आमने सामने होने तक की आ चुकी नौबत
पूर्व में स्थानीय लोगों ने आक्रोश में आकर न केवल शिकायती ज्ञापन सौंपे, बल्कि विरोध प्रदर्शन के साथ पालिका के कर्मिकों से भी आमने सामने होने को मजबूर होना पड़ा। तब मौके पर पहुचे अधिशासी अधिकारी ने 2 कर्मिकों पुरुषोत्तम व जुगलकिशोर को वहां ड्यूटी पर नियुक्त करने के लिखित आदेश जारी किए थे, लेकिन पत्रिका टीम को मौके पर डंपिंग यार्ड पर कोई भी नजर नहीं आया। वहीं 26 लाख की लागत से सडक़ व चारदीवारी निर्माण का आश्वासन दिया था, जो भी इन दिनों ठंडे बस्ते में नजर आ रहा है।
डंपिंग यार्ड में जल रहे कचरे के कारण आस पास निवास कर रहे कॉलोनी के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। वहीं यह आग कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। यहां बेसहारा गोवंश भोजन की तलाश में घूमते देखा जा सकता है। यार्ड के ऊपर से गुजर रही विद्युत लाइन भी जल जाने की आशंका बनी हुई है। पूरे शहर का कचरा इस प्रकार खुले में जलाए जाने से विभिन्न विषैली गैसों का जहरीला रिसाव किसी की भी जान लील सकता है।
कुछ दिन मुस्तैद, फिर वही रवैया
पूर्व में राजस्थान पत्रिका में ‘प्रदूषित हो रही पर्यावरण की विरासत’ शीर्षक से प्रकाशित खबर पर एसडीएम ने अधिशासी अधिकारी को सुधार के निर्देश दिए थे। इस पर पालिका टीम ने पूर्व में जेसीबी व कर्मिकों के साथ घंटों तक जुटकर सफाई का विशेष अभियान चलाया। इस दौरान एमआरएफ (मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) को रंग करवाकर व गेट लगवाकर तैयार भी करवाया गया था। लेकिन इन दिनों वापस पालिकाकर्मियों की उदासीनता के चलते स्थिति बदहाल हो गई है।
शहर में मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी, जिसके तहत कचरे को वर्गीकृत करके निस्तारण किया जाता है, की भी अनुपालना नहीं हो रही। पत्रिका टीम को मौके पर कचरे की छंटाई के स्थान पर गाय घूमती नजर आई। जबकि इसका उपयोग करने में पालिका को किसी भी प्रकार की विशेष तकनीकी अथवा अन्य संसाधन की आवश्यकता नहीं होती। मात्र लापरवाही के चलते उपलब्ध संसाधनों का भी समुचित तरीके से उपयोग नहीं हो रहा है।
– रामेश्वर शर्मा, स्थानीय निवासी, लाडनूं
एनजीटी के नियमो के मुताबिक पुराने पड़े कचरे को सही करवा दिया जाएगा। शीघ्र ही गीले व सूखे कचरे को अलग करवा कर कम्पोस्ट बनाया जाएगा। 3 वार्डो से प्रयास शुरू हो गया है धीरे धीरे पूरे शहर में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। मशीन से खाद निर्माण का ट्रायल हो चुका है। एमआरएफ शुरू करने योग्य करवा दिया गया है। शीघ्र ही डंपिंग यार्ड सुव्यवस्थित नजर आएगा।
– मघराज डूडी, अधिशासी अधिकारी, लाडनूं