उन्होंने बताया कि दो वर्ष के अंतराल तक महाविद्यालय में प्रवेश मान्य होता है, लेकिन कई विद्यार्थी ऐसे है, जो पिछले वर्ष प्रथम, द्वितीय या तृतीय वर्ष की परीक्षा में शामिल हुए, इसके बावजूद उन्होंने शपथ पत्र में लिखा कि विगत दो वर्ष में कहीं पर प्रवेश नहीं लिया। इस दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की है। महाविद्यालय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ऐसे विद्यार्थियों के खिलाफ कार्रवाई करने का मानस बनाया है।
शपथ पत्र के आधार पर प्रवेश
उन्होने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया के दौरान एक छात्र ने शपथ पत्र के आधार पर बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया, जबकि पिछले वर्ष इसी महाविद्यालय से वह बीए द्वितीय वर्ष की परीक्षा में शामिल हुआ। इसी प्रकार एक अन्य छात्र ने भी शपथ पत्र के आधार पर बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया, लेकिन पिछले वर्ष स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में उसने बीए द्वितीय वर्ष की परीक्षा दी थी। प्राचार्य ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने पन्द्रह दिन के भीतर टीसी, सीसी व अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने का वचन दिया था, वे विद्यार्थी 20 जुलाई तक प्रपत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते है, तो उनका प्रवेश निरस्त मान लिया जाएगा। कला वर्ग के प्रवेश प्रभारी हेमाराम धुंधवाल ने बताया कि करीब 15 विद्यार्थी ऐसे है, जिन्होंने घोषणा के अनुरुप दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए।