scriptस्टेशन पर घट रही सुविधाओं को लेकर परिवाद दायर | Complaints about missing facilities at the station | Patrika News

स्टेशन पर घट रही सुविधाओं को लेकर परिवाद दायर

locationनागौरPublished: Jul 16, 2019 10:53:25 pm

Submitted by:

Sandeep Pandey

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Crush machine installed on the station for environmental protection, not being used

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मेड़ता सिटी. मेड़ता की आम जनता के रेल यातायात सुविधा के लिहाज से परेशानी के सबब बने रेलवे के विरुद्ध एक परिवाद जनहित याचिका के रूप में मंगलवार को स्थायी लोक अदालत में दायर हुआ। जिस पर लोक अदालत ने उतर-पश्चिम रेलवे जोन के महाप्रबंधक को नोटिस जारी करके 17 अगस्त 2019 को जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए।

अधिवक्ता विमलेश व्यास के जरिए पूर्व आईपीएस अभिनव राजस्थान पार्टी के डॉ. अशोक चौधरी ने स्थायी लोक अदालत में एक परिवार दायर किया। जिस पर लोक अदालत के अध्यक्ष सतीश कुमार व्यास ने सुनवाई कर महाप्रबंधक उ.प रेलवे जोन जयपुर को नोटिस जारी कर 17 अगस्त को जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए। स्थायी लोक अदालत में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22 बी (परिवहन)के तहत मेड़ता सिटी से मेड़ता रोड के बीच अपर्याप्त, अनियमित और अनिश्चत रेल सेवाओं के संबंध में परिवादी ने याचिका दायर की।
इन मुद्दों पर दायर हुई याचिका

जनहित याचिका के रूप में दायर हुए परिवाद में मेड़ता सिटी और इसके आस-पास 3 लाख नागरिकों को सेवा देने वाले एकमात्र रेलवे स्टेशन मेड़ता सिटी को लेकर ध्यान आकर्षित करते हुए परिवादी चौधरी ने बताया कि वर्ष 1905 में मेड़ता सिटी को रेलवे से जोड़ा गया था। भक्त शिरोमणी मीरा तथा उनके आराध्य चतुर्भुजनाथ के दर्शन को लेकर यहां पर्यटकों की आवाजाही रहती है। मेड़ता सिटी जोधपुर स्टेट का मुख्य परगना भी रहा है। लेकिन रेलवे स्टेशन की स्थापना से लेकर आज 114 वर्ष बाद भी यहां की रेलवे सुविधाओं में कोई सुधार नहीं किया गया है, बल्कि सुविधाओं को कम किया गया है। अब यहां मात्र 1 रेलबस चलती है जो वर्ष 1995 में प्रारम्भ की गई थी। यात्रियों की कम संख्या का बहाना करके एक ऐसी सुविधा यहां शुरू की गई जो सुविधा के लिहाज से असफल प्रयोग सिद्ध हुई। आए दिन ये रेलबस बीच रास्ते खराब हो जाती है या किसी कारण से आती भी नहीं है। इस अनिश्चित और अनियमितता के कारण आमजन में अविश्वास हो गया है। रेलवे के यात्रियों को अन्य साधनों से मेड़ता रोड, जोधपुर, बीकानेर, जयपुर जाना पड़ता है। ऐसे में मेड़ता सिटी में रेलवे सुविधा होकर भी नहीं होना चिंता का विषय है। साथ ही कई फेरो में रेलबस में बहुत अधिक भीड़ होती है, क्योंकि इसकी क्षमता ही मात्र 72 सवारी की है। कुछ समय पहले जागरुक नागरिकों द्वारा सकारात्मक आंदोलन चलाए जाने पर रेलवे ने यहां विकल्प के रूप में डीएमयू सुविधा शुरू करने का फैसला किया। इसके लिए मेड़ता रोड में 41 करोड़ की लागत से रख-रखाव केन्द्र बना। तथा जोधपुर मंडल में डीएमयू ट्रेनें भी आई। बावजूद इसके पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार डीएमयू का सदुपयोग करने की योजना नहीं बनी। रेलवे ने केवल औपचारिकता के लिए मेड़ता सिटी से मेड़ता रोड के बीच 5 डिब्बों वाली डीएमयू का एक फेरा सुबह जब यात्रीभार सबसे कम रहता है, उस समय चलाने का फैसला किया। मेड़ता रोड में करोड़ों रुपए का बना शेड और कई डीएमयू रेलवे की लचर नीति के कारण बेकार हो रहे हैं।

मेड़ता-पुष्कर रेलवे लाइन की उपेक्षा
दायर की गई याचिका में बताया गया कि मेड़ता सिटी से पुष्कर रेलवे लाइन के कार्यों की स्वीकृति के बाद भी उपेक्षा की जा रही है। मात्र 59 किमी के इस टूकड़े को जोडऩे से राजस्थान के रेलवे परिवहन में क्रांति आ सकती है। जिस पर रेलवे की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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