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डीआईसी महाप्रबंधक छाबड़ा को कलक्टर ने दिया 17 सीसी का नोटिस

locationनागौरPublished: May 29, 2020 07:46:37 pm

Submitted by:

shyam choudhary

लॉकडाउन में कलक्टर के आदेशों की अवहेलना जिला मुख्यालय के उद्यमी भी हैं महाप्रबंधक से नाराज

Notice issued to stop increment of BRCC, Tendukheda and 13 teachers

Notice issued to stop increment of BRCC, Tendukheda and 13 teachers

नागौर. जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने जिले के जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक सुशील कुमार छाबड़ा के विरूद्ध राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 17 के अन्तर्गत अनुशासनिक जांच कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। कलक्टर यादव ने छाबड़ा को 17 सीसीए का नोटिस देकर 15 दिन में लिखित जवाब मांगा है। निर्धारित समयावधि में जवाब पेश नहीं करने पर उनके खिलाफ नियमानुसार एकतरफा कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। गौरतलब है कि महाप्रबंधक के रवैये को लेकर जिले के उद्यमी भी काफी नाराज हैं।
कलक्टर ने बुलाया तो बोले – काम फोन पर बता दो, मैं नहीं आऊंगा
जानकारी के अनुसार जिले में कोविड-19 के लिए किए गए लॉकडाउन के फलस्वरूप जिले के औद्योगिक क्षेत्रों वाले श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाने, श्रमिकों का पलायन रोकने, श्रमिकों का उनकी योग्यता व अनुभव के आधार पर जिले में ही इन क्षेत्रों में रोजगार दिए जाने के लिए जिला कलक्टर के निर्देशानुसार डीआईसी महाप्रबंधक सुशील कुमार छाबड़ा को गुरुवार सुबह 11 बजे कंट्रोल रूम के फोन से तहसीलदार निर्वाचन रूघाराम सेन ने सूचना देकर बुलाया गया।
इसके बाद दोपहर 12.22 पर छाबड़ा ने तहसीलदार (निर्वाचन) से फोन पर काम पूछा तो उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर के निर्देशानुसार श्रमिकों के नियोजन बाबत कार्ययोजना बनानी है, इसलिए आप जिला कलक्ट्रेट कार्यालय आ जाएं। इसके बाद आप द्वारा 12.36 पर दुबारा तहसीलदार (निर्वाचन) के पास फोन कर कहा, ‘जो काम है, वह उसे फोन पर बता दें, मैं कलक्ट्रेट नहीं आऊगां, मैं तो नावां जा रहा हूं।’ इस प्रकार छाबड़ा कलक्ट्रेट कार्यालय से दी गई सूचना के बावजूद जानबूझकर कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। कलक्टर ने नोटिस में बताया कि कोरोना महामारी जैसे अति महत्वपूर्ण व संवेदनशील कार्य के प्रति बरती गई लापरवाही व उदासीनता का उक्त कृत्य दंडनीय है।
पहले भी दो बार नहीं आए
कलक्टर ने नोटिस में दूसरा आरोप लगाते हुए बताया कि लॉकडाउन के फलस्वरूप प्रवासी श्रमिकों की उनके घर तक वापसी सुनिश्चित करने के लिए कार्यालय द्वारा 15 मई व 19 मई को दो बार आदेश जारी कर रेलवे स्टेशन नागौर पर उपस्थित रहकर श्रमिकों को उतारने, पंजीयन करने एवं बसों में बिठाने के लिए व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए महाप्रबंधक छाबड़ा की ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन दोनों आदेशों की जानकारी होने के बावजूद जानबूझ कर उपस्थिति नहीं दी।
महाप्रबंधक का रवैया ठीक नहीं
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक का रवैया उद्यमियों के प्रति भी ठीक नहीं है। उद्यमियों के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली योजनाओं की जानकारी भी नहीं देते और बात करने पर संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं।
– हीरालाल भाटी, उपाध्यक्ष, न्यू रीको क्षेत्रीय विकास समिति, नागौर

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