scriptवीडियो : खुले में जलता कचरा सांसों में घोल रहा जहर | Burning waste is poisoning in the breath | Patrika News

वीडियो : खुले में जलता कचरा सांसों में घोल रहा जहर

locationनागौरPublished: Oct 31, 2020 01:23:43 pm

Submitted by:

Rudresh Sharma

Nagaur News लाडनूं (Ladnun) में बार- बार सुलग रही आग (Flams of Fire) से सांस लेना हुआ दूभर

Burning waste is poisoning in the breath

खुले में जलता कचरा सांसों में घोल रहा जहर

दीक्षांत हिंदुस्‍तानी @ लाडनूं. एक तरफ सरकार की ओर से स्वच्छ भारत अभियान व पॉलीथिन बंद जैसे अभियान जोर शोर से चलाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार महकमों की अनदेखी शहर की आबो हवा में जहर घोल रही है। शहर के मेगा स्टेट हाइवे के समीप स्थित डंपिंग यार्ड में एक तरफ खुले में कचरे का अंबार लगा है, तो दूसरी तरफ इसी कचरे में अज्ञात कारणों से बार बार लग रही आग व्यापक प्रदूषण का कारण बन रही है। डंपिंग यार्ड के स्थान पर न केवल सडक़ की उचित सुविधा है, न ही समुचित तारबंदी या चारदीवारी की हुई है। इसके चलते पशु इनमें घूमते नजर आ रहे हैं।

आमने सामने होने तक की आ चुकी नौबत
पूर्व में स्थानीय लोगों ने आक्रोश में आकर न केवल शिकायती ज्ञापन सौंपे, बल्कि विरोध प्रदर्शन के साथ पालिका के कर्मिकों से भी आमने सामने होने को मजबूर होना पड़ा। तब मौके पर पहुचे अधिशासी अधिकारी ने 2 कर्मिकों पुरुषोत्तम व जुगलकिशोर को वहां ड्यूटी पर नियुक्त करने के लिखित आदेश जारी किए थे, लेकिन पत्रिका टीम को मौके पर डंपिंग यार्ड पर कोई भी नजर नहीं आया। वहीं 26 लाख की लागत से सडक़ व चारदीवारी निर्माण का आश्वासन दिया था, जो भी इन दिनों ठंडे बस्ते में नजर आ रहा है।
बनी हुई है अनहोनी की आशंका
डंपिंग यार्ड में जल रहे कचरे के कारण आस पास निवास कर रहे कॉलोनी के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। वहीं यह आग कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। यहां बेसहारा गोवंश भोजन की तलाश में घूमते देखा जा सकता है। यार्ड के ऊपर से गुजर रही विद्युत लाइन भी जल जाने की आशंका बनी हुई है। पूरे शहर का कचरा इस प्रकार खुले में जलाए जाने से विभिन्न विषैली गैसों का जहरीला रिसाव किसी की भी जान लील सकता है।

कुछ दिन मुस्तैद, फिर वही रवैया
पूर्व में राजस्थान पत्रिका में ‘प्रदूषित हो रही पर्यावरण की विरासत’ शीर्षक से प्रकाशित खबर पर एसडीएम ने अधिशासी अधिकारी को सुधार के निर्देश दिए थे। इस पर पालिका टीम ने पूर्व में जेसीबी व कर्मिकों के साथ घंटों तक जुटकर सफाई का विशेष अभियान चलाया। इस दौरान एमआरएफ (मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) को रंग करवाकर व गेट लगवाकर तैयार भी करवाया गया था। लेकिन इन दिनों वापस पालिकाकर्मियों की उदासीनता के चलते स्थिति बदहाल हो गई है।
एमआरएफ का नहीं हो रहा उपयोग
शहर में मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी, जिसके तहत कचरे को वर्गीकृत करके निस्तारण किया जाता है, की भी अनुपालना नहीं हो रही। पत्रिका टीम को मौके पर कचरे की छंटाई के स्थान पर गाय घूमती नजर आई। जबकि इसका उपयोग करने में पालिका को किसी भी प्रकार की विशेष तकनीकी अथवा अन्य संसाधन की आवश्यकता नहीं होती। मात्र लापरवाही के चलते उपलब्ध संसाधनों का भी समुचित तरीके से उपयोग नहीं हो रहा है।
इनका कहना

पालिका की अनदेखी व अनसुनी के चलते खामियाजा हम भुगत रहे हैं। प्रतिदिन मच्छर, मक्खियों व दुर्गंध से हमें सामना करना पड़ता है। इसका दुष्प्रभाव हमारे स्वास्थ्य व जीवनशैली पर पड़ रहा है। इसका सुधार होना बेहद जरूरी है।
– रामेश्वर शर्मा, स्थानीय निवासी, लाडनूं

एनजीटी के नियमो के मुताबिक पुराने पड़े कचरे को सही करवा दिया जाएगा। शीघ्र ही गीले व सूखे कचरे को अलग करवा कर कम्पोस्ट बनाया जाएगा। 3 वार्डो से प्रयास शुरू हो गया है धीरे धीरे पूरे शहर में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। मशीन से खाद निर्माण का ट्रायल हो चुका है। एमआरएफ शुरू करने योग्य करवा दिया गया है। शीघ्र ही डंपिंग यार्ड सुव्यवस्थित नजर आएगा।
– मघराज डूडी, अधिशासी अधिकारी, लाडनूं
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