रोडवेज में सफर कर सकता है हवाई यात्राओं का शौकीन कोरोना !
विदेश से प्रवासियों के जरिए भारत तक पहुंचे वायरस के लोकल सफर का अंदेशा, बस चालक व परिचालकों के बीच रोज ही अदल-बदल हो रहे रजाई व गद्दे

जीतेश रावल
नागौर. विदेशी धरती से हवाई यात्रा के जरिए भारत तक पहुंचा कोरोना रोडवेज बसों में भी सफर कर सकता है। रोडवेज बसों में सफर करते हुए यह वायरस चालक-परिचालक पर हमला कर सकता है, जिनके जरिए पूरी बस व उनके सम्पर्क में आने वाले भी संक्रमित हो सकते हैं। दूर-दराज का सफर करते हुए घर से बाहर नाइट स्टे करने वाले रोडवेज कर्मचारियों पर इसका खतरा ज्यादा है। केवल नागौर ही नहीं वरन् प्रदेशभर की यही स्थिति है। चौंकना लाजिमी पर हकीकत यही है। चालक व परिचालक अपनी बसों में जो रजाई व गद्दे ले जा रहे हैं वे संक्रमित भी हो सकते हैं। ऐसे में एक से दूसरे तक पहुंच रहे इन बिस्तरों से संक्रमण का अंदेशा है। हालांकि अभी इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सावचेती नहीं बरती गई तो ये रजाई-गद्दे बड़े खतरे का वाहक बन सकते हैं।
दिन में बैठ जाते हैं यात्री भी
बसों का सफर करने वाले रजाई-गद्दे रात को चालक व परिचालक के काम आते हैं, लेकिन दिन में ये कहीं भी रखे रहते हैं। कई बार लगेज रखने वाली ऊपरी जाली में तो कभी स्लीपर बॉक्स में रखे जाते हैं। कई बार गैलेरी में ही कोने में रख दिए जाते हैं, जिन पर कोई यात्री बैठ भी जाता है। ऐसे में बिस्तरों के जरिए संक्रमण का खतरा हर समय बना हुआ है।
खतरनाक है बगैर सफाई के बिस्तर
बिस्तर किराए पर देने वाले लोग भी इनमें केवल कमाई ही ढूंढते हैं। बिस्तर प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर देते हैं, लेकिन इनकी सफाई पर ध्यान नहीं देते। हर बार यही होता है कि बिस्तर एक बस से आए और दूसरी बस में चढ़ गए। कई बार बस चालक ही आमने-सामने वाली बस में इन बिस्तरों का आदान-प्रदान कर देते है। इसका किराया बस स्टैंड आने वाला परिचालक सम्बंधित व्यक्ति को दे देता है। सफाई के बगैर आगे से आगे चल रहे बिस्तर खतरनाक साबित हो सकते हैं।
देखकर ही मन मैला हो जाए
आमतौर पर चालक-परिचालक अपनी इच्छित जगहों से बिस्तर ले जाते हैं। कई बार रास्ते में आने वाले परिचित की दुकान से भी लेते हैं। वैसे नागौर शहर में रोडवेज बस स्टैंड पर भी ऐसी व्यवस्था है, जहां से बिस्तर किराए पर मिलते हैं। यहां खंभों के पास बिस्तरों का ढेर पड़ा रहता है। गंदी हालत में रखे इन बिस्तरों को देखकर ही मन मैला हो जाता है, लेकिन ये रोज ही बसों में सफर करते हैं।
लापरवाही बरतना गंभीर है...
इस तरह की लापरवाही गंभीर है। हम लोग सतर्कता बरत रहे हैं और एहतियात के तौर पर बस स्टैंड परिसर में चल रही दुकानों को बंद करवाया है। फिर भी सावधान एवं सावचेत रहने की जरूरत है, ताकि संक्रमण का खतरा टल सके।
- गणेशकुमार शर्मा, रोडवेज आगार प्रबंधक, नागौर
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