इस बार इन वीडियों में सीएचसी में कार्यरत्त दो नर्सिंग ऑफिसर प्रसूता के परिजनों से डिलेवरी के बाद जन्म प्रमाण पात्र जारी करने को लेकर रुपए मांगते दिख रहे हैं। अलग-अलग वीडियों में यह मेलनर्स अपनी शर्ट की जेब में कुछ रुपए डालते हुए दिख रहे हैं। इन वीडियो के वायरल होने के बाद मेड़ता सीएचसी की तस्वीर सबके सामने एक बार फिर धूमिल हुई है।
वहीं दूसरी तरफ रविवार दोपहर को नागौर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने दूरभाष पर आदेश जारी करते हुए दोनों मेलनर्सों को एमओटी पर कार्य करने के लिए लगाया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जो वीडियो वायरल हो रहे हैं उनमें इस बार यहां काम करने वाले नर्सिंग ऑफिसर परिजनों से रुपए ले रहे हैं। हालांकि अभी तक इस वीडियो की कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह कार्मिक तो सीएचसी के ही है। इन वीडियो में जन्म प्रमाण पत्र को लेकर परिजनों से रुपए लेते हुए दिखे रहे हैं।
आखिर, कहां तक रिश्वतखोरी के तार?
जहां एक ओर मरीजों की सुविधा के लिए सरकार की ओर से कुछ निशुल्क राशि रखी है वहीं यहां काम करने वाले सरकारी कर्मचारी ही लालच के चक्कर में अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं। अब तो सिर्फ चार जनों के वीडियो वायरल हुए है। हो सकता है कि सीएचसी में रिश्वत का यह खेल और भी चल रहा हो। जो भी हो सरकार के पैसे उठाने के बाद अतिरिक्त कमाई के चक्कर में मरीजों के परिजनों से रुपए ऐंठना गलत है।
डर बिलकुल नहीं, खुलेआम ले रहे राशि
इन दोनों वीडियों में नर्सिंग ऑफिसर खुलेआम बिना किसी डर के रिश्वत ले रहे हैं। वहीं एक वीडियो में तो परिजन की ओर से मेलनर्स को राशि देने पर पहले वो गिनता है। फिर एक और बार रुपए लेकर अपनी शर्ट की जेब में डालते हुए दिख रहा है। मेड़ता सीएचसी के आए दिन ऐसे वीडियो सामने आने से एक तरफ विभाग की बदनामी हो रही है तो लोग भी इनसे परेशान है।
इस बारे में दोनों मेलनर्स का कहना :
1. राजपाल : वीडियो में जो आदमी दिख रहा है वो मेरे मौसाजी का भाई है। उन्होंने कुछ समय पहले खाद-बीज लेने को लेकर मुझसे रुपए उधार लिए थे। वो ही राशि मुझे लौटाने आए थे। इतने में किसी ने यह वीडियो बना लिया। यह रिश्वत के नहीं बल्कि मेरे खुद के पैसे थे।
2. ओमप्रकाश : फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, कॉल भी अटैंड किया मगर कोई जवाब नहीं दिया और फोन काट दिया।
दोनों इस वार्ड में ढाई साल से अधिक समय से कार्यरत, अब हटाया
दोनों नर्सिंग ऑफिसरों के वीडियो वायरल होने के बाद कनिष्ठ विशेषज्ञ प्रभारी(जूनियर स्पेशलिस्ट इंचार्ज ) ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के आदेशों पर इनको वहां से हटा दिया गया। खास बात यह है कि वीडियो वायरल हुए दोनों ही मेलनर्स इस वार्ड में ढाई साल से अधिक समय से कार्यरत्त थे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही करीब एक सप्ताह पहले ऐसे दो वीडियो वायरल हुए थे। जिसमें एक गायनिक डॉक्टर की ओर से बधाई के रुपए मांगते और यहां कार्यरत जीएनएम पैसे लेते हुए दिखाई दे रही है। इस घटना के बाद चिकित्सक को रिलीव कर दिया गया था वहीं जीएनएम को एपीओ कर दिया। इस मामले की जांच अभी तक चली ही रही है कि अस्पताल का एक और कारनामा सामने आ गया।
बीसीएमओ ने मुझे बताया था कि सीएचसी के कंपाउडरों का पैसे लेने का वीडियो सामने आया है। इनका कार्य स्थल बदलकर ट्रोमा सेंटर कर दिया है। कल विभागीय अधिकारी आएंगे।
डॉ. एस.के आत्रेय, चिकित्सा प्रभारी, सीएचसी