गौरतलब है कि ठेकेदार द्वारा पांच साल बाद भी काम पूरा नहीं करने पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्रशासन के अधिकारियों ने टेंडर निरस्त करने के लिए उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया तथा हाईकोर्ट में जल्दी सुनवाई की अर्जी लगाकर ठेकेदार का ठेका निरस्त करने की अनुमति मांगी, लेकिन गत 19 अप्रेल को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि ठेकेदार ने 21 मई तक काम पूरा करने के लिए हलफनामा व उस पर शपथ पत्र दे चुका है, इसलिए उसके वचन का सम्मान करते हुए 24 मई तक का समय दिया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि यदि वह वचन का पालन करने में विफल रहता है तो उसके आवश्यक परिणाम भुगतने होंगे। अब 24 मई को मात्र 15 दिन शेष हैं, जबकि ठेकेदार का करीब 38 प्रतिशत काम आज भी बाकी पड़ा है, जिसे पूरा करने में कम से कम छह महीने और लगेंगे, ऐसे में कोई में ठेकेदार नया क्या बहाना बनाएगा, यह तो वक्त ही बताएगा।
टेंडर निरस्त हुए तो लगेगी मोटी पैनल्टी
नागौर शहर के व्यापार मंडल की ओर से हाईकोर्ट में लगाई गई जनहित याचिका को लेकर दिए गए हलफनामे के चलते ठेकेदार अब तक ब्लैकलिस्ट होने से बच रहा है, अन्यथा विभागीय अधिकारी इसका प्रस्ताव तैयार कर चुके हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यदि वर्तमान ठेकेदार का टेंडर निरस्त होता है तो उस पर भारी पैनल्टी लगेगी। दुबारा टेंडर हुए तो जितना भी अतिरिक्त बजट आएगा, वो सारा का सारा वर्तमान ठेकेदार से वसूला जाएगा। वर्ष 2017 में जब आरओबी निर्माण के टेंडर हुए, उस समय सीमेंट, लोहे का सरिया, कंकरीट सहित अन्य निर्माण सामग्री के दाम वर्तमान दरों से आधे थे, ऐसे में अब नए टेंडर हुए तो लागत दुगुनी आएगी।
नागौर शहर के व्यापार मंडल की ओर से हाईकोर्ट में लगाई गई जनहित याचिका को लेकर दिए गए हलफनामे के चलते ठेकेदार अब तक ब्लैकलिस्ट होने से बच रहा है, अन्यथा विभागीय अधिकारी इसका प्रस्ताव तैयार कर चुके हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यदि वर्तमान ठेकेदार का टेंडर निरस्त होता है तो उस पर भारी पैनल्टी लगेगी। दुबारा टेंडर हुए तो जितना भी अतिरिक्त बजट आएगा, वो सारा का सारा वर्तमान ठेकेदार से वसूला जाएगा। वर्ष 2017 में जब आरओबी निर्माण के टेंडर हुए, उस समय सीमेंट, लोहे का सरिया, कंकरीट सहित अन्य निर्माण सामग्री के दाम वर्तमान दरों से आधे थे, ऐसे में अब नए टेंडर हुए तो लागत दुगुनी आएगी।
जज साहब, इस ठेकेदार ने शहरवासियों को बड़ा दु:ख दीना
गौरतलब है कि शहर के बीकानेर रेलवे फाटक (सी-61) पर आरओबी का काम शुरू से ही धीमी गति से चला। इससे परेशान होकर नागौर व्यापार मंडल की ओर से रूपसिंह पंवार व अजय सांखला ने जोधपुर हाईकोर्ट में नवम्बर 2019 में रिट याचिका दायर की थी। याचिका लगाने के बाद न्यायालय के निर्देश पर ही ठेकेदार ने आरओबी के दोनों तरफ सर्विस रोड बनाई थी, लेकिन आरओबी का काम समय पर नहीं कर पाया और हर बार नई तारीख बताता रहा। हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 24 मई को है। ठेेकेदार द्वारा कोर्ट में दिए गए शपथ पत्र के अनुसार उसे 21 मई तक काम पूरा करना है, लेकिन काम तो आज भी 38 प्रतिशत अधूरा है। आरओबी का काम अधूरा होने से शहरवासियों को पिछले पांच साल से भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिला मुख्यालय का अस्पताल सहित कृषि मंडी, शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, परिवहन विभाग, दो बड़ी सरकारी स्कूलें, दो कॉलेज बीकानेर रोड पर होने से हजारों लोगों को फाटक पार आना-जाना पड़ता है।
एक नजर : बीकानेर रेलवे क्रॉसिंग सी-61 का आरओबी
बजट स्वीकृत - 25.74 करोड़
टेंडर हुआ - 19.37 करोड़
आरओबी की लम्बाई - 1063 मीटर
शिलान्यास - मई, 2017
काम शुरू किया - सितम्बर 2017
काम पूरा करना था - 14 दिसम्बर 2018
बजट स्वीकृत - 25.74 करोड़
