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खींवसर उप चुनाव को लेकर जयपुर में भाजपा का मंथन, नागौर में कांग्रेस ने भी की बैठक, आरएलपी पहले कर चुकी

आरएलपी सुप्रीमो व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल दे चुके अकेले चुनाव लड़ने का संकेत, ऐसे में खींवसर में हो सकता है फिर त्रिकोणीय मुकाबला

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BLP meeting in Jaipur

नागौर. जिले की खींवसर विधानसभा के उपचुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। हालांकि अभी चुनाव आयोग ने चुनाव की तिथि तय नहीं की है, लेकिन भाजपा - कांग्रेस के साथ आरएलपी ने भी अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। गत 23 जून को जहां उपचुनाव को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने संगठनात्मक सक्रियता बढ़ाने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। वहीं रविवार को भाजपा ने भी जयपुर में बैठक आयोजित कर क्षेत्र के पदाधिकारियों से उप चुनाव को लेकर चर्चा की। इसी प्रकार आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने भी गत दिनों विधानसभा क्षेत्र के लोगों की पंचायत वार बैठकें लेकर उप चुनाव में मजबूती से ताल ठोकने के संकेत दे दिए। साथ ही बेनीवाल ने कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने की बजाए अकेले चुनाव लड़ने के संकेत भी दे दिए हैं। ऐसे में खींवसर में त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में रविवार को प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी की उपस्थिति में आयोजित संगठनात्मक समीक्षा बैठक में आगामी दिनों में होने वाले खींवसर विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा की जीत को लेकर चर्चा की गई। बैठक में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति मिर्धा के साथ नागौर से जिलाध्यक्ष रामनिवास सांखला, पूर्व जिलाध्यक्ष रामचंद्र उत्ता सहित खींवसर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि शामिल हुए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में उप चुनाव की आगामी कार्ययोजना सहित विभिन्न विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। बैठक में लोकसभा चुनाव की सह प्रभारी विजया रहाटकर, जितेन्द्र गोठवाल उपस्थित रहे। गौरतलब है कि राजस्थान में खींवसर सहित 5 सीटों के विधायक अब सांसद बन चुके हैं। राजस्थान की पांच सीटों पर जल्द ही विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं।

चुनावों में निष्क्रिय रहने वालों की सूची बनाएगी कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार संगठनात्मक सक्रियता का फीडबैक लेने एवं सक्रिय व निष्क्रिय पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करने काे लेकर रविवार को कांग्रेस कार्यालय में जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में नागौर प्रभारी विधायक मनोज मेघवाल, कार्यकारी जिलाध्यक्ष हनुमान बांगड़ा एवं पीसीसी सदस्य विशाल जांगिड भी उपस्थित रहे। बैठक में ब्लॉक व मण्डल स्तर पर रिक्त पदों पर नियुक्ति करने के सम्बन्ध में जिला कार्यकारणी व ब्लॉक अध्यक्षों से विचार-विमर्श किया गया। जिलाध्यक्ष गैसावत ने कहा कि जिला कार्यकारणी के पदाधिकारी एवं सदस्य जो विधानसभा व लोकसभा चुनाव में निष्क्रिय रहे, उनकी सूची बनाकर जयपुर भेजी जाएगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को भविष्य में संगठित रहकर पार्टी को मजबूत करने का आह्वान किया। बैठक को उपाध्यक्ष मोतीलाल चन्देल, ब्लॉक अध्यक्ष हीरालाल भाटी, भंवराराम डूडी, महासचिव दिलफराज खान, भैराराम धुंधवाल, अनवर अली गहलोत, गिरधारी राम मुन्दलीया, कालू खां गौरी, हेमाराम बेडा, पन्नेसिंह, दिलीपसिंह, रिद्धकरण लोमरोड़, गिरधारी मुंडेल, प्रकाश कूकना आदि ने संबोधित किया। इस दौरान शौकत अली, खुर्शिद अहमद, मुशर्रफ अन्सारी, फरीद खां, पुनाराम मेघवाल मो इकबाल गौरी, सहित कई कांग्रेसी उपस्थित रहे।

प्रत्याशियों को लेकर लोगों में उत्सुकता

खींवसर ​उप चुनाव को लेकर विधानसभा क्षेत्र के साथ पूरे जिले में इन दिनों एक ही चर्चा है कि प्रत्याशी कौन होगा। यह चर्चा किसी एक पार्टी को लेकर नहीं है, ब​ल्कि तीनों ही पार्टियों के प्रत्या​शियों को लेकर है। आरएलपी के सुप्रीमो अगला प्रत्याशी अपने परिवार से उतारेंगे या किसी अन्य को टिकट देंगे, इसको लेकर अभी से चर्चाओं का बाजार गर्मी है तो भाजपा से वापस रेवंतराम डांगा को टिकट मिलेगा या ज्योति मिर्धा को टिकट दिया जाएगा, इसको लेकर चर्चा हो रही है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी चाहती है कि खींवसर से ज्योति मिर्धा ही चुनाव लड़े, जबकि कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बार धनंजय सिंह भाजपा के प्रत्याशी हो सकते हैं। वहीं कांग्रेस के लिए मजबूत प्रत्याशी खड़ा करना बड़ी चुनौती बन रही है, क्योंकि पूर्व प्रत्याशी तेजपाल मिर्धा कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं चुनाव के समय टिकट के लिए भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए भागीरथ मेहरिया भी टिकट नहीं मिलने पर वापस भाजपा में चले गए थे। ऐसे में क्या कांग्रेस, दुर्गसिंह पर भाग्य आजमाएगी, या फिर किसी और को उतारेगी। इन सब को लेकर पूरे जिले में चर्चा हो रही है।