नागौरPublished: Aug 13, 2018 12:11:50 pm
Sharad Shukla
बीएसएनएल की बिना सिम इंटरनेट कॉलिंग व देश-विदेश में बात करने की सुविधा को एक लाख 25 हजार उपभोक्ताओं ने नकार दिया है।
BSNL officers mistake more than one lakh without denying SIM scheme
नागौर. बीएसएनएल के उपभोक्ता योजना से पूरी तरह से दूरी बना ली। बीसएनएल की बिना सिम के कॉलिंग एवं इंटरनेट के इस्तेमाल की बहुप्रतीक्षित सुविधा लांच होने के बाद भी उपभोक्ताओं ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई है। बीएसएनएल उपभोक्ताओं को पुरानी सिम सरेंडर करने की स्थिति में नए नंबर दिए जाने के कारण इसके प्रति अरुचि बढ़ा दी है। उपभोक्ताओं का मानना है कि नए नंबर लेने की स्थिति में उनके व्यापार सहित विभिन्न कार्यों में आंशिक ही सही, लेकिन गतिरोध की स्थिति बनने पर असहज स्थिति का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में इस योजना से न जुडऩा ही उनके लिए बेहतर होगा। विभागीय अधिकारियों को उपभोक्ताओं के इस रवैए से झटका लगा है। य अधिकारियों को उम्मीद थी कि उनकी इस स्कीम को उनके परम्परागत उपभोक्ता हाथों-हाथ लेंगे। उपभोक्ताओं के इस रवैए से योजना के लांच होने के बाद ही एक लाख उपभोक्ताओं की ओर से इसमें अरुचि जताने से विभाग ने नए उपभोक्ताओं को इससे जोडऩे का प्रयास किया है। प्रयास के बाद भी ज्यादातर नए उपभोक्ताओं ने बीएसएनएल को नजरअंदाज कर दिया है।
इसलिए नहीं जुड़े परम्परागत उपभोक्ता
उपभोक्ताओं का बीएसएनएल की नई स्कीम के बारे में कहना था कि अधिकारियों ने योजना सोच-समझकर बनाई होती तो पुराने उपभोक्ताओं के हितों का भी ध्यान रखा गया होता। योजना में कई खामिया है। उपभोक्ताओं का मानना है कि नेटवर्क की सुस्ती व आए दिन सेवाओं के बाधित होने के कारण इसकी स्थिति बेहतर नहीं मानी जाती। पहले से जुड़े उपभोक्ता अपनी सिम सरेंडर करेंगे तो फिर नया नंबर लेने पर उसे फिर से कार्य रूप में लाने में कई दिन लग जाएंगे। यदि नंबर नहीं बदलते तो विभाग को इसका खासा लाभ मिलता। योजना बनाते समय अधिकारियों ने इस विसंगतियों को ध्यान में नहीं रखा। नेटवर्क बदलने की स्थिति में नंबर नहीं बदलता है। यह सुविधा पहले से मिल रही है तो फिर कोई अपना पुराना नंबर क्यों बदलेगा।
एक अगस्त को हुई थी लांच
विभाग की 1099 में बिना सिम के ही बीएसएनएल के नंबरों से देश-विदेश में कालिंग करने की सुविधा के साथ सिम की तर्ज पर इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अन्य कार्यों की सुविधा को बढ़ा देशभर में एक-साथ लांच किया गया था। इस योजना को लेकर विभागीय अधिकारियों ने कई दावे किए थे। योजना लांच होने के बाद 10 दिन बाद भी अपेक्षित संख्या में न तो नए उपभोक्ता जुड़े, और न ही परम्परागत ने इसको तवज्जो दी। नतीजन योजना की उपलब्धी फिलहाल नगण्य ही रही है।