दिन बढ़े तो चिंता गहराई सूत्र बताते हैं कि शुरुआती दो-चार दिन निकल गए। पहले तो यही समझा गया कि वो किसी काम से चला गया होगा, खुद ही वापस आ जाएगा। उसके नहीं आने से चिंता बढ़ी। इसकी वजह भी यही थी कि कुछ समय बाद उसका मोबाइल बंद हो गया या फिर फॉरवर्ड बताने लगा। पता चला कि उसका मोबाइल पहले उसके भाई और फिर उसके पुराने नंबर पर बताया जा रहा है।
फायरमैन भर्ती के नाम पर गड़बड़ी सूत्रों का कहना है कि नगर परिषद में तरह-तरह की बातें सामने आ रही है। कुछ समय पहले फायरमैन भर्ती के नाम पर कुछ लोगों से महबूब ने अच्छा-खास पैसा लिया था। बताया जाता है कि जिन युवकों के नाम पर पैसा लिया था, उनमें से एक की भी भर्ती नहीं हुई। वहीं क्रिकेट की सट्टेबाजी में भी वो सक्रिय था। उस पर उधारी थी या उसकी रकम डूब गई थी, इस बारे में अभी कुछ सामने नहीं आ पाया है। हालांकि कहा तो यह भी जा रहा है कि एक तरफ पैसा आने और दूसरी तरफ लेनदारों के रकम मांगने की कशमकश के चलते वो रहस्यमय ढंग से लापता हो गया।
एसपी को परिवाद
महबूब के भाई हबीब का कहना है कि तीन संदिग्घ मोबाइल नंबरों से उसके लेन-देन की बात सामने आई है। ये किसी बुकी के नंबर हैं। ऐसा लगता है कि भाई का इनसे कोई विवाद हो अथवा किसी परेशानी में वो घर छोड़ गया। इस बाबत एसपी को भी परिवाद दिया गया है। कोतवाली थाने के संबंधित अधिकारियों से भी इन नंबरों की जांच करने की बात कही है।
कुछ हुए अण्डरग्राउण्ड
परिषद में महबूब को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। पुलिस भी मामले की गंभीरता को देखते हुए पड़ताल में जुटी है। महबूब के लापता होने के बाद से कुछ सट्टे बाज अण्डरग्राउण्ड हो गए हैं। फायरमैन भर्ती को लेकर भी चर्चा तो खूब हो रही, लेकिन सामने बोलने अथवा लिखित में देने से हर कोई बच रहा है।
इनका कहना मामले की जांच एक दिन पहले ही मिली है। मोबाइल की सीडीआर निकलवाने के बाद संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जाएगी। महबूब के किसी तरह के लेन-देन की बात की भी पड़ताल होगी।
-शिवराम, हैड कांस्टेबल कोतवाली नागौर