scriptजयगच्छीय जैन साध्वियों का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश | Chaturmasik Mangal Pravesh of Jayagachchiya Jain Sadhvis | Patrika News

जयगच्छीय जैन साध्वियों का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश

locationनागौरPublished: Jul 19, 2021 09:08:56 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. प्रवचन में मंगल शब्द की समझाई महत्ता, लगे जयकारे

Chaturmasik Mangal Pravesh of Jayagachchiya Jain Sadhvis

Nagaur. Nagaur. Shravikas in Red Chundi during Chaturmasik Mangal Pravesh of Jayagachhiya Jain Sadhvi Binduprabha and Sadhvi Hemaprabha

नागौर. जयगच्छीय जैन साध्वी .बिंदुप्रभा एवं साध्वी हेमप्रभा का सोमवार को शहर में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ। श्वेतांबर स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में साध्वी वृंद ने सुबह मूंडवा चौराहा से प्रवेश स्थल के लिए विहार किया। वल्लभ चौराहा, गांधी चौक, सदर बाजार, मच्छियों का चौक होते हुए आचार्य जयमल जैन मार्ग स्थित जयमल जैन पौषधशाला में साध्वी वृंद का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ। इस दौरान पुरुष वर्ग सफेद वस्त्र एवं महिलाएं लाल चुनड़ी साड़ी में थी। श्रावक-श्राविकाओं के जिनशासन जयकारों से वातावरण जैनमय नजर आया। जयमल जैन पौषधशाला में महाचमत्कारिक जयमल जाप से प्रवेश कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। जय जाप के पश्चात जयमल जैन महिला मंडल नेा मंगलाचरण प्रस्तुत किया। जय जैन बालिका मंडल ने स्वागत गीत गाया। वरिष्ठ श्रावक ज्ञानचंद माली ने भी मंगल प्रवेश के मौके पर भजन प्रस्तुत किया।
मंगल शब्द सभी को प्रिय लगता है
साध्वी बिंदुप्रभा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मंगल शब्द हर व्यक्ति को अच्छा लगता है, कोई भी अमंगल नहीं चाहता। ऐसा ही एक मंगल प्रसंग है आज का दिन, जिसमें मंगल दिवस, मंगल वेला में मंगल प्रवेश हुआ। प्रवेश एक ऐसा शब्द जिससे उत्साह , उमंग आ जाता है। हर व्यक्ति को एंट्री पसंद है पर एग्जिट होना कोई नहीं चाहता। आगमन शब्द में ही गमन शब्द जुड़ा हुआ है, जहाँ आना है वहां जाना भी है। गमनागमन पर विराम तभी संभव है जब मोक्ष में प्रवेश हो, वहां से वापस प्रस्थान करने की आवश्यकता नहीं है। मोक्ष में प्रवेश करने हेतु सबसे पहले धर्म में प्रवेश करना होगा। भगवान महावीर ने धर्म को उत्कृष्ट मंगल कहा है।
सभापति सहित पार्षदों ने की शिरकत
प्रवेश कार्यक्रम में नगर परिषद सभापति मीतू बोथरा, पार्षद नवरत्नमल बोथरा, पार्षद दीपक सैनी, सूरत से रविंद्र पींचा, इरोड से आयुष बाघमार का संघ ने स्वागत किया। मंच का संचालन संजय पींचा ने किया। सभी उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को ताराचंद, निर्मलचंद, नरपतचंद, सुशीलकुमार चौरडिय़ा परिवार ने प्रभावना वितरित की। आगंतुकों के भोजन का लाभ हस्तीमल ललवानी परिवार ने लिया। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि 23 जुलाई से चातुर्मास प्रारंभ होगा। इस दौरान जयमल जैन पौषधशाला में रोजाना सुबह नौ बजे से दस बजे तक प्रवचन होगा। दोपहर में दो बजे से अपराह्न तीन बजे तक महाचमत्कारिक जयमल जाप का अनुष्ठान किया जाएगा।
यह रहे मौजूद
इस मौके पर महावीरचंद भूरट, प्रकाशचंद बोहरा, किशोरचंद ललवानी, कमलचंद ललवानी, ललित सुराणा, नरपतचंद ललवानी, किशोरचंद पारख, धनराज सुराणा, सुरेंद्र चौरडिय़ा, पी.प्रकाशचंद ललवानी, प्रेमचंद चौरडिय़ा, जगदीश माली, सुरेश गुरासा, फतेहचंद छोरिया, प्रीतम ललवानी, जितेंद्र चौरडिय़ा सहित अन्य श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहें।

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