पत्रिका की खबरों का दिया हवाला
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 27 सितम्बर 2017 से ‘शुरू हो ब्लड बैंक’ शीर्षक से अभियान चलाया था। इस दौरान लगातार कई दिनों तक सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित कर ब्लड बैंक के प्रति सरकारी उदासीनता, रक्त की कमी से मरीजों को होने वाली दिक्कतों को उजागर किया गया था। साथ ही रक्त की बढ़ती मांग, अन्यत्र स्थानों से रक्त लाने में होने वाली परेशानियां, आपात स्थिति व गर्भवती महिलाओं को होने वाली दिक्कतों के साथ ही शहर में होने वाले रक्तदान शिविर, रक्तदान करने वाले लोगों के विचार भी प्रकाशित किए गए थे। अधिवक्ता हैदर ने राजस्थान पत्रिका के इस अभियान की खबरों का हवाला देते हुए अदालत से राज्य सरकार को तत्काल लाइसेंस जारी करने और स्टाफ की नियुक्ति करने के निर्देश देने का अनुरोध किया था।
उम्मीद है, जल्द शुरू होगा ब्लड बैंक
राजस्थान पत्रिका ने इस मामले में सार्थक अभियान चलाया, जिसके आधार पर हमने अदालत में यह याचिका पेश की। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस गंभीरता से लेते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। अब 29 जनवरी को मामले में फिर से सुनवाई होगी। उम्मीद है, सरकार जल्द ही ब्लड बैंक का लाइसेंस जारी कर और स्टाफ की नियुक्ति कर आम जनता को राहत देगी। – रजाक के. हैदर, एडवोकेट, राजस्थान हाईकोर्ट
अब तक नहीं मिला ब्लड बैंक का लाभ
राज्य सरकार ने डीडवाना में ब्लड बैंक की घोषणा तो कर दी, मगर दो साल बाद भी ब्लड बैंक शुरू नही ंहोना सरकार की उदासीनता को दर्शाता है। ब्लड बैंक का लाइसेंस अब तक जारी नहीं हो पाया है और ना ही यहां स्टाफ की नियुक्ति हो पाई है। – सरवर खान, अध्यक्ष, उत्थान संस्थान