नागौर

इस वजह से नागौर शहर में पटरी से उतर रही सफाई व्यवस्था

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नागौरMar 05, 2019 / 09:06 pm

Dharmendra gaur

Cleanliness System fail in nagaur Nagar Parishad

बदलते मौसम में सफाई व्यवस्था बेपटरी , समय पर नहीं उठाया जा रहा कचरा , कई वार्डों में लम्बे समय से नहीं हुई सफाई
नागौर. स्वच्छ भारत अभियान में गत वर्ष प्रदेश में 14वीं रेंक हासिल कर चुके नागौर शहर की सफाई व्यवस्था इन दिनों बेपटरी है। स्वच्छ भारत अभियान को लेकर जोर-शोर से हल्ला कर खुद की पीठ थपथपाने वाली नगर परिषद की सफाई व्यवस्था को ग्रहण लग गया है। गौरतलब है कि अभियान में वर्ष 2017-18 में देश भर में 4041 शहरों का सर्वे किया गया जिसमें नागौर नगर परिषद ने देश में 197 वीं तथा राज्य स्तर 14 वीं रेंक प्राप्त की थी। सर्वे के समय सब कुछ ठीक रहा लेकिन उसके बाद अधिकारी व कर्मचारी ढीले पड़ गए। एक बार फिर सर्वेक्षण के नतीजे आने वाले हैं, अब देखना यह है कि नगर परिषद की रेंक क्या रहती है।


कचरे से अटी पड़ी नालियां
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां देश भर में स्वच्छता का नारा दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर सरकारी नुमाइंदों की अनदेखी के चलते शहर में स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही है। शहर में जहां नजर डालें वहां कचरे के ढेर लगे हैं। सफाई नहीं होने से नालियां कचरे से अटी पड़ी है। इससे जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आ रही है। मंगलवार को शहर के सोनीजी की बाड़ी, व्यास कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी, बी रोड, गांधी चौक, खाई की गली, किले की ढाल में कचरे के ढेर लगे थे तो कुछ स्थानों पर नालियों की सफाई लम्बे समय से नहीं हुई। कभी सीवरेज तो कभी अमृत योजना के नाम पर तोड़ी जा रही सडक़ें ठीक होने का नाम नहीं ले रही है।


डेपुटेशन पर सफाई कर्मचारी
शहर में खोदी गई सडक़ें ठीक नहीं किए जाने के चलते सडक़ पर पत्थर व रेत के ढ़ेर लगे रहते हैं। इससे न केवल नालियां जाम हो रही है, इससे गंदा पानी सडक़ों पर जमा हो रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार व स्टाफिंग पैटर्न अनुसार परिषद क्षेत्र की जनगणना 1.08 लाख पर प्रति एक हजार व्यक्ति पर 4 सफाई कर्मचारी की आवश्यकता के अनुसार लगभग 425 सफाई कर्मचारी होने चाहिए। वर्तमान में 256 कर्मचारी कार्यरत है। इनमें से करीब 60 से अधिक सफाई कर्मचारी डेपुटेशन पर हैं। इन्हीं में से कुछ कर्मचारी वाहन चालक तो कुछ बाबू का काम कर रहे हैं। रही सही कसर आगामी लोकसभा चुनाव ने पूरी कर दी। बड़ी संख्या में कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव कार्य में लगाई गई है।

 

कर्मचारी नजर आते हैं, सफाई नहीं
कुछ पार्षदों ने बताया कि शहर में सभी वार्डों मेंं सफाई कर्मचारी तो लगाए हुए हैं और वे ड्यूटी पर भी जाते हैं लेकिन सफाई कार्य पूरा नहीं हो पाता। प्रभावी मॉनीटरिंग तो कहीं वार्ड का दायरा बड़ा होने के कारण शहर की गलियों में सफाई नहीं हो पाती। कुछ स्थानों पर कर्मचारी सफाई कर देते हैं लेकिन कचरा नहीं उठाए जाने से लावारिश पशु कचरे में मुंह मारकर कचरा बिखेर देते हैं। आलम यह है कि कुछ स्थानों पर कर्मचारी महीने में एकाध बार मुंह दिखाई की रस्म अदायगी भर करने आते हैं। उसके बाद ना तो कचरा उठता है और ना ही नियमित सफाई होती है। बदलते मौसम में डॉक्टर भी साफ-सफाई पर ध्यान देने की सलाह देते हैं लेकिन जगह-जगह कचरे के ढेर आम बात है।

जल्द करवाएंगे सुधार
कुछ सफाई कर्मचारियों की लोकसभा चुनाव के कार्य में ड्यूटी लगाए जाने के चलते थोड़ी दिक्कत हो रही है। बहुत जल्द सफाई व्यवस्था में सुधार करवाएंगे।
जोधाराम विश्नोई,आयुक्त नगर परिषद नागौर

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