तोडऩा पड़ा था फ्लाईओवर
एक्सईएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बायपास परियोजना में स्थित तीनों ओवरब्रिजों में से किसी में भी कोई क्रेक नहीं आया हैं एवं तीनों ओवरब्रिज यातायात संचालन के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। इन में से दो ओवरब्रिज पर गत 6 माह से ट्रैफिक सुगमता से संचालित हो रहा है। अठियासन ओवरब्रिज को एचटी लाइन के शिफ्टिंग ना होने के कारण यातायात संचालन के लिए नहीं खोला गया है। हालांकि यह बात और है कि दो साल पहले डीडवाना रोड पर बने फ्लाईओवर का निर्माण सही नहीं होने पर इन्हीं एक्सईएन ने तुड़वाकर ठीक करवाया था।
एक्सईएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बायपास परियोजना में स्थित तीनों ओवरब्रिजों में से किसी में भी कोई क्रेक नहीं आया हैं एवं तीनों ओवरब्रिज यातायात संचालन के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। इन में से दो ओवरब्रिज पर गत 6 माह से ट्रैफिक सुगमता से संचालित हो रहा है। अठियासन ओवरब्रिज को एचटी लाइन के शिफ्टिंग ना होने के कारण यातायात संचालन के लिए नहीं खोला गया है। हालांकि यह बात और है कि दो साल पहले डीडवाना रोड पर बने फ्लाईओवर का निर्माण सही नहीं होने पर इन्हीं एक्सईएन ने तुड़वाकर ठीक करवाया था।
ठेकेदार ने ट्रैफिक छोड़ दिया था
हां, यह सही है कि एनएच के कार्यों में उपयोग से पूर्व निर्माण सामग्री की जांच कर ली जाती है। जहां तक सीसी सडक़ क्षतिग्रस्त होने का सवाल है तो कई बार निर्माण के दौरान ठेकेदार से कुछ गलतियां हो जाती हैं, इसमें भी ऐसा ही हुआ। ठेकेदार के मजदूरों ने खुद व गांवों का ट्रैफिक छोड़ दिया। बाकी बायपास को नवम्बर 2020 से यातायात के लिए खोल दिया गया था एवं लगभग 6 माह से बायपास पर ट्रैफिक सुचारू रूप से चल रहा है एवं किसी भी प्रकार कि कोई दुर्घटना सडक़ में तकनीकी खामी की वजह से नहीं हुई है।
– मुकेश शर्मा, अधिशासी अभियन्ता, पीडब्ल्यूडी राष्ट्रीय उच्चमार्ग खण्ड, नागौर
हां, यह सही है कि एनएच के कार्यों में उपयोग से पूर्व निर्माण सामग्री की जांच कर ली जाती है। जहां तक सीसी सडक़ क्षतिग्रस्त होने का सवाल है तो कई बार निर्माण के दौरान ठेकेदार से कुछ गलतियां हो जाती हैं, इसमें भी ऐसा ही हुआ। ठेकेदार के मजदूरों ने खुद व गांवों का ट्रैफिक छोड़ दिया। बाकी बायपास को नवम्बर 2020 से यातायात के लिए खोल दिया गया था एवं लगभग 6 माह से बायपास पर ट्रैफिक सुचारू रूप से चल रहा है एवं किसी भी प्रकार कि कोई दुर्घटना सडक़ में तकनीकी खामी की वजह से नहीं हुई है।
– मुकेश शर्मा, अधिशासी अभियन्ता, पीडब्ल्यूडी राष्ट्रीय उच्चमार्ग खण्ड, नागौर
दोषियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
बायपास निर्माण कार्य में ठेकेदार ने भारी अनियमितता की और तत्कालीन सरकार के दबाव में अधिकारी मूकदर्शक बने रहे। गुणवत्ता जांच के लिए नियुक्त विंग के स्थानीय अधिकारियों ने सीसी सडक़ की गुणवत्ता की ओर ध्यान ही नहीं दिया, जिसके चलते सडक़ पर यातायात शुरू होने से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गई। इसकी उच्च स्तरीय जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
– नारायण बेनीवाल, विधायक, खींवसर
बायपास निर्माण कार्य में ठेकेदार ने भारी अनियमितता की और तत्कालीन सरकार के दबाव में अधिकारी मूकदर्शक बने रहे। गुणवत्ता जांच के लिए नियुक्त विंग के स्थानीय अधिकारियों ने सीसी सडक़ की गुणवत्ता की ओर ध्यान ही नहीं दिया, जिसके चलते सडक़ पर यातायात शुरू होने से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गई। इसकी उच्च स्तरीय जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
– नारायण बेनीवाल, विधायक, खींवसर