अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक देश का अहित करने वाले राजनेताओं का खुला विरोध करना होगा, यदि हम यह सोचकर चुप हो गए कि वे हमसे नाराज हो जाएंगे, तो देश का भला नहीं होने वाला है।
एसोसिएशन अध्यक्ष भंवरलाल गोदारा की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी को 30 से अधिक अधिवक्ताओं ने भाग लेते हुए महाअभियान को लेकर अपने-अपने विचार रखे तथा संकल्प लिया कि पत्रिका के चेंजमेकर्स महाअभियान में चेंजमेकर की भूमिका निभाते राजनीति को स्वच्छ बनाने में भागीदारी बनेंगे। कार्यक्रम के अंत में सभी अधिवक्ताओं ने पत्रिका अभियान का एप डाउनलोड कर चेंजमेकर व वॉलियंटर्स के रूप में आवेदन भी किया।
एसोसिएशन अध्यक्ष भंवरलाल गोदारा की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी को 30 से अधिक अधिवक्ताओं ने भाग लेते हुए महाअभियान को लेकर अपने-अपने विचार रखे तथा संकल्प लिया कि पत्रिका के चेंजमेकर्स महाअभियान में चेंजमेकर की भूमिका निभाते राजनीति को स्वच्छ बनाने में भागीदारी बनेंगे। कार्यक्रम के अंत में सभी अधिवक्ताओं ने पत्रिका अभियान का एप डाउनलोड कर चेंजमेकर व वॉलियंटर्स के रूप में आवेदन भी किया।
खुद से करनी होगी शुरुआत
वरिष्ठ अधिवक्ता भंवरलाल पोटलिया ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आज राजनीति गंदी हो चुकी है, जिसका शुद्धीकरण करना आवश्यक हो गया है, इसीलिए पत्रिका ने यह अभियान चलाया है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राजनीति का स्वच्छ बनाने के लिए असक्षम, आपराधिक प्रवृत्ति, भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को वोट देना बंद करें। वरिष्ठ अधिवक्ता गंगासिंह राठौड़ ने कहा कि बदलाव तो होना चाहिए, लेकिन बदलाव सकारात्मक एवं प्रोग्रेसिव होना चाहिए, न कि नकारात्मक। सब चाहते हैं कि व्यवस्था सुधरनी चाहिए, लेकिन खुद नहीं सुधरना चाहते। उन्होंने कहा कि बदलाव लाना है तो खुद से शुरुआत करनी होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता अर्जुनदास वैष्णव ने पत्रिका की निष्पक्षता का उदाहरण देते हुए कहा कि आज ज्यादातर मीडिया संस्थान राजेनताओं एवं उद्योगपतियों के इशारे पर संचालित हो रहे हैं, यदि मीडिया निष्पक्ष हो जाए तो काफी हद तक बदलाव हो जाएगा। उन्होंने राजनीति में बदलाव के लिए हमें सच्चे मन से जुटना पड़ेगा। अधिवक्ता रामकिशोर मुण्डेल ने कहा कि युवाओं को राजनीति में आगे आना होगा और उनका मार्गदर्शन अनुभवी एवं वरिष्ठ लोगों को करना होगा, तब जाकर भ्रष्टाचारियों एवं अपराधियों का राजनीति से सफाया हो सकेगा। इससे पहले एडवोकेट गोविन्द कड़वा ने संगोष्ठी की शुरुआत करते हुए पत्रिका अभियान की जानकारी दी।
वरिष्ठ अधिवक्ता भंवरलाल पोटलिया ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आज राजनीति गंदी हो चुकी है, जिसका शुद्धीकरण करना आवश्यक हो गया है, इसीलिए पत्रिका ने यह अभियान चलाया है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राजनीति का स्वच्छ बनाने के लिए असक्षम, आपराधिक प्रवृत्ति, भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को वोट देना बंद करें। वरिष्ठ अधिवक्ता गंगासिंह राठौड़ ने कहा कि बदलाव तो होना चाहिए, लेकिन बदलाव सकारात्मक एवं प्रोग्रेसिव होना चाहिए, न कि नकारात्मक। सब चाहते हैं कि व्यवस्था सुधरनी चाहिए, लेकिन खुद नहीं सुधरना चाहते। उन्होंने कहा कि बदलाव लाना है तो खुद से शुरुआत करनी होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता अर्जुनदास वैष्णव ने पत्रिका की निष्पक्षता का उदाहरण देते हुए कहा कि आज ज्यादातर मीडिया संस्थान राजेनताओं एवं उद्योगपतियों के इशारे पर संचालित हो रहे हैं, यदि मीडिया निष्पक्ष हो जाए तो काफी हद तक बदलाव हो जाएगा। उन्होंने राजनीति में बदलाव के लिए हमें सच्चे मन से जुटना पड़ेगा। अधिवक्ता रामकिशोर मुण्डेल ने कहा कि युवाओं को राजनीति में आगे आना होगा और उनका मार्गदर्शन अनुभवी एवं वरिष्ठ लोगों को करना होगा, तब जाकर भ्रष्टाचारियों एवं अपराधियों का राजनीति से सफाया हो सकेगा। इससे पहले एडवोकेट गोविन्द कड़वा ने संगोष्ठी की शुरुआत करते हुए पत्रिका अभियान की जानकारी दी।
जातिवाद व बाहुबल को नकारना होगा
