घटना की सूचना मिलते ही उन्होंने तुरंत नागौर कन्ट्रोल रूम में सूचना देकर सहायक उप वन संरक्षक नागौर व पाचौड़ी पुलिस को मौके पर बुलाया। वन विभाग ने शिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर घर की तलाशी ली। इस दौरान करीब पुराने बीस हिरणों के अवशेष,सिर, सींग,टाँगे, खाल बरामद किए। इस दौरान पाचौड़ी पुलिस व सहायक उप वन संरक्षक सुनील कुमार गौड़, क्षेत्रीय वन अधिकारी टीकुराम भी मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना किया। इस दौरान संस्था के प्रदेश महामंत्री भानुसिह सियाग, जिला सगठन मंत्री पार्थवर्धन सियाग, खींवसर तहसील अध्यक्ष कालूराम सियाग, तेजाराम सियाग सहित दर्जनों वन्यजीव प्रेमी रात को ही मौके पर पहुंच गए। वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम एक्ट 1972 के तहत मामला दर्ज किया है।शिकारियों को पैदल जाते पकड़ा चावण्डिया निवासी पार्थ वर्धन विश्नोई व अशोक बिश्नोई ने क्षेत्रीय वन अधिकारी को दी गई रिपोर्ट में बताया कि वे दोनों मोटरसाइकिल से गुरुवार रात गुडा भगवानदास से अपने घर जा रहे थे। रास्ते में पोटलिया मांजरा के सौडा की ढाणी के समीप सडक़ किनारे तीन जने पैदल जा रहे थे। इनमें से एक हाथ में बोरा, दूसरे के हाथ में लाठी व तीसरे के हाथ में कुडका था। इनसे नाम पता पूछने पर उन्होंने गुडा भगवानदास निवासी लक्ष्मणराम पुत्र करणाराम नायक, शिवलाल पुत्र कितनाराम नायक व पोटलिया माजरा निवासी ओमाराम पुत्र लालाराम बताया। बोरे की तलाशी लेने पर उसमें मृत मादा गर्भवती हरिण कटी हुई मिली। साथ ही हरिण का सिर, खाल, हड्डियां तथा पेट में छोटा बच्चा था पूछताछ में उन्होंने हरिण को कुडका लगाकर पीट-पीटकर मारना बताया।
वन्य जीव प्रेमियों में रोष
आए दिन वन्य जीवों के शिकार हो रहे हैं, लेकिन वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। संसाधन विहीन विभाग के कारण बढ़ रही शिकार की घटनाओं के कारण वन्य जीव प्रेमियों में भारी रोष है। ओमप्रकाश विश्नोई ,प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, जीव रक्षा प्रदेश संस्था