scriptVIDEO-जाम से पब्लिक मुश्किल में : निजी बस संचालकों की मनमानी जारी | Chakka jam in public trouble: private bus operators' arbitrary relea | Patrika News

VIDEO-जाम से पब्लिक मुश्किल में : निजी बस संचालकों की मनमानी जारी

locationनागौरPublished: Sep 25, 2018 12:14:48 pm

Submitted by:

Sharad Sharma

हड़ताल से परेशान जनता लुटने पर विवश

Nagaur patrika

Chakka jam in public trouble: private bus operators’ arbitrary release

नागौर. जिले में रोडवेज बसों के चक्काजाम की हड़ताल लगातार आठवें दिन जारी रहने से हालात बेहद ही खराब हो चुके हैं। हड़ताल का फायदा उठाते हुए प्राइवेट वाहन चालकों ने मनमर्जी से बेखौफ किराए के नाम पर इच्छानुसार वसूली शुरू कर दी है। हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए हैं कि जयपुर से सीकर किराया ढाई सौ से तीन सौ रुपए प्रति यात्री की दर से वसूला जा रहा है। महिला या दिव्यांग यात्रियों को निर्धारित सरकारी प्रावधान के अनुसार न तो कोई छूट मिल रही है, और न ही कोई सहूलियत। सारे मापदंडों को तोड़ते हुए प्रशासन के समानांतर खुद की किराए दर निर्धारण कर खुलेआम चुनौती देते नजर आने लगे हैं। इधर, रोडवेज कर्मियों को धरनास्थल पर संबोधित करते हुए एटक अध्यक्ष हरिराम जाजड़ा ने कहा कि सरकार खुद ही आमजन की सुविधाओं में बाधा बन गई है। निजी बसों को परमिट दिए जाने पर केवल भ्रमित किए जाने का काम किया गया गया, जबकि जनता को कोई भी सुविधा रोडवेज सरीखी नहीं मिल रही है। परिवहन मंत्री ने लोगों को केवल गुमराह करने का काम किया है। परिवहन मंत्री के इसी गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण हालात और ज्यादा बिगड़ गए हैं।
रोडवेज के चक्काजाम बसों की हड़ताल ने यात्रियों की हालत पतली कर दी है। प्राइवेट वाहनों के चालकों की ओर से तीन से चार गुना ज्यादा किराए की वसूली के बाद भी उन्हें गंतव्यों से काफी दूर छोड़ दिया जाता है, लेकिन इनके खिलाफ सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। जयपुर से बमुश्किल किसी तरह नागौर पहुंचे गजराजसिंह से जिला मुख्यालय के केन्द्रीय बस स्टैंड पर मुलाकात हुई। पत्नी व बच्चों के साथ काफी परेशान हालत में मिले। उनका कहना था कि रोडवेज की चक्काजाम हड़ताल से आम को परेशानी हो रही है, सरकार में बैठे मंत्रियों को नहीं। यही कारण है कि अब तक समस्या का समाधान नहीं होने के कारण रोडवेज बस नहीं मिलने की वजह से वह चार घंटे से बस स्टैंड पर बैठे हुए हैं। एक-दो प्राइवेट वाहन आए, लेकिन जयपुर के लिए नहीं।
ढाई घंटे के इंतजार के बाद एक बस मिली भी तो उसमें बैठने की जगह ही नहीं थी, चालक ने कहा कि ढाई सौ रुपए लगेंगे, बस की छत पर बैठ जाओ। अब पत्नी व बच्चे सहित वह बस की छत पर बैठ सकते हैं क्या। डीडवाना से आई सरस्वती का कहना था कि वह तीन घंटे से रोडवेज बस स्टैंड पर हैं। हड़ताल के कारण बसें नहीं चल रही है। यह जानकारी उसको नहीं थी, फिर भी आटो वाला उन्हें बस स्टैंड छोड़ गया। किसी तरह प्राइवेट बस से 150 रुपए किराया देकर वह नागौर पहुंची। अब नागौर से वापस जाने के लिए रोडवेज बस है ही नहीं। सरकार व कर्मचारियों की लड़ाई में आम का दर्द किसी को नहीं नजर आ रहा है। आखिरकार सरकार एवं निगम के कर्मचारियों के संघर्ष की सजा आम जनता को क्यों दी जा रही है। आवागमन के लिए मूलभूत सुविधाओं में यात्रा संसाधन भी तो शामिल होते हैं।
बस स्टैंड पर भटकेे यात्री
जिला मुख्यालय के केन्द्रीय बस स्टैंड, कुचामन, मकराना, मेड़ता, जायल, गोटन, रियाबड़ी एवं डीडवाना आदि बस स्टैंडों पर सन्नाटे की स्थिति बन गई है। बस स्टैंडों पर आने वाले यात्री जिम्मेदारों को कोसते हुए नजर आने लगे हैं।
दुकानदारों का रोजगार भी ठप
बस स्टैंडों पर दुकानों के दुकानदार भी यात्रियों के नहीं आने से परेशान होने लगे हैं। केन्द्रीय बस स्टैंड पर दुकानदार लक्ष्मण ने बताया कि हड़ताल के कारण तो उनका धंधा ही चौपट हो गया है। यात्रियों के नहीं आने के कारण वह लगातार आठ दिनों से बेकार बैठे हुए हैं। ऐसे उनका काम कब तक चलेगा। यही स्थिति जिले के अन्य बस स्टैंडों की भी रही है।
शिक्षक संघ का समर्थन
राजस्थान राज्य रोडवेज संयुक्त कर्मचारी मोर्चा की चल रही चक्काजाम हड़ताल का राजस्थान शिक्षक संघ, शेखावत ने समर्थन किया है। जिलाध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड अपराह्न में केन्द्रीय बस स्टैंड पर पहुंचे, और हड़ताली कर्मचारियों से बातचीत कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। लोमरोड ने कहा कि रोडवेज की न्यायोचित मांगों का संघ समर्थन करता है। संघ की ओर से मंगलवार को दोपहर में बस स्टैंड से रैली निकाली जाएगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो