लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रपत्र में दिए गए सम्पति विवरण के अनुसार ज्योति मिर्धा मारवाड़ की पांच सीटों में सबसे ज्यादा आभूषण रखने वाली प्रत्याशी है। आंकड़ों के अनुसार ज्योति मिर्धा के पास कुल 90.5 लाख के गहने है। वहीं हनुमान बेनीवाल इस मामले में पीछे रह गए हैं। उनके पास 3.75 लाख के गहने है और उनकी पत्नी के पास 12 लाख के जेवरात है।
ज्योति मिर्धा
नामांकन दाखिल करने के बाद ज्योति मिर्धा ने कहा कि हमने हमारा चुनावी बिगुल बजा दिया है। मिर्धा ने कहा कि वे जनता से पिछले कार्यकाल में करवाए गए विकास कार्यों के नाम पर वोट मांग रही है। मिर्धा ने कहा कि उन्होंने गत कार्यकाल में नागौर में नहर का पानी लाने के लिए जापान से तीन हजार करोड़ लाने, आरओबी स्वीकृत कराने, टाउन हॉल बनवाने, अस्पताल भवन बनवाने में मुख्य भूमिका निभाई थी।
नामांकन दाखिल करने के बाद ज्योति मिर्धा ने कहा कि हमने हमारा चुनावी बिगुल बजा दिया है। मिर्धा ने कहा कि वे जनता से पिछले कार्यकाल में करवाए गए विकास कार्यों के नाम पर वोट मांग रही है। मिर्धा ने कहा कि उन्होंने गत कार्यकाल में नागौर में नहर का पानी लाने के लिए जापान से तीन हजार करोड़ लाने, आरओबी स्वीकृत कराने, टाउन हॉल बनवाने, अस्पताल भवन बनवाने में मुख्य भूमिका निभाई थी।
संपत्ति विवरण
65.06 करोड़ रुपए लगभग
नकद: 3.40 लाख रुपए
बैंक जमा : 5.13 करोड़ रुपए
गहने : 2.756 किलो सोना
अचल सम्पत्ति : 27.31 करोड़
निवेश : 16.90 करोड़ लगभग
देयता : 9.71 करोड़ रुपए
आपराधिक केस : कोई नहीं
65.06 करोड़ रुपए लगभग
नकद: 3.40 लाख रुपए
बैंक जमा : 5.13 करोड़ रुपए
गहने : 2.756 किलो सोना
अचल सम्पत्ति : 27.31 करोड़
निवेश : 16.90 करोड़ लगभग
देयता : 9.71 करोड़ रुपए
आपराधिक केस : कोई नहीं
देश की एकमात्र सीट जहां भाजपा ने किया गठबंधन
नागौर प्रदेश की 25 में से वह एकमात्र ऐसी सीट है, जहां भाजपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतार कर रालोपा से गठबंधन किया है। हालांकि इससे पहले रालोपा व कांग्रेस के गठबंधन और कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति के भाजपा में जाने की चर्चाएं भी जोरों पर रही। लेकिन जब कांग्रेस ने ज्योति मिर्धा को टिकट दे दिया, तो भाजपा ने गठबंधन कर नया दावं खेला। कुछ स्थानीय भाजपा नेताओं की ओर से मौजूदा सांसद व केन्द्रीय मंत्री सीआर चौधरी के टिकट की खिलाफत भी इस गठबंधन की नींव बनी।
नागौर प्रदेश की 25 में से वह एकमात्र ऐसी सीट है, जहां भाजपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतार कर रालोपा से गठबंधन किया है। हालांकि इससे पहले रालोपा व कांग्रेस के गठबंधन और कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति के भाजपा में जाने की चर्चाएं भी जोरों पर रही। लेकिन जब कांग्रेस ने ज्योति मिर्धा को टिकट दे दिया, तो भाजपा ने गठबंधन कर नया दावं खेला। कुछ स्थानीय भाजपा नेताओं की ओर से मौजूदा सांसद व केन्द्रीय मंत्री सीआर चौधरी के टिकट की खिलाफत भी इस गठबंधन की नींव बनी।