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ट्रक में घुसी कार, तीन युवकों की मौत

locationनागौरPublished: Jan 22, 2020 12:19:18 am

Submitted by:

Ravindra Mishra

मूण्डवा. ईनाणा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग- 58 पर सोमवार देर रात को नागौर से मूण्डवा की तरफ आ रही एक कार आगे चल रहे ट्रक में जा घुसी। ट्रक में गैस की खाली टंकियां भरी हुई थी। रात करीब 1.30 बजे हुए इस सडक़ हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई व दो जनें घायल हो गए।

 क्षतिग्रस्त कार

मूण्डवा के निकट ईनाणा गांव के पास हादसे में पूरी तरह क्षतिग्रस्त कार व पीछे खड़ा ट्रक।


मूण्डवा. ईनाणा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग- 58 पर सोमवार देर रात को नागौर से मूण्डवा की तरफ आ रही एक कार आगे चल रहे ट्रक में जा घुसी। ट्रक में गैस की खाली टंकियां भरी हुई थी। रात करीब 1.30 बजे हुए इस सडक़ हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई व दो जनें घायल हो गए।
इनमें से एक घायल को अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि दूसरे को हायर सेंटर रेफर किया गया। कार में सवार सभी व्यक्ति पालड़ी जोधा गांव के निवासी थे। दुर्घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलने पर गांव के युवक, मूण्डवा थाना पुलिस तथा मूण्डवा से एम्बुलेंस 108 मौके पर पहुंची। कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण तीन लोग इसमें बुरी तरह फंस गए। जिन्हें निकालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। दो घायलों को एंबुलेंस 108 के चालक मंगलाराम मुण्डेल व ईएमटी जितेंद्र सेवर ने मूण्डवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहां डॉ. राकेश सिरोही व नर्सिंग कर्मियों ने उपचार किया।
सडक़ दुर्घटना की सूचना मिलने पर मूण्डवा थाने से एएसआई आईदानराम जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। बाद में थानाधिकारी बलदेवराम चौधरी व मूण्डवा वृत्ताधिकारी लोकेश मीणा ने भी दुर्घटना स्थल पर पहुंचे जायजा लिया। रात में तीनों मृतकों के शव मूंडवा अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए गए। मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किए।
इनकी हुई मौत
हादसे में पालड़ी जोधा निवासी भरत सिंह (30) पुत्र मोहन सिंह राजपूत व श्रवण गिरी (45) पुत्र हीरागिरी घायल हो गए। कार चालक अर्जुनराम जाट (35) पुत्र रामचन्द्र, प्रतापसिंह राजपूत (38) पुत्र बलवीर सिंह राजपूत तथा सुभाष सिंह उर्फ सांवरसिंह (23) पुत्र जयसिंह रावणा राजपूत की मौत हो गई।
चार बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
हादसे ने 8 से 12 वर्ष की आयु के 4 बच्चों के सिर से पिता का साया छीन लिया। अर्जुनराम जालोर में ग्रेनाइट का काम करता था। वह पत्नी व दो बच्चों के साथ वहा रहता था। प्रताप सिंह गांव में खेती-बाड़ी करता था। उसके भी 8 व 12 वर्ष के दो बच्चे हैं। अर्जुनराम व प्रताप सिंह के दो दो बच्चे अपने पिता को खो चुके हैं। सुभाष अविवाहित था। वह अपने माता-पिता तथा दो छोटे भाइयों के साथ गांव में रहता था।
फफक पड़ा सरपंच
हादसे की जानकारी लोगों को मिलने के साथ ही अस्पताल में भीड़ जुट गई। पालड़ी जोधा के निवर्तमान सरपंच जगदीश खोजा, मृतकों के परिजन व ग्रामीण भी अस्पताल पहुंचे। परिजनों व परिचितों के आंसू नहीं रूक रहे थे सरपंच भी अपने आंसू पौंछते रहे। जब एक साथ तीन शव अस्पताल से रवाना हुए तो सरपंच दहाड़ें मार कर रोने लगा। लोगों ने जैसे-तैसे उसे ढाढस बंधाया।
मामला दर्ज
एएसआई आईदानराम ने बताया कि हादसे में चोटिल हुए कार में सवार पालडी जोधा निवासी भरत सिंह ने ट्रक चालक के खिलाफ अचानक ट्रक रोक कर दुर्घटना करने का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने दोनों वाहनों को जब्त किया है।
बाइपास का अभाव छीन रहा जिंदगी
राजमार्ग पर इनाणा गांव से बायपास बनना प्रस्तावित है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण भी किया जा चुका है, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। जिस कंपनी को राजमार्ग का ठेका दिया गया था उसको इस कार्य से बाहर करके वन टाइम सेटेलमेंट कर लिया है। सरकार ने फिर से कार्य योजना तैयार की है। लेकिन अभी तक ईनाणा तथा भडाणा के बाइपास नहीं बने हैं। मूण्डवा का बाइपास भी सुधारना है। इन तीनों स्थानों पर कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं। इनाणा में आबादी क्षेत्र से होकर हाईवे गुजरता है। इसके कारण आए दिन हादसों की आशंका रहती है। इनाणा गांव से नागौर की तरफ करीब 1 किलोमीटर तक खतरनाक दुर्घटना जोन बना हुआ है। जिसमें कई लोग जान गंवा चुके हैं।
ग्रामीणों के बार-बार आग्रह करने के बाद गति अवरोधक बने, लेकिन केवल रस्म पूरी की गई है। दूसरी ओर खेल स्टेडियम और जीएसएस के पास सडक़ पर छोटे-छोटे मोड़ एवं हल्की सी चढ़ाई रात्रि में लाइटों की भूलभुलैया पैदा कर देती है। जिसमें चालक चौंधिया जाता है और हादसे का शिकार हो जाता है। यहां 500 मीटर के दायरे में 10 से अधिक लोग जानें गवां चुके हैं फिर भी राजमार्ग प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है। जब भी हादसा होता है गांव में रोष व्याप्त हो जाता है। लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता है।
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