करीब 14 करोड़ के बजट के बावजूद एमसीएच यूनिट के भवन निर्माण में की गई गड़बड़ी की शिकायत पर तत्कालील जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने एसीबी के अधिकारियों को पत्र लिखा था, जिसके बाद एसीबी के तत्कालीन उपाधीक्षक जाकिर अख्तर ने तकनीकी विशेषज्ञों की टीम के साथ 6 सितम्बर 2018 को अस्पताल पहुंचकर निर्माण सामग्री के नमूने लिए थे। एसीबी ने भवन के भूतल सहित ऊपरी मंजिल की दीवारों एवं छतों के फर्श, बाथरूम व टायलेट्स आदि के आधा दर्जन से अधिक नमूने लिए थे।
एमसीएच विंग के भवन निर्माण में बरती गई लापरवाही का मामला बार-बार उठने पर गत वर्ष अजमेर संभागीय आयुक्त डॉ. आरुषि मलिक व डॉ. वीना प्रधान ने निरीक्षण कर आवश्यक मरम्मत करवाने के निर्देश दिए थे, इसके बावजूद परिणाम शून्य है। संभागीय आयुक्त प्रधान ने 12 नवम्बर 2020 को एमसीएच विंग में आवश्यक मरम्मत कार्य करवाने के निर्देश दिए थे, जबकि उससे पहले 23 सितम्बर 2020 को तत्कालीन संभागीय आयुक्त एमसीएच विंग में उखड़ी टाइल्स व प्लास्टर, बंद लाइट आदि को लेकर अधिकारियों से जवाब मांगा व कमियों को सुधारने के निर्देश दिए थे।
एमसीएच विंग की मरम्मत के लिए भेजे गए प्रस्ताव को लेकर जयपुर से बजट की स्वीकृति नहीं मिली है।
– डॉ. शंकरलाल, पीएमओ, जेएलएन अस्पताल, नागौर रिपोर्ट जयपुर भेजी है
जेएलएन अस्पताल की एमसीएच विंग के भवन निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत पर एसीबी द्वारा लिए गए नमूनों की एक्सपर्ट से जांच कराने के बाद रिपोर्ट तैयार कर जयपुर मुख्यालय भेजी गई थी, जिसके बाद मुख्यालय से टेक्नीकल कमेटी की रिपोर्ट मांगी गई, जिस पर हमने पीडब्ल्यूडी एसई को मूल्यांकन करवाकर रिपोर्ट देने के लिए लिखा। एसई ने कमेटी तो बना दी, लेकिन उसके बाद छह महीने से अधिक समय हो गया, कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसको लेकर मैंने बार-बार रिमाइंडर भी भेजे तथा फोन भी किए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसलिए मैंने आज ही मुख्यालय को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है। टेक्नीकल रिपोर्ट के बिना जांच आगे नहीं बढ़ सकती।
– रमेश मौर्य, एएसपी, एसीबी, नागौर