इन्हें मिला टिकट.. पहली सूची में श्रीगंगानगर — निहालचंद मेघवाल, बीकानेर — अर्जुनराम मेघवाल, सीकर — सुमेधानंद , जयपुर — राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ , जयपुर — रामचरण बोहरा , भीलवाड़ा — सुभाष बहेड़िया, अजमेर — भागीरथ चौधरी, पाली — पीपी चौधरी, जोधपुर — गजेंद्र सिंह शेखावत, चित्तौडगढ — सीपी जोशी, कोटा — ओम बिरला जालो र — देवजी पटेल ख्, झालावाड — दुष्यंत सिंह , टोंक—सवाईमाधोपुर — सुखबीर सिंह जौनापुरिया, झुंझुनूं — नरेंद्र खींचड़ , उदयपुर—अर्जुनलाल मीना के नाम हैंं.
पहले से चल रही है बदलाव की चर्चाएं लोकसभा चुनाव की तिथि ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है टिकट के दावेदारों की धडकऩें भी तेज होने लगी है। कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों में भीतरखाने सब कुछ ठीक ठाक नहीं लग रहा है। दोनों ही पार्टियों में विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी टिकट के दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त है। भाजपा व कांग्रेस में अंदरूनी कलह के चलते नए चेहरे को मौका मिल सकता है वहीं खींवसर विधायक व रालोपा (RLP) संयोजक हनुमान बेनीवाल hanuman beniwal ने भी जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए संकेत से लगता है कि वे दोनों पार्टियों का समीकरण बिगाड़ सकते हैं। कोलायत से भाजपा के कद्दावर नेता देवीसिंह भाटी ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया वहीं इससे एक दिन पहले पाली सांसद पीपी चौधरी के विरोध में आला कमान को पत्र लिखने की खबरों के बीच नागौर सांसद CR Chaudhary सीआर चौधरी के खिलाफ पार्टी के पूर्व विधायकों ने ही मोर्चा खोल दिया है।
पदाधिकारियों को बताई हकीकत
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को मकराना में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोज से कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा Jyoti Mirdha को टिकट नहीं देने के लिए कहा है। सांसद के पांच साल के कार्यकाल में पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के चलते नाराज चल रहे करीब सात विधायक अब सांसद चौधरी के खिलाफ मुखर हो गए हैं। इन विधायकों समेत पार्टी के पदाधिकारियों ने भी प्रदेश व केन्द्रीय नेतृत्व के सामने अपनी बात रखते हुए कहा है कि मौजूदा सांसद चौधरी को टिकट देने से पार्टी को नुकसान हो सकता है। कहा जा रहा है कि पार्टी पदाधिकारियों व पूर्व विधायकों ने विधानसभा चुनाव में उनका सहयोग नहीं करने का आरोप भी लगाया है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में कई संसदीय क्षेत्रों से मौजूदा सांसदों को ही फिर से टिकट देने के पार्टी के निर्णय का विरोध हो रहा है।
उलट-फेर की संभावना बरकरार
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा के करीबी समझे जाने वाले एक नेता टिकट के लिए कोशिश कर रहे हैं वहीं विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने से वंचित रहे दावेदार अब लोकसभा में दावेदारी जता रहे हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा यह भी है कि कांगे्रस से टिकट के लिए दावेदारी जता रहे नेता टिकट नहीं मिलने पर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। ऐसी स्थिति में पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर नए दावेदारों को टिकट दिए जाने से भाजपा में अंतर्कलह बढऩे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उधर, चर्चा यह भी है कि आईपीएस सेवा से पृथक किए गए पंकज चौधरी भी नागौर से किसी पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा के करीबी समझे जाने वाले एक नेता टिकट के लिए कोशिश कर रहे हैं वहीं विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने से वंचित रहे दावेदार अब लोकसभा में दावेदारी जता रहे हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा यह भी है कि कांगे्रस से टिकट के लिए दावेदारी जता रहे नेता टिकट नहीं मिलने पर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। ऐसी स्थिति में पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर नए दावेदारों को टिकट दिए जाने से भाजपा में अंतर्कलह बढऩे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उधर, चर्चा यह भी है कि आईपीएस सेवा से पृथक किए गए पंकज चौधरी भी नागौर से किसी पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं।