खारिज हो गए 1954 वोट
इन उम्मीदवारों को एक हजार के हिसाब से मिलने वाले करीब 27 हजार वोटों से ज्यादा मत तो नोटा में ही चले गए। 2018 के चुनाव में यह आंकड़ा 20 हजार 637 जबकि वर्ष 2013 के चुनाव में 27 हजार 696 था। जिले की दस विधानसभा सीटों के लिए हुए इस चुनाव में करीब 1954 मत खारिज हो गए। सर्वाधिक 288 मत डीडवाना में जबकि सबसे कम 119 मत खींवसर में खारिज हुए। इसके अलावा लाडनूं में 172, नागौर व जायल में 198-198, मेड़ता में 239, मकराना में 204, डेगाना में 126, परबतसर में 200 व नावां में 210 वोट खारिज हुए।
मेड़ता से पहली बार महिला विधायक
गत दो चुनाव में एक बार भाजपा व एक बार कांगे्रस ने महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा। इस बार इस सीट के अलावा कांग्रेस ने सोनू चितारा व राष्ट्रीय लोकतंत्र पार्टी ने इंदिरा बावरी को मेड़ता सिटी से उम्मीदवार बनाया। जायल से मंजू मेघवाल ने 18604 जबकि मेड़ता से इंदिरा बावरी ने 12835 वोट से जीत दर्ज की। कांग्रेस उम्मीदवार सोनू चितारा को 24018 वोट मिले। 2018 में जिले 8 सीटों पर 14 महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में थी। अन्य महिला उम्मीदवारों में लाडनूं से पुष्पा कंवर, तसलीम, नावां से अनिता, जायल से अन्नु देवी, मकराना से सईदा व सरोज कंवर, नागौर से संतोष सोनी, खींवसर से रेखा बेड़ा, डॉ. अनिता, डेगाना से मंजू देवी सोनी आदि चुनाव मैदान में थीं।