scriptहादसों के बाद भी नहीं चेते जिम्मेदार, सरकारी धन को लगा रहे ठिकाने | Carelessness of discom officers, misuse of government money | Patrika News

हादसों के बाद भी नहीं चेते जिम्मेदार, सरकारी धन को लगा रहे ठिकाने

locationनागौरPublished: Jul 18, 2019 11:45:51 am

Submitted by:

shyam choudhary

misuse of government money प्रशिक्षण के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे डिस्कॉम अधिकारी, कर्मचारियों के प्रशिक्षण में हो रही खानापूर्ति, डिस्कॉम अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता से हर वर्ष बढ़ रहे हादसे

misuse of government money

Carelessness of discom officers, misuse of government money

misuse of government money नागौर. बिजली के करंट से होने वाले हादसों पर Accidents caused by electric current लगाम लगाने के लिए डिस्कॉम द्वारा हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, बावजूद इसके हादसों में कमी आने की बजाय बढ़ोतरी हो रही है। कारण साफ एवं स्पष्ट है डिस्कॉम अधिकारियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों में लापरवाही एवं खानापूर्ति करना, जिसके परिणामस्वरूप जो परिणाम आने चाहिए, वे नहीं मिल रहे हैं। डिस्कॉम के कर्मचारी खुद यह कह रहे हैं कि प्रशिक्षण के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है, कई बार तो पूरे दिन बैठे-बैठे निकालना पड़ता है, कोई प्रशिक्षक प्रशिक्षण देने नहीं आता। स्थिति यह है कि मुख्यालय से मिले निर्देशों की पालना में सरकारी बजट को ठिकाने लगाया जा रहा है।
डिस्कॉम discom अधिकारियों की लापरवाही का परिणाम यह है कि नागौर जिले में बिजली के करंट से मरने वालों death of lineman on pole due to current का आंकड़ा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। जिले में पिछले 5 साल के आंकड़े देखें तो 152 लोग करंट आने से मौत के शिकार हो चुके हैं, इसमें 11 तो निगम कर्मचारी हैं, जबकि 141 दूसरे लोग हैं, जिन्हें विभागीय लापरवाही के कारण अकाल मौत मरना पड़ा। इसके बावजूद निगम के अधिकारी प्रशिक्षण जैसे कार्यों में लापरवाही बरत रहे हैं।
वर्ष वार करंट से मरने वाले लोग व पशु
वर्ष – निगम – नागरिक – पशु
2014-15 – 1 – 27 – 34
2015-16 – 2 – 30 – 32
2016-17 – 3 – 32 – 20
2017-18 – 2 – 27 – 22
2018-19 – 1 – 21 – 21
मई 2019 – 2 – 4 – 1
कुल – 11 – 141 – 130
केवल पैसे की बर्बादी है
जिला मुख्यालय स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय में हर शनिवार व सोमवार को तकनीकी कर्मचारियों को सुरक्षा, विद्युत लाइन व विद्युत उपकरणों के रख-रखाव से सम्बन्धित प्रशिक्षण दिया जाता है, लेकिन यह प्रशिक्षण केवल कागजी खानापूर्ति बनकर रह गया है। वास्तविक प्रशिक्षण प्रोग्रामिंग के हिसाब से नहीं दिया जा रहा है। इससे निगम का पैसा फिजुल में ही खर्च किया जा रहा है, यदि इन पैसों से सुरक्षा उपकरण खरीदकर कर्मचारियों को दिए जाएं तो विद्युत दुर्घटनाओं electric current accidend को रोका जा सकता है।
– दिनेश फिड़ौदा, कर्मचारी प्रतिनिधि, नागौर
ऐसा नहीं होना चाहिए
प्रशिक्षण में खानापूर्ति क्यों हो रही है। मेरी जानकारी में नहीं हैं। मैं पता करवाता हूं, यदि ऐसा हो रहा है तो सुधार करवाएंगे।
– आरबी सिंह, अधीक्षण अभियंता, नागौर वृत्त, डिस्कॉम
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