टेंडर हुआ - 19.37 करोड़
आरओबी की लम्बाई - 1063 मीटर
शिलान्यास - मई, 2017
काम शुरू किया - सितम्बर 2017
काम पूरा करना था - 14 दिसम्बर 2018
यूं बढ़ाता रहा हर बार तारीख
हाईकोर्ट में याचिका लगाने के बावजूद ठेकेदार हर बार शपथ पत्र देकर कोर्ट को गुमराह करता रहा, जबकि काम की गति नहीं बढ़ाई।
- 12 जनवरी 2021 को कोर्ट में सुनवाई के दौरान ठेकेदार व सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि नए एग्रीमेंट के अनुसार 31 अगस्त 2021 तक काम पूरा कर देंगे। इसके बावजूद काम की गति में कोई सुधार नहीं हुआ।
- केन्द्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक ने 21 मार्च 2021 को ओवरब्रिज का निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार को जल्द से जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए, जिस पर ठेकेदार ने संपूर्ण निर्माण 31 जुलाई 2021 तक पूरा करने की बात कही।
- इसके बाद ठेकेदार ने नई तारीख 21 अक्टूबर 2021 दी। फिर भी काम में गति नहीं आई।
- 8 नवम्बर 2021 को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ठेकेदार को एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें उसे बताना था कि निर्माण कब तक पूरा होगा। जिस पर ठेकेदार कंवरजीत सिंह ने अतिरिक्त शपथपत्र पेश करते हुए बताया कि आरओबी का 60 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और शेष कार्य 8 महीने में यानी 21 मई 2022 तक पूरा कर देगा।
हाईकोर्ट में याचिका लगाने के बावजूद ठेकेदार हर बार शपथ पत्र देकर कोर्ट को गुमराह करता रहा, जबकि काम की गति नहीं बढ़ाई।
- 12 जनवरी 2021 को कोर्ट में सुनवाई के दौरान ठेकेदार व सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि नए एग्रीमेंट के अनुसार 31 अगस्त 2021 तक काम पूरा कर देंगे। इसके बावजूद काम की गति में कोई सुधार नहीं हुआ।
- केन्द्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक ने 21 मार्च 2021 को ओवरब्रिज का निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार को जल्द से जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए, जिस पर ठेकेदार ने संपूर्ण निर्माण 31 जुलाई 2021 तक पूरा करने की बात कही।
- इसके बाद ठेकेदार ने नई तारीख 21 अक्टूबर 2021 दी। फिर भी काम में गति नहीं आई।
- 8 नवम्बर 2021 को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ठेकेदार को एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें उसे बताना था कि निर्माण कब तक पूरा होगा। जिस पर ठेकेदार कंवरजीत सिंह ने अतिरिक्त शपथपत्र पेश करते हुए बताया कि आरओबी का 60 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और शेष कार्य 8 महीने में यानी 21 मई 2022 तक पूरा कर देगा।
कोर्ट के निर्देशानुसार होगी आगे की कार्रवाई
बीकानेर फाटक पर आरओबी का काम पूरा कराने के लिए हमने वर्तमान एजेंसी का टेंडर निरस्त करने का प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दिया है, लेकिन मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के चलते कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ेगी। हाईकोर्ट द्वारा जैसा निर्देश दिया जाएगा, उसी के अनुरूप आगे की कार्रवाई होगी। हालांकि ठेकेदार काम कर रहा है, लेकिन गति बहुत धीमी है।
- श्यामसुंदर व्यास, एईएन, पीडब्ल्यूडी (एनएच), नागौर
बीकानेर फाटक पर आरओबी का काम पूरा कराने के लिए हमने वर्तमान एजेंसी का टेंडर निरस्त करने का प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दिया है, लेकिन मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के चलते कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ेगी। हाईकोर्ट द्वारा जैसा निर्देश दिया जाएगा, उसी के अनुरूप आगे की कार्रवाई होगी। हालांकि ठेकेदार काम कर रहा है, लेकिन गति बहुत धीमी है।
- श्यामसुंदर व्यास, एईएन, पीडब्ल्यूडी (एनएच), नागौर