अधिवक्ता घनश्याम फिड़ौदा ने कहा कि राजनीति को स्वच्छ व पारदर्शी बनाने के लिए कुछ मुद्दे हैं, जिनको ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि जातिवाद, भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार एवं धन बल व बाहुबल के आधार पर चुनाव लडऩे वाले लोगों को नकारना होगा। हो सकता है इस बदलाव में हमें कुछ समय लगे, लेकिन शुरुआत करने से ही बदलाव आएगा। चाणक्य ने चंद्रगुप्त को राजा बनाने के लिए अपनी जिंदगी के 30 साल लगा दिए, लेकिन बदलाव किया। अधिवक्ता गोविन्द प्रकाश सोनी ने कहा कि बदलाव की शुरुआत खुद से करनी होगी और इसके लिए हमें प्रण लेना होगा। उन्होंने कहा कि आज राजनीतिक दल बुराइयों के दलदल में फंस चुके हैं, इसलिए बदलाव करना बड़ा मुश्किल है, इसके लिए हमें कठिन मेहनत करनी होगी।
अधिवक्ता घनश्याम फिड़ौदा ने कहा कि राजनीति को स्वच्छ व पारदर्शी बनाने के लिए कुछ मुद्दे हैं, जिनको ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि जातिवाद, भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार एवं धन बल व बाहुबल के आधार पर चुनाव लडऩे वाले लोगों को नकारना होगा। हो सकता है इस बदलाव में हमें कुछ समय लगे, लेकिन शुरुआत करने से ही बदलाव आएगा। चाणक्य ने चंद्रगुप्त को राजा बनाने के लिए अपनी जिंदगी के 30 साल लगा दिए, लेकिन बदलाव किया। अधिवक्ता गोविन्द प्रकाश सोनी ने कहा कि बदलाव की शुरुआत खुद से करनी होगी और इसके लिए हमें प्रण लेना होगा। उन्होंने कहा कि आज राजनीतिक दल बुराइयों के दलदल में फंस चुके हैं, इसलिए बदलाव करना बड़ा मुश्किल है, इसके लिए हमें कठिन मेहनत करनी होगी।
हमें शिकंजा कसना होगा
एडवोकेट भंवरलाल खुडख़ुडिय़ा ने कहा कि चेंजमेकर्स महाअभियान की बात हर व्यक्ति तक पहुंचानी होगी, तब जाकर यह अभियान सफल होगा। हमें ऐसे लोगों का चयन करना होगा, जो साफ छवि के हों। धन बल व गुंडागर्दी करने वालों को राजनीति से बाहर करना होगा। उन्होंने कहा कि राजनीति को गंदा करने में हमारी भी भूमिका रही है। अधिवक्ता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि बदलाव लाने में भले ही समय लगे, लेकिन पत्रिका ने शुरुआत तो की है। उन्होंने कहा कि वकील समुदाय इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जो लोग चाहे वे अधिकारी हो या फिर राजनेता, गलत करते हैं, उन पर शिकंजा कसने का काम वकील कर सकता है, क्योंकि उसे विधि का ज्ञान है और न्यायालय में कानून से लडऩे की ताकत है। अधिवक्ता गंभीरसिंह राठौड़, कालूराम सांखला व अनिल गौड़ ने भी अपने विचार रखते हुए पत्रिका अभियान की सराहना की।
एडवोकेट भंवरलाल खुडख़ुडिय़ा ने कहा कि चेंजमेकर्स महाअभियान की बात हर व्यक्ति तक पहुंचानी होगी, तब जाकर यह अभियान सफल होगा। हमें ऐसे लोगों का चयन करना होगा, जो साफ छवि के हों। धन बल व गुंडागर्दी करने वालों को राजनीति से बाहर करना होगा। उन्होंने कहा कि राजनीति को गंदा करने में हमारी भी भूमिका रही है। अधिवक्ता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि बदलाव लाने में भले ही समय लगे, लेकिन पत्रिका ने शुरुआत तो की है। उन्होंने कहा कि वकील समुदाय इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जो लोग चाहे वे अधिकारी हो या फिर राजनेता, गलत करते हैं, उन पर शिकंजा कसने का काम वकील कर सकता है, क्योंकि उसे विधि का ज्ञान है और न्यायालय में कानून से लडऩे की ताकत है। अधिवक्ता गंभीरसिंह राठौड़, कालूराम सांखला व अनिल गौड़ ने भी अपने विचार रखते हुए पत्रिका अभियान की सराहना की।
ये रहे उपस्थित
संगोष्ठी में एडवोकेट हनुमान फिड़ौदा, गोपालराम डूडी, हरदेवराम चोयल, चंद्रशेखर, सुखराम देवड़ा, हेमराम गोलिया, श्यामलाल हटिला, कुंदनसिंह आचीणा, हरीराम खारडिय़ा, सुरेन्द्र जाणी, चंद्रप्रकाश मिर्धा, हनुमानराम, रामेश्वर भादू, सुनील त्रिवेदी, जयसिंह बडग़ुजर, भीकाराम फुलवारिया एवं महावीर सिंह राठौड़ आदि उपस्थित रहे।
संगोष्ठी में एडवोकेट हनुमान फिड़ौदा, गोपालराम डूडी, हरदेवराम चोयल, चंद्रशेखर, सुखराम देवड़ा, हेमराम गोलिया, श्यामलाल हटिला, कुंदनसिंह आचीणा, हरीराम खारडिय़ा, सुरेन्द्र जाणी, चंद्रप्रकाश मिर्धा, हनुमानराम, रामेश्वर भादू, सुनील त्रिवेदी, जयसिंह बडग़ुजर, भीकाराम फुलवारिया एवं महावीर सिंह राठौड़ आदि उपस्थित रहे।