आंदोलन के तहत राज्य के कुछ शहरों में चक्काजाम भी किया गया। निजी बस ऑपरेटर्स ने अपनी बसें परिवहन विभाग कार्यालय के बाहर खड़ी कर दी तथा प्रदर्शन किया। इसके बाद ज्ञापन सौंपकर टैक्स में राहत देने की मांग रखी। हालांकि नागौर जिला मुख्यालय पर इस तरह का प्रदर्शन नहीं किया गया, लेकिन मांग के समर्थन में ज्ञापन जरूर सौंपा गया।
बस मालिकों का कहना हैं कि लॉक डाउन के दौरान बसों का संचालन नहीं हुआ, लेकिन टैक्स का पैसा अदा करना पड़ा। प्रत्येक बस को राजस्थान में परिवहन के लिए करीब 40 हजार रुपए का टैक्स प्रतिमाह भरना पड़ता है। अनलॉक होते ही सीमित स्तर पर बसों का संचालन शुरू अवश्य हो गया है, लेकिन अब भी पूरा यात्री भार नहीं मिल रहा। ऐसे में पूरा टैक्स अदा करना मुश्किल हो रहा है।
राज्य सरकार ने दो माह का टैक्स माफ कर दिया है, लेकिन बस ऑपरेटर्स छह माह का टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं। इन्होंने आज ज्ञापन दिया है, जिसे आगे भेज दिया गया।
– ओमप्रकाश चौधरी, जिला परिवहन अधिकारी, नागौर