उपभोक्ता अपने अधिकार के प्रति और सजग हो: लाटा
नागौर. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नागौर के अध्यक्ष डॉ श्याम सुंदर लाटा ने कहा कि आम उपभोक्ताओं को अधिकार के प्रति सजग करने के लिए अभी जागरुकता की और आवश्यकता है। अभी पढ़े-लिखे ही जागरूक हो पाए हैं, ग्रामीण इलाकों के लोग या तो अधिकार से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं या फिर वे इस प्रक्रिया से बच रहे हैं।
नागौर
Published: April 30, 2022 10:05:33 pm
लाटा ने अपने इंटरव्यू में कहा कि हर उपभोक्ता को सरल तरीके से सुलभ न्याय जल्द से जल्द मिले, इसीलिए ये आयोग गठित किए गए हैं। पांच लाख तक के दावे के लिए कोई फीस नहीं है और उपभोक्ता चाहे तो खुद ही पैरवी कर सकता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि लोग अपने अधिकारों के प्रति सजग नहीं हैं, लेकिन अभी उपभोक्ता हित की इस व्यवस्था को और मजबूत करना होगा। जागरूकता के कार्यक्रम तो काफी चल रहे हैं, पर इनमें बढ़ोत्तरी की जरुरत है। इसके लिए सेमिनार/कार्यशाला के अलावा ग्राम पंचायत स्तर तक कार्यक्रम बढ़ाए जाने चाहिए।
मा कंपनी हो या बैंक, क्लेम/लोन देने के लिए उपभोक्ताओं को भरमाने का काम कर रही हैं। बीमा करने अथवा लोन देने के लिए वो राहत का झांसा देकर सब्जबाग दिखाते हैं, महीन अक्षर अथवा अंग्रेजी में शर्तें छिपाते हुए अपना क्लाइंट फंसा लेते हैं। पढ़ा-लिखा भी उनके झांसे में फंस जाता है। बाद में किसी भी दावे के समय यह इसका उल्लेख कर उसे खारिज करवा रहे हैं। इस पर नियामक आयोग को नजर रखनी होगी। साथ ही पॉलिसी की तमाम शर्तें सरल भाषा में ङ्क्षहदी में हों ताकि उपभोक्ता ठगी का शिकार न हो पाए। सरकारी कंपनियां/विभाग ऐसा नहीं करते, वो क्लेम भी तुरंत दे देते हैं, लेकिन निजी कंपनी इसे खारिज करवाने में जुटी रहती हैं।
पब्लिक का पैसा
लुटने से रुके
आयोग अध्यक्ष लाटा ने कहा कि पब्लिक से पैसा एकत्र करने के नाम पर कॉपरेटिव सोसायटी में पैसा फंसने के कई मामले सामने आ रहे हैं। असल में अलग-अलग तरह से मुनाफे का लालच देकर उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाली सोसायटी पर आयोग तो कार्यवाही करता है, इनको लाइसेंस देने के नियम और कड़े होने चाहिएं।
बिजली के मामले ज्यादा
उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि नागौर में बिजली से संबंधित मामले ज्यादा आते हैं। अब फसल बीमा कंपनी के पीडि़त भी दावा कर रहे हैं। आयोग के आदेश की अवहेलना करने पर तीन साल की सजा का प्रावधान तक है। अवमानना करने पर सम्पत्ति तक कुर्क की जा सकती है। उपभोक्ता को अपने अधिकारों का उपयोग करने के साथ अन्य लोगों तक इसका प्रचार-प्रसार भी करना चाहिए।

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नागौर के अध्यक्ष डॉ श्याम सुंदर लाटा
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