आफिस : लाइफ लाइन अस्पताल, नागौर पिता का नाम : डॉ. अमित राठी, बिटिया का नाम : ईवांशी राठी
आज मैं भी पापा-मम्मी के अस्पताल गई। मैंने उनको अस्पताल में मरीजों की जांच करते देखा। मैंने पापा से स्वास्थ्य की जांच करना सीखा। मुझे भी बड़ी होकर पापा के जैसे डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना है।
ऑफिस : श्रीराम पेंट्स, पिता का नाम: संतोष कुमार डागा (संचालक) मैं आज चाचा की दुकान गई, जहां मैंने उनको ग्राहकों से बातचीत कर उनकी जरुरत का सामान देने के बारे में जानकारी ली। दुकान में आने पर पता चला कि ग्राहकों से किस प्रकार बात कर प्रोडक्ट की जानकारी देना है। मैं भी बड़ी होकर सफल वुमैन बनना चाहती हूं। -विनिता डागा
ऑफिस : जयश्री कॉलेज, डेगाना पिता का नाम : शौकत खान (निदेशक) पापा के ऑफि स यानी कॉलेज के निदेशक की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला। वर्तमान समय में सबसे पहले शिक्षा की महत्ता व कम्प्यूटर बहुत ही जरूरी है। -शाहिना खान
ऑफिस : रोजगार परामर्श केन्द्र, कुचेरा पिता का नाम : प्रेमप्रकाश फरड़ोदा (निदेशक) पापा के साथ कम्प्यूटर पर बैठकर अच्छा लगा। रोजगार आवेदन, छात्रवृत्ति के आवेदन, बिजली व पानी के बिल आदि भरने, जाति व मूलनिवास प्रमाण पत्र बनाने सहित ई मित्र पर होने वाले विभिन्न कार्यों की जानकारी ली। -सपना चौधरी