राज्य के हर परिवार को कैशलैस इलाज के लिए 1 मई 2021 से पूरे प्रदेश में लागू होने जा रही मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में पंजीकरण अभियान शिविरों को लाभार्थियों की सुविधा के लिए अब 30 अप्रेल तक बढ़ा दिया गया है। पंजीकरण शिविर अब ग्राम पंचायत के साथ-साथ गांवों में तथा शहरी क्षेत्रों में वार्ड स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। 30 अप्रेल 2021 तक रजिस्ट्रेशन नहीं करने वाले परिवारों को योजना में लाभ लेने के लिए फिर अगले 3 महीने का इंतजार करना होगा, इसलिये 30 अप्रेल तक ज्यादा से ज्यादा संख्या में आमजन को अपना रजिस्ट्रेशन योजना में करवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियिम और सामाजिक-आर्थिक जनगणना के लाभान्वित परिवारों को योजना में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है। उन्हें पूर्व की भांति योजना का लाभ मिलता रहेगा। ई-मित्र केंद्रों पर योजना में लाभार्थियों का पंजीकरण पूर्णतया नि:शुल्क है। पंजीकरण के लिए आवेदन शुल्क, प्रीमियम जमा शुल्क एवं पॉलिसी डॉक्यूमेंट प्रिंट शुल्क रजिस्ट्रेशन राशि राजस्थान सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। ऐसे परिवार जिनका जनआधार कार्ड नहीं बना है, वो पहले ई-मित्र केन्द्र से अपना जनआधार पंजीयन करवाकर पंजीयन रसीद के आधार पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। जनआधार पंजीयन भी पूर्णतया नि:शुल्क है। इसके लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
राजस्थान स्टेट एश्योरेंस एंजेसी के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी कानाराम ने बताया कि योजना में विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए 1576 पैकेजेज योजना में शामिल किए गए हैं। राज्य सरकार ने गंभीर बीमारियों जैसे हार्ट, कैंसर, किडनी रोग के साथ कोविड और डायलिसिस के उपचार की व्यवस्था भी योजना में की है। योजना से जुड़े किसी भी निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने पर लाभार्थी कैशलैस उपचार का लाभ ले सकते हैं। मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से पांच दिन पहले का और डिस्चार्ज के बाद पन्द्रह दिनों का चिकित्सा खर्च भी पैकेज में शामिल होगा। योजना के अन्तर्गत एनएफएसए कार्डधारियों, लघु व सीमांत कृषक तथा संविदाकर्मियों का सम्पूर्ण प्रीमियम राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य परिवार 850 रुपए प्रतिवर्ष का मामूली प्रीमियम देकर योजना से जुड़ सकते हैं। इसमें आय की कोई सीमा नहीं है। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए हैल्पलाइन नम्बर 1800 180 6127 पर फोन तथा विभाग की वेबसाइट पर विजिट किया जा सकता है।