरोड़ द्वितीय एवं किरण बंब मैसूर तीसरे स्थान पर रहीं।
ऑनलाइन धार्मिक प्रतियोगिता का आयोजन किया
संघ प्रवक्ता संजय पींचा ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते सामूहिक धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन नहीं हो पाया। ऑनलाइन धार्मिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जन्मदिन के अवसर पर जैन समणी प्रमुखा श्रीनिधि एवं समणी श्रुतनिधि के निर्देशन में गुरु हो तो ऐसे घर बैठे ऑनलाइन धार्मिक प्रतियोगिता हुई। प्रतियोगिता में संपूर्ण भारत से श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता में जैन समणी श्रुतनिधि के यू -ट्यूब चैनल पर डॉ.पदमचंद्र महाराज के जीवन सम्बंधित अपलोड किए गए 27 प्रश्नों के उत्तर सभी प्रतिभागियों ने सोमवार को जन्मदिन के अवसर पर जमा कराए। प्रतियोगिता के विजेताओं को गौतमचंद, संतोषकुमार, अभयकुमार, कृपा, अकीरा बोकडिय़ा परिवार चेन्नई की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। प्रतियोगिता में श्रावक- श्राविकाओं ने उत्साह से भाग लिया।
प्रवचन में उनके कार्यों पर प्रकाश डाला
जैन समणी डॉ.सुयशनिधि एवं जैन समणी सुयोगनिधि की ओर से जन्मदिन पर विशेष मुक्तक एवं भजन प्रस्तुत किया गया। ऑनलाइन गीतिका प्रस्तुत की गई। इस दौरान ऑनलाइन प्रवचन हुए। इसमें डॉ. सुयशनिधि ने कहा कि जैन संत डॉ.पदमचंद्र महाराज का जन्म जोधपुर में हुआ था। बाल्यकाल से ही धार्मिक वातावरण में पले बढ़े एवं महाविद्यालय से पीएचडी डिग्री प्राप्त करने के बाद जनकल्याण के कार्यों से जुड़ गए। धार्मिक संस्कारों के प्रशिक्षण के लिए अनेक क्रांतिकारी कदम रखे। कहा कि प्राप्त ज्ञान को जीवन से जोडऩे की कला यदि नहीं है तो उस ज्ञान का महत्व शून्य ही रहता है। जैन दर्शन के गहन अध्ययन, विशिष्ट आगम ज्ञान कठोर संयम में समर्पित रहते हुए जन जन के आध्यात्मिक विकास के कार्य किए। साथ ही युवा पीढ़ी में धर्म की ज्योति जगाने एवं समग्र जिनोपासकों को दृढ़ता से धर्म के साथ जोडऩे का अथक प्रयास किया।
नवकार महामंत्र का किया जाप
जन्मदिन के उपलक्ष्य में जयमल जैन महिला मंडल के तत्वावधान में श्राविकाओं एवं बालिकाओं ने दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक जयमल जैन पौषधशाला में नवकार महामंत्र एवं जयमल जाप किया। कई श्रावक-श्राविकाओं ने महामारी के चलते अपने निवास पर ही जाप किया। मंडल अध्यक्ष पुष्पा ललवानी, उपाध्यक्ष विनीता पींचा, सांस्कृतिक मंत्री रीता ललवानी, कंचनदेवी ललवानी, शोभादेवी पारख सहित कई श्राविकाएं उपस्थित रहीं। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि जैन आचार्य पाश्र्वचंद्र महाराज व डॉ.पदमचंद्र महाराज आदि ठाणा अभी रायपुर मारवाड़ पाली में चातुर्मास कर रहे हैं।
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