scriptकेस ऑफिसर स्कीम में प्रकरण शामिल, तीसरे आरोपी को भी किया गिरफ्तार | Case involved in case officer scheme, third accused also arrested | Patrika News

केस ऑफिसर स्कीम में प्रकरण शामिल, तीसरे आरोपी को भी किया गिरफ्तार

locationनागौरPublished: Jul 14, 2021 05:15:07 pm

Submitted by:

Ravindra Mishra

पत्रिका न्यूज नेटवर्कनागौर/गच्छीपुरा. चोरी के शक में मासूम को उलटा लटाकाकर यातना देने का मामला केस आफिसर स्कीम के तहत जांचा जाएगा। मासूम के साथ मारपीट करने वाले तीसरे आरोपी जीतू हरिजन को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों आरोपियों को तीन दिन के रिमाण्ड पर लिया गया है।

चोरी के शक में मासूम के साथ बर्बरता का मामला
आरोपी एक दिन के पुलिस रिमाण्ड पर

गच्छीपुरा थाना प्रभारी देवीलाल ने बताया कि इटावा लाखा में चोरी के शक पर किशोर को उलटा लटका कर घंटों मारपीट का वीडियो वायरल होने पर दो आरोपी कैलाश बावरी और कैलाश हरिजन सोमवार को ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। तीसरे आरोपी जीतू हरिजन को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। तीनों को अदालत में पेश किया गया, जहां एक दिन के पीसी रिमाण्ड पर लिया गया है। उधर, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज सोनी ने मामले की गंभीरता समझते हुए पुलिस अधिकारियों से बात कर इस मामले में केस ऑफिसर स्कीम में शामिल करने को कहा, जिसकी स्वीकृति दे दी गई। गौरतलब है कि मकराना तहसील के ग्राम ईटावा लाखा में 9 जुलाई को सुबह करीब दस बजे किशोर कैलाश वावरी की दुकान पर टॉफी लेने गया था। घर में ही यह दुकान थी, कैलाश भीतर था, ऐसे में बालक अंदर घुसा और पानी पीने लगा। उसे भीतर देख कैलाश को शक हुआ और उसकी तलाशी लेने लगा। उसकी जेब से कुछ नहीं मिलने पर भी झूठे आरोप लगाकर उसे अंदर बंद कर लिया। इस दौरान कैलाश बावरी के साथी कैलाश हरिजन और जीतू हरिजन भी वहीं मौजूद थे। तीनो ने मिलकर किशोर को रस्सी से पैर बांधकर ऊपर लगे लोहे के पाइप पर लटका दिया। इस दौरान तीनों बारी-बारी से उसे थप्पड़ों से पीटते रहे। यही नहीं उसकी पिटाई का वो वीडियो भी बनाते रहे। दो दिन बाद वीडियो वायरल होने पर घटना का पता लगा।
जल्द मिलेगी सजा
केस ऑफिसर स्कीम के तहत उन प्रकरणों का चयन किया जाता है जो गंभीर प्रकृति के हों, जघन्य अपराध हों। इसमें एक केस ऑफिसर नियुक्त किया जाता है, जिसका कार्य उच्च अधिकारियों के निर्देश पर प्रकरण को सफल बनाना यानी आरोपी को सजा दिलवाना होता है। केस ऑफिसर का दायित्व गवाहों को ब्रीफ कर पक्षद्रोही होने से बचाना भी होता है। जल्द चालान पेश कर अन्य सभी काम शीघ्र-अति शीघ्र कर आरोपियों को सजा दिलाना ही इसका मुख्य ध्येय है।
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